उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में खाद की भारी कमी से किसान परेशान हैं। कई दिनों से खाद न मिलने पर किसानों का सब्र आखिर टूट गया और उन्होंने खरीद केंद्र के एक कर्मचारी पर हमला बोल दिया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें किसान कर्मचारी को दौड़ाते और पीटते नजर आ रहे हैं। इसके बाद किसानों ने हाईवे जाम कर दिया और पैलानी तहसील में धरना दे दिया। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर हालात संभाले, लेकिन जिले के हजारों किसान अभी भी खाद के इंतजार में हैं। यह संकट रबी फसलों की बुवाई को प्रभावित कर रहा है।
बुवाई में देरी, फसल पर असर
किसानों का कहना है कि खाद न मिलने से बुवाई देरी से हो रही है, जिससे फसल की पैदावार कम हो सकती है। वे सुबह से शाम तक लाइनों में लगे रहते हैं, लेकिन खाद का नामोनिशान नहीं। कई किसानों ने कालाबाजारी का आरोप लगाया है। सदर तहसील के मंडी समिति के खरीद केंद्र पर सुबह ही लंबी कतारें लग जाती हैं। कर्मचारियों पर जबरन 226 रुपये लेकर बी-पैक्स सदस्य बनाने का भी इल्जाम है। इसी गुस्से में किसानों ने कर्मचारी से धक्का-मुक्की की और फिर पीट दिया। वीडियो में कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए भागते दिख रहे हैं।
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कालाबाजारी का आरोप
प्राइवेट दुकानों पर खाद की कोई कमी नहीं बताई जा रही, लेकिन सरकारी केंद्रों पर व्यवस्था चरमरा गई है। किसानों का मानना है कि विभाग की मिलीभगत से खाद कालाबाजारी हो रही है और 1200 रुपये की MRP पर 1500 रुपये में बेची जा रही है। SDM नमन मेहता ने मौके पर पहुंचकर किसानों की फरियाद सुनी। उन्होंने कुछ किसानों को खाद उपलब्ध कराई और आश्वासन दिया कि सभी को टोकन के आधार पर खाद मिलेगी। SDM ने कहा कि पर्याप्त खाद उपलब्ध है, लेकिन भीड़ ज्यादा होने से हंगामा हुआ। मारपीट की घटना से इनकार किया, लेकिन वीडियो सबूतों के सामने यह दावा कमजोर लग रहा है।
SDM की कार्रवाई
SDM नमन मेहता ने साफ कहा कि खाद की व्यवस्था की जा रही है और सभी किसानों को टोकन के हिसाब से ही वितरण होगा। बाजार में ब्लैकमार्केटिंग रोकने के लिए राजस्व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। उन्होंने खुद भी ड्यूटी देने का ऐलान किया। SDM ने बताया कि 2000 से 2500 किसान मौजूद थे, लेकिन अब सबको खाद पहुँचाई जाएगी। सदस्यता का काम भी चल रहा है। इस घटना से प्रशासन हाई अलर्ट पर है और कालाबाजारी पर सख्ती की बात कही गई है।
किसानों की परेशानी बनी रही
बांदा में यह खाद संकट किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। वे भूखे-प्यासे लाइनों में खड़े रहते हैं, लेकिन खाद न मिलने से बुवाई का मौसम खिसक रहा है। प्रशासन की कोशिशें जारी हैं, लेकिन किसानों को तत्काल राहत की जरूरत है। यह समस्या न सिर्फ बांदा तक सीमित है, बल्कि पूरे यूपी में खाद की किल्लत की शिकायतें आ रही हैं। किसान भाइयों को चाहिए कि वे टोकन सिस्टम का पालन करें और प्रशासन से संपर्क बनाए रखें। उम्मीद है कि जल्द ही व्यवस्था पटरी पर आएगी।
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