यह कंपनी छोटे किसानों की आय और मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए शुरू कर रही है मॉनसून मक्का फेस्टिवल

किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में काम करने वाली वैश्विक कंपनी बायर राजस्थान के बारां, झालावाड़, बूंदी, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, और प्रतापगढ़ जिलों में मक्का की खेती पर कार्यशालाएँ आयोजित कर रही है। इन कार्यशालाओं के जरिए छोटे किसानों को मक्का की खेती की नई तकनीक सिखाई जाएगी, ताकि उनकी पैदावार बढ़े और कमाई में इजाफा हो। बायर का मकसद है “सबके लिए स्वास्थ्य और किसी को भूखा नहीं रहने देना”, और ये पहल उस दिशा में एक बड़ा कदम है।

DEKALB हाइब्रिड्स से बंपर पैदावार

इन कार्यशालाओं में किसानों को बायर के DEKALB खरीफ हाइब्रिड्स के बारे में बताया जाएगा। ये हाइब्रिड्स अलग-अलग बुवाई की स्थितियों में अच्छे से उगते हैं और टिकाऊ होते हैं। DEKALB हाइब्रिड्स में 65-70% स्टार्च और 8-9% प्रोटीन होता है, जो डिस्टिलरी और पोल्ट्री फीड उद्योगों के लिए फायदेमंद है। इससे उच्च गुणवत्ता का एथनॉल और पोल्ट्री फीड बनाया जा सकता है। कार्यशालाओं में उन किसानों की सफलता की कहानियाँ भी सुनाई जाएँगी, जिन्होंने DEKALB हाइब्रिड्स का इस्तेमाल कर बंपर पैदावार हासिल की है।

किसानों को नई तकनीक की जानकारी

बायर की इन कार्यशालाओं में किसानों को उन्नत फसल प्रबंधन तकनीकों की पूरी जानकारी दी जाएगी। किसान नई तकनीकों का लाइव प्रदर्शन देख सकेंगे, जिससे वे इन्हें अपने खेतों में आसानी से अपना सकेंगे। विशेषज्ञ सतत खेती की तकनीकों पर मार्गदर्शन देंगे, ताकि मिट्टी की सेहत बनी रहे और पैदावार बढ़े। मक्का की खेती भोजन, पशुओं के चारे, और ईंधन के लिए बहुत जरूरी है। ये फसल हर तरह के मौसम और जमीन में उग सकती है, जिससे ये टिकाऊ खेती के लिए भी मुफीद है। कार्यशालाओं में किसानों को मक्का की अहमियत समझाई जाएगी।

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खेती में आत्मनिर्भरता की पहल

बायर के क्रॉपसाइंस डिवीजन के क्लस्टर कमर्शियल लीड मोहन बाबू ने बताया कि ये कार्यशालाएँ किसानों को नई तकनीकें अपनाने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा, “खरीफ सीजन में मक्का की पैदावार बढ़ाना बहुत जरूरी है। हमारी कार्यशालाओं से किसान नई तकनीकें सीखकर अपनी उत्पादकता बढ़ा सकेंगे। राजस्थान जैसे राज्यों में मक्का उत्पादन को बढ़ाकर हम भारत की आत्मनिर्भरता में योगदान देना चाहते हैं।” बायर का मकसद है कि मक्का की खेती से किसानों की कमाई बढ़े और देश में खाने की कमी न हो।

FarmRise ऐप से मिलेगा फायदा

इन कार्यशालाओं में किसानों को बायर के FarmRise ऐप से जोड़ा जाएगा। इस ऐप के जरिए QR कोड आधारित पुरस्कार प्रणाली दी जाएगी, जिससे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, वे बायर के कृषि नेटवर्क से जुड़ सकेंगे। FarmRise ऐप किसानों को खेती की सही जानकारी देता है, जिससे उनकी लागत कम होती है और पैदावार बढ़ती है। कार्यशालाओं में व्यावहारिक शिक्षा और विशेषज्ञों से सीधा संपर्क होगा, ताकि किसान भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहें।

मक्का की खेती भारत में लाखों किसानों की कमाई का जरिया है। ये फसल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है। बायर की ये पहल छोटे किसानों को सशक्त बनाएगी और उनकी आय बढ़ाएगी। अगर आप भी इन कार्यशालाओं में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो बायर के टोल-फ्री नंबर 1800-120-4049 पर कॉल करें। बायर की कार्यशालाएँ मक्का की खेती को आसान और फायदेमंद बनाएँगी, जिससे किसान भाई ज्यादा कमाई कर सकेंगे।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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