Beej Bhigone Ka Sahi Tarika: किसान भाइयों, खेती में अच्छी फसल का राज़ है मजबूत शुरुआत, और ये शुरुआत होती है बीज के सही अंकुरण से। लेकिन कई बार आप बीज भिगोने जैसी छोटी सी बात को नजरअंदाज कर देते हैं, जो फसल की सेहत पर बड़ा असर डालती है। सही तरीके से बीज भिगोने से न सिर्फ़ पौधे जल्दी और एकसमान निकलते हैं, बल्कि वो ज्यादा ताकतवर और स्वस्थ भी होते हैं। चाहे आप गेहूं बोएँ, धान उगाएँ, या सब्जियों की खेती करें, हर फसल के बीज को भिगोने का सही समय और तरीका जानना जरूरी है। आइए, जानें कि बीज भिगोना क्यों जरूरी है और अलग-अलग फसलों के लिए इसे कैसे करें।
बीज भिगोने का महत्व
बीज भिगोना इसलिए जरूरी है, क्योंकि हर बीज के बाहर एक सख्त खोल होता है, जो अंकुरण में समय लेता है। जब आप बीज को पानी में भिगोते हैं, तो ये खोल नरम हो जाता है और बीज जल्दी फटकर पौधा बनने लगता है। इससे खेत में सारे पौधे एकसाथ और एकसमान बढ़ते हैं, जिससे फसल की शुरुआत मजबूत होती है। सही अंकुरण से पौधों को कीटों और बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है, और अंत में आपको ज्यादा पैदावार मिलती है। देसी किसान अक्सर गोमूत्र या गोबर का घोल मिलाकर बीज भिगोते हैं, जो अंकुरण को और बेहतर बनाता है।
गेहूं, चना, मूंग और उड़द के बीज
गेहूं, चना, मूंग और उड़द जैसी फसलों के बीज भिगोने में ज्यादा समय नहीं लगता। इन्हें साफ पानी में 6 से 8 घंटे भिगोना काफी है। इस दौरान बीज का सख्त खोल नरम हो जाता है, और अंकुरण तेजी से होता है। अगर आप चाहें, तो पानी में थोड़ा गोमूत्र मिला सकते हैं, जो बीज को बीमारियों से बचाता है। भिगोने के बाद बीज को छानकर तुरंत खेत में बो दें, ताकि वो सही समय पर अंकुरित हों। इन फसलों के लिए ज्यादा देर भिगोने से बचें, वरना बीज गल सकते हैं।
धान के बीज की खास तैयारी
धान की खेती में बीज भिगोना थोड़ा अलग तरीके से होता है। धान के बीज को पहले 24 घंटे साफ पानी में भिगोएँ। इसके बाद, बीज को पानी से निकालकर एक गीले कपड़े में लपेटकर 24 घंटे छायादार जगह में रखें। इस प्रक्रिया से बीज में छोटे-छोटे अंकुर निकलने लगते हैं, और खेत में बोने पर अंकुरण तेज और एकसमान होता है। ध्यान रखें कि बीज को ज्यादा देर पानी में न छोड़ें, वरना वो फट सकता है। देसी किसान अक्सर पानी में थोड़ा नमक मिलाते हैं, जो बीज को मजबूत बनाता है।
मक्का के बीज का सही समय
मक्का के बीज को भिगोने के लिए 12 से 16 घंटे का समय काफी है। इस दौरान बीज में नमी अच्छे से समा जाती है, जिससे अंकुरण तेज होता है। अगर आपके खेत की मिट्टी सूखी है, तो भिगोए हुए बीज बोने से पौधे जल्दी और मजबूत निकलते हैं। पानी में हल्का गोबर का घोल मिलाने से बीज को अतिरिक्त पोषण मिलता है। भिगोने के बाद बीज को ज्यादा देर बाहर न रखें, बल्कि तुरंत खेत में बो दें। इससे मक्का की फसल की शुरुआत शानदार होगी।
लौकी, तोरई, कद्दू, करेला
लौकी, तोरई, कद्दू और करेला जैसे सब्जियों के बीज का खोल थोड़ा सख्त होता है। इन्हें 10 से 12 घंटे साफ पानी में भिगोएँ। ज्यादा समय भिगोने से बीज गलने का डर रहता है, इसलिए समय का ध्यान रखें। कुछ देसी किसान पानी में थोड़ा नीम का अर्क मिलाते हैं, जो बीज को कीटों और बीमारियों से बचाता है। भिगोने के बाद बीज को हल्का सुखाकर तुरंत खेत में बो दें। इससे इन सब्जियों के पौधे जल्दी और स्वस्थ निकलते हैं।
तरबूज, खरबूज, खीरा और ककड़ी
तरबूज, खरबूज, खीरा और ककड़ी के बीज को भिगोने के लिए 6 से 8 घंटे का समय पर्याप्त है। इनके बीज छोटे और नाजुक होते हैं, इसलिए ज्यादा देर भिगोने की जरूरत नहीं। देसी तरीके में कई किसान पानी में हल्का गोबर का घोल मिलाते हैं, जिससे अंकुरण और बेहतर होता है। भिगोने के बाद बीज को तुरंत खेत में बो दें, ताकि वो सही समय पर अंकुरित हों। इन फसलों के लिए सही अंकुरण से पौधे हरे-भरे और ताकतवर बनते हैं।
मेथी और धनिया के बीज
मेथी और धनिया जैसे हरे पत्तों वाली फसलों के बीज को 8 घंटे भिगोना चाहिए। मेथी के बीज को भिगोने से न सिर्फ़ अंकुरण तेज होता है, बल्कि पौधे ज्यादा हरे और घने बनते हैं। धनिया के बीज को भिगोने से पौधों की शुरुआत मजबूत होती है। पानी में थोड़ा गोमूत्र मिलाने से बीज को बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। भिगोने के बाद बीज को ज्यादा देर न रखें, बल्कि तुरंत खेत में बो दें।
सरसों और अलसी के बीज
सरसों और अलसी के बीज छोटे और तैलीय होते हैं, इसलिए इन्हें 4 से 6 घंटे भिगोना काफी है। ज्यादा देर भिगोने से बीज फिसलन भरे हो जाते हैं, जो अंकुरण को नुकसान पहुँचा सकता है। पानी में हल्का नमक मिलाने से बीज को कीटों से बचाव मिलता है। भिगोने के बाद बीज को हल्का सुखाकर खेत में बो दें। इससे इन फसलों की शुरुआत तेज और स्वस्थ होगी।
बीज भिगोने की सावधानियाँ
बीज भिगोते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हमेशा साफ और सामान्य तापमान वाला पानी इस्तेमाल करें। ज्यादा ठंडा या गर्म पानी बीज को नुकसान पहुँचा सकता है। हर फसल के लिए सही समय का पालन करें, क्योंकि ज्यादा देर भिगोने से बीज सड़ सकते हैं। भिगोने के बाद बीज को तुरंत खेत में बो दें, वरना अंकुरण शुरू हो सकता है और खेत में जमने से पहले बीज खराब हो सकता है। कुछ फसलों के लिए पानी में हल्का नमक, गोमूत्र, या बायोफर्टिलाइजर मिलाना फायदेमंद है, क्योंकि ये बीज को बीमारियों से बचाते हैं।
मजबूत फसल की पहली सीढ़ी
बीज भिगोना भले ही छोटी सी प्रक्रिया लगे, लेकिन ये आपकी फसल की नींव तैयार करता है। अगर आप हर फसल के बीज को सही समय और तरीके से भिगोएँ, तो पौधे शुरुआत से ही मजबूत होंगे। इससे न सिर्फ़ अंकुरण बेहतर होगा, बल्कि कीटों और बीमारियों से लड़ने की ताकत भी बढ़ेगी। नतीजा? आपकी मेहनत कम लगेगी और पैदावार ज्यादा होगी। अपने स्थानीय कृषि केंद्र से संपर्क करें और बीज भिगोने की सही तकनीक के बारे में और सलाह लें। इस छोटे से कदम से आपकी फसल की शुरुआत शानदार होगी।
ये भी पढ़ें- 2025 की टॉप 5 हाइब्रिड सब्जी बीज कंपनियां, किसानों के लिए सबसे भरोसेमंद नाम