Beetel Goat Palan: हमारे देश में बकरे-बकरियों की 40 से भी ज्यादा नस्लें मौजूद हैं, और हर एक की अपनी खास बात है। कोई नस्ल मांस के लिए मशहूर है तो कोई दूध के लिए पाली जाती है। कुछ ऐसी भी हैं जो दोनों काम कर देती हैं। इन्हीं में से एक है बीटल नस्ल की बकरी, जिसका नाम सुनते ही गाँव के किसान भाइयों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। ये बकरी इतनी खास है कि लोग इसका मुकाबला सीधे गाय से करते हैं। आजकल पशुपालन में बकरी पालन का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
सरकारी आंकड़ों की मानें तो नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत सबसे ज्यादा लोग बकरी पालन के लिए लोन ले रहे हैं। बात सिर्फ बकरे के मांस की नहीं, अब तो बकरी के दूध की माँग भी आसमान छू रही है। गाँव-शहर में लोग इसे दवा की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं, और दूध से बनी चीजें तो और भी पसंद की जा रही हैं।
कम चारे में ज्यादा दूध का कमाल
बीटल बकरी की सबसे बड़ी खूबी यही है कि ये गाय से भी ज्यादा दूध देती है, वो भी आधे से कम चारे में। मूल रूप से ये नस्ल पंजाब की है, लेकिन हरियाणा में भी इसे खूब पाला जाता है। इतना ही नहीं, बिहार और दूसरे प्रदेशों के किसान भी इसे अपने यहाँ ले जा रहे हैं। बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी, पटना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह बताते हैं कि ये बकरी एक दिन में 5 लीटर तक दूध दे सकती है।
अब सोचिए, हमारी देसी गाय तो औसतन 2.5 से 3 लीटर ही देती है। चारे की बात करें तो गाय को रोज 7-8 किलो सूखा चारा चाहिए, लेकिन बीटल बकरी 2-2.5 किलो में ही गुजारा कर लेती है। यानी खर्च कम और फायदा ज्यादा। गाँव में जिसके पास थोड़ी-सी जमीन है, वो भी इसे आसानी से पाल सकता है।
घर और कारोबार दोनों के लिए फायदेमंद
बीटल बकरी की एक और खासियत है कि ये साल में दो बार बच्चे देती है, और हर बार 2-3 बच्चे। गाय तो इस मामले में कहीं पीछे रह जाती है। अगर आप घर में दूध की जरूरत पूरी करने के लिए इसे पालते हैं, तो बाजार से दूध खरीदने का खर्चा बच जाएगा। और अगर इसे कारोबार के लिए पालते हैं, तो मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है।
आजकल बकरी के दूध की कीमत भी कोई तय नहीं है। खासकर डेंगू जैसी बीमारी के दिनों में लोग इसे हाथोंहाथ लेते हैं। कई लोग तो मोटी रकम देकर भी इसे खरीदते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ये सेहत के लिए रामबाण है। गाँव में रहने वाले किसान भाइयों के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं।
गाँव की मिट्टी से जुड़ी नस्ल
पंजाब की इस बकरी को पालना आसान है। ये हमारे देसी मौसम और खान-पान में ढल जाती है। गाय की तरह इसे बड़े बाड़े या खास देखभाल की जरूरत नहीं। थोड़ा-सा हरा चारा, थोड़ा सूखा चारा, और ये तैयार है आपके लिए दूध देने को। साथ ही, इसके बच्चे भी जल्दी बड़े हो जाते हैं, जिन्हें बेचकर आप अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। चाहे छोटा किसान हो या बड़ा, हर किसी के लिए ये फायदे का सौदा है। डॉ. इन्द्रजीत सिंह कहते हैं कि बीटल बकरी न सिर्फ दूध देती है, बल्कि किसानों की जिंदगी को आसान भी बनाती है।
आज की माँग, कल का फायदा
अब जब बकरी का दूध दवा से लेकर खाने तक हर जगह इस्तेमाल हो रहा है, तो बीटल जैसी नस्ल की कीमत समझ में आती है। गाँव में रहने वाले किसान भाई अगर इसे पालें, तो न सिर्फ अपने परिवार का खर्चा बचाएंगे, बल्कि बाजार में बिक्री करके अच्छी कमाई भी कर सकते हैं। ये बकरी उन लोगों के लिए भी सही है जो कम पूंजी से पशुपालन शुरू करना चाहते हैं। तो सोच क्या रहे हैं? अपने खेत-खलिहान में बीटल बकरी को जगह दें और देखें कि कैसे ये आपके लिए दूध और दौलत दोनों लेकर आती है।
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