आ गया रासायनिक खाद का बाप यह ‘आर्गेनिक खाद’ फसल देगी रिकॉर्ड तोड़ पैदावार

Benefits of Organic Fertilizer Vermiwash: गाँवों में खेती को बढ़िया बनाने के लिए किसान भाई तरह-तरह के तरीके आजमाते हैं, लेकिन आजकल रासायनिक खादों का बेतहाशा इस्तेमाल मिट्टी और फसलों को नुकसान पहुँचा रहा है। ऐसे में वर्मीवाश एक देसी और सस्ता उपाय बनकर सामने आया है। ये रासायनिक खादों का बेहतरीन विकल्प है, जो न सिर्फ फसलों का अंकुरण बेहतर करता है, बल्कि उनका विकास तेज करता है और पैदावार भी बढ़ाता है। इसे इस्तेमाल करने से डीएपी और यूरिया को भूल सकते हैं। बस 10 लीटर पानी में 1 लीटर वर्मीवाश मिलाकर फसलों पर छिड़क दें। ये नेचुरल तरीका मिट्टी को पोषण देता है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचाता। आइए, इसके फायदों को समझते हैं।

वर्मीवाश क्या है और कैसे बनता है

वर्मीवाश एक भूरा, तरल जैविक उर्वरक है, जो केंचुओं की मदद से तैयार होता है। ये वर्मी कंपोस्ट बनाते वक्त निकलता है या अलग से भी बनाया जा सकता है। इसमें केंचुओं के छोड़े गए हार्मोन, एंजाइम और पोषक तत्व होते हैं, जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश। ये सारे तत्व फसलों को ताकत देते हैं और फूल-फलों को बढ़ाने में मदद करते हैं। सबसे बड़ी बात, इसका कोई बचा-खुचा हिस्सा मिट्टी के लिए नुकसानदेह नहीं होता। वर्मीवाश ऐसा ही देसी नुस्खा है।

पैदावार में बढ़ोतरी और फायदे

वर्मीवाश का इस्तेमाल करने से फसलों की पैदावार 10-15% तक बढ़ जाती है। ये फसल की क्वालिटी को बेहतर करता है और उस पर कोई बुरा असर नहीं डालता। सब्जियाँ हों या अनाज, ये हर फसल के लिए कारगर है। इतना ही नहीं, इसे कीटनाशक और रोगनाशक की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें मौजूद तत्व पौधों को रोगों से लड़ने की ताकत देते हैं। ये सस्ता होने के साथ-साथ पर्यावरण का दोस्त भी है, जो रासायनिक खादों से होने वाले नुकसान से बचाता है।

सस्ते में तैयार, बड़ा मुनाफा

ग्रामीण इलाकों में कई किसान और पशुपालक वर्मी कंपोस्ट यूनिट चलाते हैं। केंचुआ खाद तो खेतों में डाल दी जाती है, लेकिन उसका बचा तरल पदार्थ अक्सर कचरे की तरह फेंक दिया जाता है। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि यही तरल पदार्थ वर्मीवाश है, जिससे लाखों की कमाई हो सकती है। गया जिले के बगदाहा गाँव के किसान श्रीनिवास कुमार इसका सबूत हैं। वो वर्मीवाश बनाकर 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचते हैं और इससे हजारों की आमदनी कर रहे हैं।

यूरिया-डीएपी को कहें अलविदा

कृषि जानकार बताते हैं कि वर्मीवाश छिड़कने से पौधों का अंकुरण सही होता है और फसल तेजी से बढ़ती है। इसे कंटेनर में इकट्ठा करना आसान है और छिड़काव भी बड़ा सरल। 10 लीटर पानी में 1 लीटर वर्मीवाश मिलाकर फसलों पर डालें। फलदार पेड़ों के चारों ओर आधा लीटर घोल गोलाई में डाल सकते हैं। सबसे बड़ी बात, इसके बाद यूरिया, डीएपी या दूसरी रासायनिक खाद की जरूरत नहीं पड़ती। ये इनसे ज्यादा ताकतवर है और मिट्टी को भी सेहतमंद रखता है। गाँव में लोग कहते हैं कि जब देसी तरीका काम करे, तो महंगे रास्ते क्यों अपनाएँ?

कैसे करें इस्तेमाल

वर्मीवाश को इस्तेमाल करना बिल्कुल आसान है। इसे पानी में मिलाकर स्प्रे बोतल से फसलों पर छिड़कें या जड़ों के पास डालें। ये पौधों को पोषण देता है और कीट-रोगों से भी बचाता है। गाँव में इसे बनाने के लिए केंचुओं को गोबर और कचरे में डालकर कंपोस्ट तैयार करते हैं, फिर उसका तरल निकाल लेते हैं। ये सस्ता है और हर किसान इसे घर पर बना सकता है। इससे न सिर्फ खेती का खर्च कम होगा, बल्कि मिट्टी की उम्र भी बढ़ेगी।

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  • Shashikant

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