किसान भाइयों आज हम बात करेंगे बरसीम की खेती के बारे में, यह फसल न सिर्फ पशुओं को ताकतवर चारा देती है, बल्कि किसान की जेब भी भरती है। हमारे गाँवों में तो बरसीम को ‘फॉडर किंग’ कहते हैं, क्योंकि यह नवंबर से जून तक 5-6 कटाई देती है। 70-100 टन प्रति हेक्टेयर तक हरा चारा! लेकिन चुनौती यह है कि सही किस्म चुनो, वरना रोग लग गया तो सारा सपना चूर।
आज हम बात करेंगे बरसीम की उन किस्मों की, जो कम पानी में ज्यादा चारा देती हैं। BL सीरीज़ से लेकर Bundel तक, और 2025 की नई QS Berseem तक—ये सब आपके खेत को हरा-भरा रखेंगी। थोड़े देसी नुस्खों के साथ, ये किस्में पढ़ने में भी मजा आएंगी, जैसे कोई पुराना किसान दोस्त सलाह दे रहा हो। चलो, खेत की सैर पर निकलते हैं!
2025 की नई एंट्री, QS Berseem का धमाका
अब 2025 की ताज़ा खबर! QS Berseem, अयूब एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, फैसलाबाद की नई क्लाइमेट रेजिलिएंट किस्म। मौजूदा किस्मों से 5.9% ज्यादा हरा चारा, 3.8% ड्राई मैटर। जलवायु बदलाव के दौर में यह तो गेम चेंजर है! Bundel Berseem-9 (JHB-20-1) भी नई रिलीज़, 140 दिन में मैच्योर, रूट रॉट, लीफ स्पॉट और ब्लाइट से मॉडरेट टॉलरेंस। सेंट्रल इंडिया के लिए परफेक्ट, ICAR की तरफ से। भारत में अब 16 से ज्यादा बरसीम किस्में हैं, जो हर इलाके को कवर करती हैं। ये नई वालीं तो भविष्य की हैं, भाई—कम पानी, ज्यादा चारा, रोगों से लड़ाई!
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Bundel और Wardan, देसी योद्धाओं की फौज
अब Bundel Berseem-2 (JHB-146, 1997 वाली) की बारी। यह स्वदेशी हीरो है, सूची नंबर 25776 वाली। पौधा सीधा, सफेद फूलों वाला, 55-60 सेंटीमीटर ऊँचा। जड़ सड़न, तना सड़न और कीटों से लड़ने वाली। 360-400 क्विंटल प्रति एकड़—कमाल! हमारे गाँव में इसे ‘बंदेल का बंदा’ कहते हैं, क्योंकि यह हर चुनौती झेल लेता है। फिर Bundel Berseem-3 (JHTB-96-4, 2000 वाली), टेट्राप्लॉइड वाली। पौधा सीधा, 50 सेंटीमीटर लंबा, तेज बढ़ने वाला, हरे-गहरे हरे पत्तों वाला।
पुनर्जनन क्षमता कमाल की, तना-जड़ सड़न से मध्यम लड़ाई, पत्तों के धब्बे से तो बिल्कुल फ्री। 240 क्विंटल प्रति एकड़—छोटा लेकिन मजबूत! Wardan (S-99-1, 1981 वाली) तो पुरानी लेकिन सोने जैसी। सूची नंबर 526 से चयनित, 45-70 सेंटीमीटर ऊँचाई, गहरे हरे तने, बड़ी अंडाकार पत्तियाँ। 250-280 क्विंटल प्रति एकड़, बैक्टीरियल विल्ट सहन करने वाली। यह तो खेत की ‘वॉरियर’ है, रोग आए तो पीछे हटे नहीं!
Mescavi, विदेशी मेहमान का देसी जलवा
Mescavi तो मिस्र से आई रानी है, लेकिन HAU हिसार में चयनित होकर भारत की हो गई। झाड़ीदार पौधे, घना जमाव, 45-75 सेंटीमीटर ऊँचाई। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल के लिए परफेक्ट। तेज बढ़ोतरी, हरा चारा भरपूर—सोचो, विदेशी लेकिन हमारे मौसम की जान! यह किस्म घनी फसल देती है, जो चराई के लिए बढ़िया। हमारे किसान भाई इसे ‘मिस्र का माल’ कहकर उगाते हैं, क्योंकि यह हर जगह फिट हो जाती है।
अब राज्यों की तरफ नजर डालें। BL 22, PAU लुधियाणा की देन—शुष्क और पहाड़ी इलाकों की जान। कम पानी में भी हरा रहती है, चारा गुणवत्ता टॉप। HFB 600, CCS हिसार वाली—उपजाऊ खेतों के लिए बनी। घना जमाव, ज्यादा टिलर, रोग प्रतिरोधी। BL 180 भी PAU लुधियाणा की, उपजाऊ मिट्टी में चमकती है। ये राज्य स्तर की किस्में तो जैसे लोकल हीरो हैं, हर क्षेत्र की जरूरत पूरी करती हैं।
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BL सीरीज़, जल्दी उगने वाली चैंपियन
BL 1 से शुरू करते हैं, भाई। यह जल्दी उगने वाली मध्यम किस्म है, जो मई के आखिर तक हरा चारा देती है। बूटा इतना मजबूत होता है कि हवा भी हिला न सके। प्रति एकड़ 380 क्विंटल हरा चारा—सोचो, गाय-भैंसें कितनी खुश! हमारे यहाँ के किसान इसे पहली फसल के लिए पसंद करते हैं, क्योंकि यह रोगों से लड़ने में माहिर है। अब BL 10 (1983 वाली), यह तो लंबे समय वाली रानी है। मध्य जून तक चारा देती है, बीज छोटे लेकिन पोषण भरा। तना गलन सहन करने वाली, और चारे का स्वाद इतना अच्छा कि पशु खुद-ब-खुद खींचते हैं।
प्रति एकड़ 410 क्विंटल—वाह! जून के आखिर में दाना भी पक जाता है। फिर BL 42 (2003), तेजी से बढ़ने वाली योद्धा। जमाव इतना घना कि खरपतवार को जगह ही न मिले। तना गलन प्रतिरोधी, पोषण से भरपूर। जून के पहले हफ्ते तक 440 क्विंटल प्रति एकड़—यह तो रिकॉर्ड ब्रेकर है! BL 43 (2017) लंबी और टिलर वाली, 390 क्विंटल देती है, दाना भी भरपूर। और BL 44 (2021), सबसे नई BL में से एक—तेज बढ़ोतरी, ज्यादा टिलर, तना सड़न से मध्यम लड़ाई। शुष्क पदार्थ पाचनशक्ति टॉप क्लास, 395 क्विंटल प्रति एकड़। ये BL वालीं तो जैसे खेत की स्पेशल फोर्स हैं, हर मौसम में तैयार!
बरसीम उगाने के देसी टिप्स
बरसीम उगाना आसान है, लेकिन सही किस्म चुनो। अक्टूबर के आखिर में बोओ, 20-25 किलो बीज प्रति एकड़। दोमट मिट्टी, 10-12 टन गोबर खाद। 3-4 सिंचाई, हर 30-35 दिन में कटाई। नीम तेल से कीट भागाओ, गोमूत्र से पोषण दो। रोग लगे तो बोर्डो मिश्रण छिड़को। सरकारी योजनाओं से बीज सब्सिडी लो। इससे 5-6 कटाई में 300-450 क्विंटल चारा! एक एकड़ से 400 क्विंटल चारा, बाजार में 200-300 रुपये प्रति क्विंटल। कुल 80,000-1.2 लाख का मुनाफा! दूध उत्पादन बढ़ेगा, पशुपालन चमकेगा। नई QS और Bundel-9 जैसी किस्में 2025 में और फायदा देंगी।
भाई, बरसीम की ये किस्में खेतों को हरा-भरा रखेंगी। BL से Bundel तक, हर एक का अपना जलवा। QS Berseem जैसी नई वालीं आजमाओ, और खेत को गोल्ड माइन बना दो।
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