नीलगाय की धमक से रातों की नींद हराम हो गई है? या जंगली सूअर खेतों को तहस-नहस कर देते हैं? ऐसे में महंगे तार या बिजली की बाड़ लगाने की बजाय एक पुरानी देसी चाल आजमाएं – बेशर्म पौधे को खेत के चारों ओर लगाएं। यह छोटा सा पौधा, जिसे हकीम का पौधा भी कहते हैं, अपनी तीखी बदबू से जानवरों को मीलों दूर भगा देता है। वैज्ञानिक नाम Aithemia है, और इसका दूधिया रस तोड़ते ही निकलता है, जो पशुओं को सहन ही नहीं होता। उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे इलाकों के किसान भाई सालों से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, और दावा करते हैं कि एक बार लगाने से फसलें पूरी तरह सुरक्षित हो जाती हैं।
बेशर्म की ताकत
यह पौधा कोई जादू नहीं, बल्कि प्रकृति का हथियार है। इसकी पत्तियां और डंठल टूटते ही सफेद दूध जैसा रस निकलता है, जिसकी गंध इतनी कड़वी होती है कि नीलगाय, जंगली सूअर, हिरण या आवारा गाय-भैंस इसके पास भूलकर भी फटकते नहीं। कृषि वैज्ञानिक एन.के. त्रिपाठी बताते हैं कि यह रस जानवरों के लिए जहर जैसा असर करता है वे खेत की सीमा तक पहुंचते ही मुंह फेर लेते हैं। खास बात यह है कि पौधा खुद ही फैलता जाता है, जैसे जीवित बाड़ बन जाता है। नीलगाय वाले इलाकों में तो यह चमत्कार की तरह काम करता है, जहां रात को जागना या तीर चलाना आम हो गया था।
लगाने का आसान तरीका
बेशर्म लगाना किसी रॉकेट साइंस से कम नहीं बस खेत के किनारों पर 2-3 फीट की दूरी से छोटे पौधे या कटिंग लगाएं। अगर ज्यादा सुरक्षा चाहिए तो दो कतारें बना लें। यह पौधा हर मिट्टी में उग जाता है, चाहे रेतीली हो या चिकनी, और कम पानी में भी पनपता है। बरसात के बाद या रबी की शुरुआत में लगाएं, तो 3-4 महीनों में 4-6 फीट ऊंची झाड़ी बन जाएगी। रखरखाव? बस कभी-कभी काट लें, ताकि फैलाव अच्छा रहे। लागत तो नाममात्र की है बीज या कटिंग नजदीकी जंगल या किसान साथी से मुफ्त मिल जाएगी। एक बार लगाने पर यह 5-7 साल तक खड़ा रहेगा, बिना किसी झंझट के।
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किसानों को क्या फायदा
सोचिए, तारबाड़ पर 50-60 हजार खर्च करने की बजाय यह मुफ्त समाधान! बेशर्म से फसलें सुरक्षित रहेंगी, तो नुकसान का डर खत्म। एक किसान भाई ने बताया कि नीलगाय ने पहले आधा खेत चर लिया था, लेकिन बेशर्म लगाने के बाद एक भी पत्ती नहीं छुई। ज्यादा सुरक्षा के लिए खेत के किनारे लहसुन की कतारें भी जोड़ दें इसकी तीखी महक नीलगाय को और दूर भगाएगी, ऊपर से लहसुन की पैदावार बोनस में मिलेगी। कुल मिलाकर, यह पारंपरिक तरीका आधुनिक फार्मिंग को सरल बनाता है, जहां रसायनों या मशीनों की जरूरत न पड़े।
अतिरिक्त टिप्स
अगर नीलगाय की समस्या ज्यादा है तो बेशर्म के साथ लहसुन की रोपाई करें दोनों की मिली गंध से जानवर खेत की तरफ मुंह भी न करेंगे। कटिंग जंगल या पुराने खेतों से लाएं, और लगाते समय जड़ें अच्छी तरह दबाएं। सर्दी में यह पौधा और मजबूत हो जाता है, तो रबी फसलों के लिए अभी लगाना सही रहेगा। वैज्ञानिक सलाह है कि पौधे को कभी न उखाड़ें, बल्कि प्रूनिंग से बढ़ने दें।
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