Best fertilizer for garlic : लहसुन भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है। इसका स्वाद और औषधीय गुण इसे खास बनाते हैं। अगर आप अपने खेत या बगीचे में लहसुन की खेती करते हैं, तो बड़े और स्वस्थ कंद उगाना आपका लक्ष्य होगा। लेकिन इसके लिए सही तरीके, खाद और कुछ जरूरी सावधानियों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इस लेख में मैं आपको अपने अनुभव के आधार पर बताऊंगा कि लहसुन के कंद कैसे बढ़ाएं, कौन सी खाद इस्तेमाल करें और किन बातों का ख्याल रखें, ताकि आपकी फसल शानदार हो।
लहसुन की खेती के लिए तैयारी
लहसुन (garlic) के कंद बढ़ाने की शुरुआत सही तैयारी से होती है। सबसे पहले मिट्टी का चयन करें। लहसुन को दोमट मिट्टी पसंद है, जिसमें पानी का निकास अच्छा हो। अगर मिट्टी में जलभराव होता है, तो कंद सड़ सकते हैं। मिट्टी का पीएच 6 से 7 के बीच होना चाहिए। खेत को अच्छी तरह जुताई करें और उसमें जैविक खाद, जैसे गोबर की सड़ी खाद, 10-15 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मिलाएं। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और कंद मजबूत होंगे।
लहसुन की कलियों को बोने से पहले उन्हें अलग करें। बड़ी और स्वस्थ कलियों का चयन करें, क्योंकि छोटी कलियां छोटे कंद ही देंगी। इन्हें बोने का सही समय अक्टूबर-नवंबर का महीना है, जब मौसम ठंडा होने लगता है।
लहसुन के कंद बढ़ाने के लिए खाद का उपयोग
लहसुन की फसल को पोषण की सख्त जरूरत होती है। मैंने देखा है कि सही खाद का इस्तेमाल कंदों के आकार और गुणवत्ता में बड़ा अंतर लाता है। शुरुआत में जैविक खाद के साथ-साथ नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (NPK) का संतुलित मिश्रण डालें। बाजार में उपलब्ध NPK 10-10-10 या 12-32-16 अच्छे विकल्प हैं। प्रति हेक्टेयर 100-120 किलो ये खाद बुनियादी तौर पर डालें।
जब पौधे 20-25 दिन के हो जाएं, तो नाइट्रोजन से भरपूर खाद, जैसे यूरिया, 50 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़कें। इससे पत्तियों की बढ़ोतरी होगी, जो कंद के विकास के लिए जरूरी है। दूसरी बार खाद 40-45 दिन बाद डालें। इस बार पोटाश और फास्फोरस पर जोर दें, ताकि कंद मजबूत और बड़े बनें। इसके लिए आप सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सावधानियां जो लहसुन के कंद को बेहतर बनाएंगी
लहसुन (garlic) की खेती में कुछ गलतियां आपकी मेहनत बर्बाद कर सकती हैं। पानी का सही प्रबंधन बहुत जरूरी है। हफ्ते में एक बार हल्की सिंचाई करें, लेकिन बारिश के मौसम में जलभराव से बचें। ज्यादा पानी कंदों को सड़ा सकता है। इसके अलावा, खरपतवार पर नजर रखें। पहले 40-50 दिनों में खेत को साफ रखें, क्योंकि इस दौरान खरपतवार पौधों का पोषण चुरा सकते हैं।
कीट और बीमारियों से बचाव भी जरूरी है। लहसुन में थ्रिप्स और फफूंदी (डाउनी मिल्ड्यू) आम समस्याएं हैं। इसके लिए नीम तेल का छिड़काव या कार्बेंडाजिम जैसे फफूंदनाशक का इस्तेमाल करें। लेकिन रसायनों का प्रयोग सोच-समझकर करें, ताकि फसल की गुणवत्ता बनी रहे।
कंद बड़े करने के कुछ खास नुस्खे
मेरे अनुभव में, लहसुन के कंद बड़े करने के लिए पत्तियों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। पत्तियां जितनी हरी-भरी होंगी, कंद को उतना ही ज्यादा पोषण मिलेगा। इसके लिए समय-समय पर सूक्ष्म पोषक तत्व, जैसे जिंक और मैग्नीशियम, का छिड़काव करें। साथ ही, बोते समय कलियों के बीच 10-15 सेमी की दूरी रखें, ताकि हर कंद को बढ़ने की जगह मिले।
लहसुन के कंद बढ़ाना कोई मुश्किल काम नहीं है, बशर्ते आप सही खाद और सावधानियों का ध्यान रखें। जैविक और रासायनिक खाद का संतुलित प्रयोग, समय पर सिंचाई और कीट प्रबंधन से आप बड़े, स्वस्थ और चमकदार कंद उगा सकते हैं। ये न सिर्फ आपकी मेहनत का फल होगा, बल्कि बाजार में अच्छी कीमत भी दिलाएगा। तो इस सीजन में इन टिप्स को आजमाएं और अपनी लहसुन की फसल को अगले स्तर पर ले जाएं।
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