Best fertilizer for karela Plant: गर्मी का मौसम शुरू होते ही गाँव के खेतों में हरी-भरी सब्जियाँ लहराने लगती हैं। लौकी, तोरई, भिंडी, परवल और करेले की बेलें हर तरफ नजर आने लगती हैं। भले ही करेले का नाम सुनकर कुछ लोग मुँह बनाएँ, लेकिन सेहत के लिए ये गर्मियों की सब्जी किसी खजाने से कम नहीं। आजकल बाजार में कैमिकल और इंजेक्शन से तैयार सब्जियाँ बिक रही हैं, जो हमारी सेहत को नुकसान पहुँचाती हैं। ऐसे में अपने खेत में ऑर्गेनिक करेले की खेती करना समझदारी है। ये न सिर्फ ताजा और स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत को भी दुरुस्त रखता है।
अगर आप अपने खेत में करेले की बेल लगाते हैं और चाहते हैं कि गर्मियों में उसमें ढेर सारे करेले लटकें, तो हम आपको एक ऐसी घरेलू खाद बताने जा रहे हैं, जो आपकी बेल को फलों से लाद देगी। इसे लगाइए और देखिए कैसे मंडी में बेचने लायक टोकरी भर-भरकर करेले तैयार होते हैं।
करेले की बेल के लिए जादुई खाद
अगर आप सोच रहे हैं कि खेत में करेले की बेल से ढेर सारे फूल और फल कैसे लें, तो इसके लिए आपको बाजार की महँगी खाद या ज्यादा खर्च की जरूरत नहीं। घर में ही मौजूद एक चीज आपके लिए कमाल कर सकती है। ये जादुई चीज है बेसन, जो चने की दाल या भुने चनों से बनाया जा सकता है।
इसे सही तरीके से तैयार करके अपनी बेल की जड़ में डाल दीजिए, फिर देखिए कैसे आपका करेले का पौधा हरा-भरा होकर ढेर सारे करेले देता है। ये तरीका इतना आसान है कि गाँव का हर किसान इसे आजमा सकता है। चलिए, आपको बताते हैं कि इस खाद को कैसे बनाना और खेत में इस्तेमाल करना है।
खेत के लिए ऐसे तैयार करें बेसन की खाद
इस खाद को बनाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती। घर में रखे भुने चने या चने की दाल लीजिए और उसे मिक्सी में डालकर बारीक पीस लीजिए। जब ये अच्छे से पाउडर बन जाए, तो इसे एक बर्तन में निकाल लें। अब इसमें थोड़ा सा उपले का चूरा मिला दीजिए। गाँव में उपले तो आसानी से मिल जाते हैं, बस उसे हाथ से तोड़कर बारीक कर लें।
दोनों चीजों को अच्छे से मिलाने के बाद इस मिश्रण को एक डिब्बे में रख लीजिए। फिर अपने खेत में करेले की बेल के पास की मिट्टी को हल्का सा खोद लीजिए, इस खाद को वहाँ डाल दीजिए और ऊपर से मिट्टी से ढक दें। इसे आप हर 15-20 दिन में एक बार डाल सकते हैं। ये खाद करेले की खेती के लिए सबसे सस्ता और कारगर उपाय है।
ये खाद क्यों है खेत के लिए बेस्ट
ये बेसन वाली खाद करेले की बेल को ताकत देती है। चने में प्रोटीन और पोषक तत्व भरे होते हैं, जो पौधे को बढ़ने में मदद करते हैं। साथ ही उपले का चूरा मिट्टी को ढीला और नम रखता है, जिससे जड़ें खाद को अच्छे से सोख लेती हैं। गर्मियों में जब करेले की बेल को पानी और ताकत की ज्यादा जरूरत होती है, ये देसी नुस्खा उसे पूरा करता है। गाँव में कई किसान ऐसे पुराने तरीकों से अपनी फसल को लहलहा रहे हैं। आप भी इसे अपने खेत में आजमाइए, न बाजार का खर्चा, न कैमिकल का डर।
खेत में करेले की खेती का आसान तरीका
करेले की खेती के लिए गर्मी शुरू होते ही मार्च-अप्रैल में खेत तैयार कर लीजिए। मिट्टी को अच्छे से जोतकर उसमें गोबर की खाद मिला दें, ताकि शुरू से ही बेल को ताकत मिले। फिर बीज बो दीजिए और मेड़ बना लें। बुवाई के 10-15 दिन बाद पहला पानी दीजिए। जब बेल बढ़ने लगे, तो उसे बांस या डोरी से सहारा दे दीजिए, ताकि वो अच्छे से फैले। इसके बाद इस बेसन वाली खाद को डालते रहिए। 40-50 दिन में आपकी बेल फूलों और करेलों से लद जाएगी। इसे मंडी में बेचिए या घर में खाइए, फायदा हर तरह से पक्का।
सेहत और कमाई का डबल फायदा
करेले की ये ऑर्गेनिक खेती न सिर्फ सेहत के लिए अच्छी है, बल्कि खेत से मोटी कमाई का रास्ता भी खोलती है। मंडी में ऑर्गेनिक करेले की माँग बढ़ रही है, और खेत में उगाया करेला देखने में ताजा और खाने में लाजवाब होता है। तो देर मत कीजिए, अपने खेत में इस खाद को आजमाइए और देखिए कैसे आपकी करेले की बेल ढेर सारी सब्जियों से लद जाती है। गाँव के किसान भाइयों के लिए ये एक ऐसा मौका है, जो मेहनत को कई गुना फल देगा।
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