भेड़-बकरियों को खिलाएं ये सुपरफूड, दूध और मांस बढेगा दोगुना, होगी छप्परफाड़ कमाई

Best Tips Of Bakri Palan : हमारे देश में करीब 80% लोग खेती से जुड़े हैं। लेकिन अब खेती के साथ-साथ पशुपालन भी कमाई का बड़ा ज़रिया बन रहा है। गाय, भैंस, मुर्गी के अलावा बकरी पालन आज ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है। पहले ये काम सिर्फ किसानों तक सीमित था, लेकिन अब पढ़े-लिखे युवा भी नौकरियाँ छोड़कर इसमें हाथ आजमा रहे हैं। बकरी पालन इसलिए खास है, क्योंकि ये दूध और माँस दोनों देता है, और बाज़ार में इसकी माँग हमेशा बनी रहती है। घर से शुरू होने वाला ये बिजनेस कम लागत में अच्छा मुनाफा दे सकता है। आइए जानते हैं कि बकरी पालन कैसे शुरू करें और इसे सफल कैसे बनाएँ।

बकरी पालन: क्यों है ये खास?

बकरी पालन का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसे छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है। बकरियाँ कम जगह में रह लेती हैं और इनका खर्चा भी कम होता है। इनका दूध सेहत के लिए अच्छा माना जाता है और माँस की डिमांड तो हर मौसम में रहती है। गाँव हो या शहर, बकरियों की बिक्री से अच्छी कमाई हो सकती है। आजकल युवा इसे एक बड़े बिजनेस के तौर पर देख रहे हैं। कम पूँजी में शुरू होने वाला ये धंधा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का भी ज़रिया बन रहा है।

सही आहार से बकरियों की सेहत बनाएँ- Best Tips Of Bakri Palan

बकरी पालन में मुनाफा तभी होगा, जब बकरियाँ स्वस्थ रहें और उनका वजन अच्छा हो। इसके लिए सही खान-पान का ध्यान रखना ज़रूरी है। पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी वेटनरी) बताते हैं कि बकरियों के खाने में हरी पत्तियाँ बहुत फायदेमंद हैं। इनमें वो तत्व होते हैं, जो बकरियों को तंदुरुस्त रखते हैं।

  • बबूल, नीम, जामुन, बेल: ये पत्तियाँ औषधीय गुणों से भरपूर हैं। इनमें टेनिन और प्रोटीन होता है, जो पेट के कीड़ों को मारता है और वजन बढ़ाता है।
  • मोरिंगा, अमरूद, गिलोय: ये पत्तियाँ रोगों से लड़ने की ताकत देती हैं और पाचन को बेहतर करती हैं।
  • सुबबुल, बरसीम: इनमें ढेर सारा प्रोटीन होता है, जो बकरियों की ग्रोथ के लिए शानदार है।

ये पत्तियाँ गाँव-शहर में आसानी से मिल जाती हैं और मुफ्त या कम कीमत में उपलब्ध होती हैं।

डीवार्मिंग: 30% ज्यादा वृद्धि का राज़

डॉ. वर्मा कहते हैं कि बकरियों को स्वस्थ रखने के लिए डीवार्मिंग बहुत ज़रूरी है। ये पेट के कीड़ों को खत्म करने की दवा है, जिसे हर 3-6 महीने में देना चाहिए। डीवार्मिंग से बकरियों की बढ़त में 30% तक इज़ाफा देखा गया है। कीड़े न होने से खाना सही से पचता है और बकरियाँ मज़बूत होती हैं। ये छोटा सा कदम मुनाफे को बड़ा बना सकता है।

कम लागत, बड़ा मुनाफा

बकरी पालन में खर्चा कम लगता है। बकरियों को महंगे शेड की ज़रूरत नहीं, बल्कि साधारण छप्पर में भी रखा जा सकता है। इनका खाना आसानी से मिल जाता है, और पानी की भी कम जरूरत होती है। एक बकरी से दूध और माँस के साथ-साथ बछड़े भी मिलते हैं, जो आगे चलकर कमाई बढ़ाते हैं। बाज़ार में बकरियों की कीमत अच्छी मिलती है, खासकर त्योहारों के मौसम में। ये बिजनेस घर से शुरू करके बड़ा रूप ले सकता है।

सफलता के लिए टिप्स

बकरी पालन को फायदेमंद बनाने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना ज़रूरी है। सही नस्ल का चयन बहुत मायने रखता है, जैसे सिरोही, जमुनापारी या बीटल, जो दूध और माँस के लिए अच्छी मानी जाती हैं। इसके साथ ही बकरियों की देखभाल भी उतनी ही ज़रूरी है; उन्हें साफ जगह पर रखें और बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगवाएँ। अगर इस बिजनेस में जानकारी कम है, तो स्थानीय पशु चिकित्सक या सरकारी योजनाओं से ट्रेनिंग लेना फायदेमंद हो सकता है। सरकार भी बकरी पालन के लिए सब्सिडी और लोन देती है, जिससे शुरुआत आसान हो सकती है।

ग्रामीण और शहरी दोनों के लिए मौका

बकरी पालन अब सिर्फ गाँवों तक सीमित नहीं रहा। शहरी इलाकों में भी लोग इसे छोटे स्तर पर शुरू कर रहे हैं। ये न सिर्फ किसानों, बल्कि बेरोज़गार युवाओं के लिए भी कमाई का शानदार रास्ता है। सही देखभाल और थोड़ी मेहनत से ये बिजनेस आत्मनिर्भरता की मिसाल बन सकता है।

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  • Shashikant

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