BGD 111-1 चना किस्म, ज्यादा पैदावार और बेहतरीन क्वालिटी वाला बीज

किसान भाइयों, सितंबर का महीना आते ही हमारे गाँवों में चने की फसल की बातें शुरू हो जाती हैं। ये रबी का मौसम है, जब खेतों में हलचल बढ़ जाती है और किसान भाई सही बीज की तलाश में लग जाते हैं। चना हमारी थाली का अहम हिस्सा है, और अच्छी किस्म के बीज से बोई गई फसल न सिर्फ अच्छा पैदा देती है, बल्कि बाजार में भी अच्छी कीमत दिलाती है। आज हम बात करेंगे BGD 111-1 नाम की एक शानदार किस्म की, जो रोग प्रतिरोधी है और कम पानी में भी अच्छा प्रदर्शन करती है। हमारे इलाके के कई किसान भाई इसकी तारीफ करते हैं, क्योंकि ये देसी मिट्टी में आसानी से जम जाती है।

BGD 111-1 किस्म का परिचय

BGD 111-1 चने की एक बेहतरीन देसी किस्म है, जो रोगों से लड़ने की ताकत रखती है। ये किस्म खासतौर पर विल्ट जैसी बीमारी से बचाव करती है, जो हमारे गाँवों में चने की फसल को काफी नुकसान पहुँचाती है। पौधे छोटे कद के होते हैं, लेकिन फलियाँ अच्छी तरह भरती हैं और दाने मोटे-मोटे निकलते हैं। ये किस्म सूखे इलाकों में भी ठीक काम करती है, जहाँ पानी की कमी रहती है। ये किस्म न सिर्फ पैदावार बढ़ाती है, बल्कि मिट्टी को भी कमजोर नहीं होने देती। अगर आपके खेत में रेतीली दोमट मिट्टी है, तो ये बिल्कुल फिट बैठेगी, क्योंकि ये pH 5.5 से 7 तक की मिट्टी में अच्छी उगती है।

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बोने का सही समय और तरीका

चने की बुआई के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य तक होता है। अगर जल्दी बो देंगे, तो ठंड से फसल को नुकसान हो सकता है, और देर से बोने पर गर्मी असर डाल देगी। हमारे गाँव में किसान भाई हल से खेत की जुताई दो-तीन बार करते हैं, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। बीज बोने की गहराई 5-6 इंच रखें, और पंक्ति से पंक्ति का फासला 30 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे 10 सेंटीमीटर रखें। अगर सिंचाई की सुविधा है, तो बुआई से पहले एक हल्की सिंचाई कर लें, इससे अंकुरण तेज होता है। याद रखें, ज्यादा पानी न दें, क्योंकि चना ज्यादा नमी पसंद नहीं करता।

मिट्टी और खाद की तैयारी

चने की फसल को अच्छी मिट्टी चाहिए, जो जल निकासी वाली हो। रेतीली दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी इसकी पसंदीदा है, लेकिन जलभराव वाली जमीन से बचें। बुआई से पहले खेत में गोबर की खाद अच्छी तरह मिला दें, कम से कम 10-12 टन प्रति हेक्टेयर। रासायनिक खाद के लिए यूरिया 13 किलो और सुपर फॉस्फेट 50 किलो प्रति एकड़ डालें। अगर आपके खेत में टिड्डी या जड़ सड़न का खतरा है, तो बीज को क्लोरपायरीफॉस से उपचारित करें। इसके अलावा, मेसोराइजोबियम का टीका लगाने से फसल की पैदावार 7 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।

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NSC से बीज कैसे प्राप्त करें

राष्ट्रीय बीज निगम यानी NSC भारत सरकार की एक विश्वसनीय कंपनी है, जो 1963 से किसानों को प्रमाणित और अच्छी गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करा रही है। ये मिनी रत्न कैटेगरी की कंपनी है, जो 80 फसलों के 621 किस्मों के बीज बनाती है। NSC के पास 48 क्षेत्रीय कार्यालय, 11 क्षेत्रीय दफ्तर और 5 फार्म हैं, जो पूरे देश में फैले हुए हैं। अब ये MyStore प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं, जहाँ आप घर बैठे ऑनलाइन बीज खरीद सकते हैं। BGD 111-1 चने के बीज के लिए 5 किलो का पैक सिर्फ 550 रुपये में मिलेगा।

ऑर्डर करने के लिए https://mystore.in/en/product/bengalgram-bgd-111-1 पर जाएँ, कार्ट में डालें और पेमेंट करें। डिलीवरी पूरे देश में होती है, और प्रमाणित होने से आपको भरोसा रहता है कि बीज शुद्ध और रोगमुक्त हैं। अगर ऑनलाइन न खरीदना हो, तो नजदीकी NSC डीलर या कृषि केंद्र से संपर्क करें। हमारे गाँव के किसान भाई NSC के बीजों की तारीफ करते हैं, क्योंकि ये हमेशा वादे के मुताबिक काम करते हैं।

फसल की देखभाल और कटाई

बुआई के बाद खरपतवार पर नजर रखें, क्योंकि शुरुआती दो महीने महत्वपूर्ण होते हैं। दो-तीन निराई-गुड़ाई करें, या फिर जड़ी-बूटियाँ दवा से नियंत्रित रखें। अगर सिंचाई संभव हो, तो फूल आने और फली बनने के समय हल्की सिंचाई दें। चना कम पानी वाली फसल है, लेकिन सूखे में एक-दो सिंचाई से फायदा होता है। कटाई तब करें जब 80 प्रतिशत पौधे पीले पड़ जाएँ। हमारे इलाके में किसान भाई फसल को सुखाकर मंडी ले जाते हैं, और अच्छी किस्म से कीमत भी ज्यादा मिलती है। BGD 111-1 से आपकी फसल न सिर्फ सुरक्षित रहेगी, बल्कि मुनाफा भी दोगुना हो सकता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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