कम पूंजी से ऐसे शुरू करें भैंस पालन होगी तगड़ी कमाई

Bhains Palan Kaise Karen: खेती के साथ-साथ अगर जेब में कुछ अतिरिक्त पैसा चाहिए, तो भैंस पालन से अच्छा धंधा कोई नहीं। कम लागत में शुरू होने वाला ये काम दूध, घी, और मक्खन से तगड़ी कमाई करा सकता है। भारत में भैंस का दूध गाय से ज्यादा बिकता है, क्योंकि इसका फैट ज्यादा होता है। ऊपर से गोबर से खाद और बायोगैस बनाकर भी कमाई का रास्ता बन सकता है। चाहे छोटा किसान हो या बड़ा, भैंस पालन हर किसी के लिए फायदे का सौदा है। बस सही नस्ल, अच्छा प्रबंधन, और थोड़ी मेहनत चाहिए। आइए, जानते हैं भैंस पालन का देसी तरीका, सही नस्ल, और कमाई का हिसाब।

बेस्ट नस्लें चुनें– Bhains Palan Kaise Karen

भैंस पालन में सबसे पहला कदम है सही नस्ल चुनना। भारत में भैंस की कई नस्लें हैं, लेकिन कुछ खास नस्लें दूध के लिए मशहूर हैं।

मुर्रा भैंस हरियाणा की शान है, जो 20-24 लीटर दूध रोज देती है। इसका शरीर भारी और सींग छोटे-घुमावदार होते हैं।

भदावरी भैंस उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मिलती है, जो गर्मी झेल लेती है और 15-20 लीटर दूध देती है।

सुरती भैंस गुजरात की है, जो 14-18 लीटर दूध देती है और इसके पिछले हिस्से चौड़े होते हैं।

मेहसाना भैंस भी गुजरात की है, जो 20-24 लीटर दूध देती है और इसके शरीर पर हल्के पीले-काले धब्बे होते हैं।

नीली रावी भैंस पंजाब की है, जो 12-16 लीटर दूध देती है और इसका सिर लंबा-सुंदर होता है। नस्ल चुनते वक्त उसकी सेहत, दूध देने की क्षमता, और अपने इलाके की जलवायु को जरूर देखें।

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शेड और रहने का इंतजाम- Bhains Palan Kaise Karen

भैंस को साफ-सुथरा और हवादार माहौल चाहिए, तभी वो ज्यादा दूध देगी। शेड बनाते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखें। गर्मी और सर्दी से बचाने के लिए छत ऊँची और हवादार होनी चाहिए। शेड की छत 12-14 फीट ऊँची रखें, ताकि हवा अच्छे से आए। फर्श पक्का करें, लेकिन उसे रफ रखें, ताकि भैंस फिसले नहीं। फर्श पर 15×15 सेमी के चौकोर निशान बनाएँ, ताकि वो स्किड न करे। शेड में खुला और कच्चा हिस्सा भी रखें, ताकि भैंस आराम से लेट सके। पानी की टंकी साफ रखें और दिन में 2-3 बार ताजा पानी दें। गर्मियों में भैंस को नहलाएँ, ताकि वो तरोताजा रहे। गोबर और मल को रोज साफ करें, ताकि बीमारी न फैले।

चारा और आहार का जुगाड़

भैंस की सेहत और दूध का सीधा रिश्ता उसके खाने से है। हरी घास जैसे मक्का, बाजरा, या नेपियर घास 25-30 किलो रोज दें। सूखा चारा जैसे भूसा भी जरूरी है, लेकिन ज्यादा न दें। प्रोटीन के लिए मूंगफली की खली, सरसों की खली, या चने का मिश्रण दें। विटामिन A और E की कमी न हो, इसके लिए हरे चारे का इंतजाम हमेशा रखें। अगर मिनरल मिक्सचर नहीं दे रहे, तो मिनरल ब्लॉक या नमक की ढेली खेत में रखें, ताकि भैंस चाट सके। चारे को साफ और सूखी जगह पर रखें, ताकि वो खराब न हो। दिन में 2-3 बार चारा दें, और पानी की कमी न होने दें।

कमाई का हिसाब

भैंस पालन में कमाई आपकी मेहनत पर निर्भर करती है। एक मुर्रा भैंस 20-24 लीटर दूध रोज देती है। अगर दूध का रेट 50 रुपये प्रति लीटर है, तो एक भैंस से 1000-1200 रुपये रोज की कमाई हो सकती है। यानी महीने में 30,000-36,000 रुपये! 5 भैंसें हों, तो 1.5-1.8 लाख रुपये महीने की कमाई। दूध के अलावा मक्खन, दही, और घी बेचकर भी जेब भर सकते हैं। गोबर से खाद बनाकर 200-300 रुपये प्रति क्विंटल बेच सकते हैं। बायोगैस प्लांट लगाकर रसोई का खर्चा भी बचा सकते हैं। लागत की बात करें, तो एक भैंस की कीमत 50,000-1,00,000 रुपये है, और चारा-देखभाल में 5,000 रुपये महीने का खर्चा आता है। यानी मुनाफा कई गुना ज्यादा।

भैंस पालन में कामयाबी के लिए कुछ देसी नुस्खे आजमाएँ। हमेशा उन्नत नस्ल की भैंस खरीदें, और खरीदने से पहले उसकी सेहत चेक करें। समय पर टीकाकरण कराएँ, ताकि गलघोंटू या खुरपका जैसी बीमारियाँ न हों। शेड को हफ्ते में एक बार धोएँ और नीम का तेल छिड़कें, ताकि मक्खी-मच्छर दूर रहें। दूध निकालने की मशीन यूज करें, ताकि समय बचे और साफ-सफाई बनी रहे। बाजार की माँग देखकर दूध बेचें, और स्थानीय डेयरी से टाइअप करें। थोड़ी मेहनत से भैंस पालन आपकी जिंदगी बदल सकता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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