इस राज्य में 50,000 रुपए के अनुदान पर अंजीर की खेती करने के लिए आवेदन करें

Fig Farming: बिहार सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फल और फूलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के अंतर्गत अंजीर फल विकास योजना 2025-26 शुरू की गई है। यह योजना राज्य के 32 जिलों में लागू होगी, जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, जमुई, जहानाबाद, और अरवल शामिल हैं।

अंजीर की खेती पर कितनी सब्सिडी मिलेगी

उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार ने अंजीर की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 1 लाख 25 हजार रुपये की इकाई लागत तय की है। इस योजना के तहत किसानों को कुल लागत का 40 प्रतिशत, यानी अधिकतम 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी दी जाएगी। यह राशि दो चरणों में दी जाएगी। पहले साल में 30,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और दूसरे साल में 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान मिलेगा। गाँवों में अनुभव है कि यह सब्सिडी किसानों को अंजीर के पौधे लगाने और उनकी देखभाल में मदद करती है।

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योजना का लाभ कौन ले सकता है

यह योजना केवल रैयत किसानों के लिए है, जिनके पास अपनी जमीन के कागजात या राजस्व रसीद हों। अगर आवेदक का नाम जमीन के कागजात में स्पष्ट नहीं है, तो उसे वंशावली के साथ कागजात जमा करने होंगे। गाँवों में देखा गया है कि कई किसान छोटी जोत पर भी खेती करते हैं, इसलिए इस योजना में न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) से लेकर अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) तक की जमीन के लिए सब्सिडी दी जाएगी। इससे छोटे और बड़े दोनों तरह के किसान लाभ उठा सकते हैं। उद्यान निदेशालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पौध रोपण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री उपलब्ध हो।

अंजीर की खेती क्यों है फायदेमंद

अंजीर की खेती बिहार के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह फल गर्म और शुष्क जलवायु में अच्छी तरह उगता है और बिहार के कई जिलों की मिट्टी और मौसम इसके लिए उपयुक्त है। गाँवों में देखा गया है कि अंजीर के पौधे तीसरे साल से फल देना शुरू करते हैं और प्रत्येक पौधा 15-20 किलो फल दे सकता है। बाज़ार में ताजा अंजीर की कीमत 60 से 100 रुपये प्रति किलो तक होती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। अंजीर का उपयोग ताजा फल, सूखे मेवे, और खाद्य उत्पादों में होता है।

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ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

अंजीर फल विकास योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए किसान के पास कृषि विभाग से प्राप्त डीबीटी पंजीकृत संख्या होनी चाहिए। गाँवों में देखा गया है कि कई किसान डीबीटी पंजीकरण में गलतियाँ करते हैं, इसलिए आवेदन से पहले अपने बैंक खाते का विवरण और डीबीटी नंबर जाँच लें।

वेबसाइट पर जाकर ‘योजनाएँ’ विकल्प चुनें, फिर ‘अंजीर फल विकास योजना’ पर क्लिक करें। इसके बाद एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा, जिसमें मांगी गई जानकारी जैसे नाम, पता, जमीन का विवरण, और डीबीटी नंबर भरें। जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और जमीन के कागजात अपलोड करें। फॉर्म को ध्यान से जाँचकर सबमिट करें। अनुदान राशि डीबीटी के जरिए सीधे बैंक खाते में आएगी।

बिहार में अंजीर की खेती का भविष्य

बिहार सरकार की यह योजना न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि राज्य में अंजीर की खेती को एक नया आयाम देगी। गाँवों में अनुभव है कि फल आधारित खेती पारंपरिक अनाज की खेती से ज्यादा मुनाफा देती है। अंजीर की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 32 जिलों को चुना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना से जुड़ सकें। उद्यान निदेशालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अनुदान का भुगतान पारदर्शी तरीके से हो। गाँवों में देखा गया है कि ऐसी योजनाएँ किसानों को आधुनिक खेती की ओर ले जाती हैं और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करती हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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