Bihar Garma Fasal Beej Subsidy: क्या आप कम दाम में अच्छे बीज लेकर खेती में मुनाफा बढ़ाना चाहते हैं? बिहार सरकार ने किसानों के लिए गरमा फसलों के बीज को आधे से तिहाई दाम पर देने का शानदार इंतजाम किया है। मूंग, उड़द, मूंगफली, तिल, सूर्यमुखी, मक्का, स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न जैसे बीज अब सब्सिडी रेट पर मिल रहे हैं। खास बात ये है कि आप इन बीजों को अपने घर पर मँगा सकते हैं, बस थोड़ा-सा डिलीवरी चार्ज देना होगा। बिहार राज्य बीज निगम (BRBN) इस योजना को चला रहा है, और आवेदन की प्रक्रिया भी बिल्कुल आसान है। आइए, जानते हैं कि ये सब्सिडी कैसे मिलेगी और इसका फायदा कैसे उठाएँ।
कौन-सी फसल, कितनी सब्सिडी?
बिहार सरकार ने 8 गरमा फसलों के बीज पर भारी सब्सिडी दी है, ताकि किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकें। यहाँ देखिए हर फसल के बीज की कीमत और सब्सिडी:
स्वीट कॉर्न: बाजार में 2712-3000 रुपये प्रति किलो, लेकिन सब्सिडी के बाद सिर्फ 1500 रुपये प्रति किलो।
बेबी कॉर्न: 782-950 रुपये प्रति किलो की जगह 500 रुपये प्रति किलो।
मूंग: 149 रुपये प्रति किलो की जगह 117.20 रुपये प्रति किलो (80% सब्सिडी)।
उड़द: 175 रुपये प्रति किलो की जगह 144 रुपये प्रति किलो (80% सब्सिडी)।
मूंगफली: 114 रुपये प्रति किलो की जगह 103.60 रुपये प्रति किलो (80% सब्सिडी)।
तिल: 240 रुपये प्रति किलो की जगह 204 रुपये प्रति किलो (80% सब्सिडी)।
सूर्यमुखी: 650 रुपये प्रति किलो की जगह 519.52 रुपये प्रति किलो (80% सब्सिडी)। ये बीज उच्च क्वालिटी के हैं, जो अच्छी पैदावार और कीट-रोगों से बचाव में मदद करते हैं।
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ऑनलाइन आवेदन का आसान तरीका
इस सब्सिडी का फायदा लेने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। बिहार कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल dbtagriculture.bihar.gov.in या बिहार राज्य बीज निगम के पोर्टल brbn.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। अगर आपके पास स्मार्टफोन या कंप्यूटर नहीं है, तो नजदीकी वसुधा केंद्र, कॉमन सर्विस सेंटर, या साइबर कैफे से भी आवेदन हो जाएगा। आवेदन के लिए ये स्टेप्स फॉलो करें:
वेबसाइट पर जाकर “बीज अनुदान योजना” या “Seed Subsidy Application” चुनें।
अपने किसान रजिस्ट्रेशन नंबर (DBT पोर्टल से) डालें। अगर रजिस्ट्रेशन नहीं है, तो पहले dbtagriculture.bihar.gov.in पर रजिस्टर करें।
चाहिए फसल का बीज और मात्रा (किलो में) चुनें।
होम डिलीवरी चाहिए, तो उसका ऑप्शन चुनें (इसके लिए 5 रुपये प्रति किलो चार्ज देना होगा)।
डिमांड स्लिप जनरेट करें और उसका प्रिंट रख लें।
आवेदन के बाद कृषि विभाग वेरिफिकेशन करेगा और आपके मोबाइल पर डिमांड नंबर भेजेगा। इस नंबर को बीज विक्रेता को दिखाएँ, फिर आपका बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन होगा। सब्सिडी की राशि काटकर बाकी पैसे देने होंगे।
मूंगफली की खेती के लिए खास टिप्स
मूंगफली की खेती के लिए दोमट बलुई, बलुई दोमट, या हल्की दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। बिहार के खेतों में आलू, मटर, सब्जी मटर, या राई की कटाई के बाद खाली खेतों में मूंगफली की खेती आसानी से की जा सकती है। सब्सिडी वाले बीज इस्तेमाल करें, ताकि पैदावार ज्यादा हो। खेत में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें और पानी का अच्छा इंतजाम रखें। मूंगफली की फसल 100-120 दिन में तैयार हो जाती है, और बाजार में अच्छा दाम मिलता है।
क्यों है ये योजना खास?
बिहार सरकार की ये योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। कम दाम में अच्छे बीज मिलने से लागत कम होती है, और होम डिलीवरी की सुविधा से समय और मेहनत की बचत होती है। बिहार राज्य बीज निगम (BRBN) ये सुनिश्चित करता है कि बीज उच्च क्वालिटी के हों, ताकि फसल अच्छी हो। इस योजना से मूंग, उड़द, और मूंगफली जैसी फसलों की खेती को बढ़ावा मिल रहा है, जो बिहार के मौसम और मिट्टी के लिए मुफीद हैं।
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