बिहार के किसानों के लिए खुशखबरी! नींबू की बढ़ती मांग को देखते हुए बिहार सरकार ने फसल विविधीकरण योजना के तहत नींबू की खेती को बढ़ावा देने के लिए 50% तक सब्सिडी की घोषणा की है। लखीसराय जिले में 20 हेक्टेयर पर नींबू की खेती का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें किसानों को अधिकतम 2 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा। यह योजना कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने का सुनहरा मौका दे रही है। आइए जानें इस योजना की खासियत और आवेदन प्रक्रिया।
सब्सिडी और खेती का लक्ष्य
लखीसराय जिला उद्यान विभाग के अनुसार, नींबू की खेती के लिए 20 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। किसान न्यूनतम 0.10 हेक्टेयर से लेकर अधिकतम 4 हेक्टेयर तक खेती कर सकते हैं। प्रति हेक्टेयर 1 लाख रुपये की लागत पर 50% सब्सिडी दी जाएगी, यानी अधिकतम 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर। यह अनुदान दो किस्तों में मिलेगा: पहले साल 30,000 रुपये (60%) और दूसरे साल 20,000 रुपये (40%), बशर्ते पहले साल के 75% पौधे जीवित हों। अनुसूचित जाति के किसानों के लिए 20% और विशेष श्रेणी के लिए 1.46% लाभ आरक्षित है।
पौधों की संख्या और खेती की प्रक्रिया
प्रति हेक्टेयर 555 नींबू के पौधे लगाने होंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पौधे स्वस्थ रहें, किसानों को मान्यता प्राप्त नर्सरी से पौधे लेने चाहिए। खेती की लागत को कम करने के लिए सरकार की यह सब्सिडी किसानों को आर्थिक सहारा देगी। नींबू की खेती न केवल मुनाफेदार है, बल्कि कम पानी और देखभाल में भी अच्छी पैदावार देती है, जो इसे सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाती है।
ये भी पढ़ें- बरसीम BL-43: पशुधन की सेहत और दूध उत्पादन बढ़ाने वाली नंबर-1 चारा फसल
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल (dbtagriculture.bihar.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे। रैयत और गैर-रैयत दोनों किसान पात्र हैं। जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, भूमि के कागज, मोबाइल नंबर, और बैंक पासबुक शामिल हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने प्रखंड उद्यान पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, या जिला उद्यान पदाधिकारी राजीव रंजन से संपर्क करें। आवेदन की अंतिम तिथि जल्द ही घोषित की जा सकती है, इसलिए समय रहते आवेदन करें।
किसानों के लिए सलाह
किसान भाइयों, नींबू की खेती कम लागत में बड़ा मुनाफा दे सकती है। इस योजना का फायदा उठाने के लिए तुरंत डीबीटी पोर्टल पर रजिस्टर करें और आवेदन जमा करें। खेत की मिट्टी और सिंचाई की व्यवस्था की जांच करें। मान्यता प्राप्त नर्सरी से स्वस्थ पौधे चुनें। यह योजना लखीसराय के साथ-साथ गया, जमुई, मुंगेर, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर, और रोहतास जैसे जिलों के लिए भी उपलब्ध है। अपने नजदीकी उद्यान विभाग से संपर्क करें और इस मौके को अपनी कमाई बढ़ाने का जरिया बनाएं।
ये भी पढ़ें- टमाटर की 3G कटिंग, मुनाफे का नया रास्ता, एक एकड़ से कमाइए 15 लाख रूपये