मछली पालन में गर्मियों में पानी की कमी बड़ी मुसीबत बन जाती है। तालाब सूखने पर किसान पंप चलाकर पानी भरते हैं, लेकिन इससे बिजली और डीजल का भारी खर्च होता है। लागत बढ़ने से यह काम कम फायदेमंद हो जाता है। लेकिन अब बिहार के किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं। सरकार “जलकृषि सौरीकरण के तहत बोरिंग-सह-सोलर सबमर्सिबल पंपसेट अधिष्ठापन की योजना” चला रही है। इस योजना से तालाबों, पोखरों, बायोफ्लॉक, या आरएएस में साल भर पानी उपलब्ध रहेगा, और किसानों की कमाई बढ़ेगी।
योजना का लक्ष्य और लाभ
बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के तहत राज्य के सभी जिलों में 355 बोरिंग-सह-सोलर सबमर्सिबल पंपसेट लगाने का लक्ष्य रखा है। योजना का मुख्य मकसद मछली पालन में पानी की कमी को दूर करना है। किसानों को पंपसेट की इकाई लागत का 80% सब्सिडी मिलेगी, जो सभी वर्गों के लिए समान है। बाकी 20% राशि किसान खुद देंगे या बैंक लोन से ले सकते हैं। यह सब्सिडी तालाबों में साल भर पानी बनाए रखने और मछली पालन को आसान बनाने में मदद करेगी।
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किसे मिलेगा योजना का लाभ
यह योजना उन किसानों के लिए है, जिनके पास कम से कम 0.25 एकड़ से 2.5 एकड़ तक का तालाब या जलक्षेत्र है। एक व्यक्ति या परिवार को अधिकतम एक पंपसेट का लाभ मिलेगा। अगर तालाब लीज पर है, तो कम से कम 9 साल का एग्रीमेंट (1000 रुपये के स्टांप पर) जरूरी है। योजना में बोरिंग, सोलर पंपसेट, और पाइप आदि की खरीद किसान खुद सूचीबद्ध आपूर्तिकर्ताओं से करेंगे। लाभार्थियों का चयन राज्य स्तर की समिति करेगी। अगर आपने पहले किसी योजना से सोलर पंप का लाभ लिया है, तो इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा।
जरूरी दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन में तालाब का पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, या मछली पालन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट लगाना जरूरी है। साथ ही, मोबाइल नंबर, बैंक खाता डिटेल्स (IFSC कोड सहित) दें। आवेदन fisheries.bihar.gov.in पर करें। अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 है। योजना की पूरी जानकारी state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर उपलब्ध है। आवेदन के बाद चयन समिति आपका नाम चुनकर सूचित करेगी।
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योजना से किसानों की मदद
यह योजना मछली पालन करने वाले किसानों के लिए बड़ी राहत है। सोलर पंपसेट से बिजली की बचत होगी और गर्मियों में पानी की कमी नहीं होगी। 80% सब्सिडी से लागत कम होगी, और किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे। बिहार सरकार की यह पहल छोटे किसानों को मजबूत बनाएगी और मछली उत्पादन को बढ़ावा देगी। अगर आपके पास तालाब है, तो इस मौके को मत छोड़िए।
मछली पालन करने वाले किसान भाइयों, अगर आपके पास 0.25 एकड़ या ज्यादा तालाब है, तो फटाफट fisheries.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करें। दस्तावेज तैयार रखें और 31 अगस्त 2025 से पहले अप्लाई कर लें। अगर कोई दिक्कत हो, तो अपने जिले के कृषि या मत्स्य विभाग से संपर्क करें। सोलर पंपसेट से आपकी खेती आसान हो जाएगी और कमाई बढ़ेगी।
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