सरकार बाढ़ और बारिश से फसल नुकसान पर ₹22,500 प्रति हेक्टेयर तक देगी मुआवजा

बिहार सरकार ने अगस्त 2025 में भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए “कृषि इनपुट अनुदान योजना शारदीय (खरीफ) 2025” शुरू की है। इस योजना के तहत 33% या इससे अधिक फसल नुकसान वाले किसानों को ₹8,500 से ₹22,500 प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा मिलेगा। यह योजना 14 जिलों के 64 प्रखंडों की 577 पंचायतों के किसानों को लाभ पहुँचाएगी, जिनमें नालंदा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, बेगूसराय, लखीसराय, पटना, भोजपुर, वैशाली, मुंगेर, सारण, समस्तीपुर, मधेपुरा, और शेखपुरा शामिल हैं। इसका उद्देश्य फसल क्षति की भरपाई, किसानों को आर्थिक सहायता, और खेती की निरंतरता सुनिश्चित करना है।

मुआवजे की राशि और श्रेणियाँ

योजना के तहत मुआवजा राशि फसल और खेत के प्रकार पर आधारित है:

  • असिंचित क्षेत्र (वर्षा आधारित खेती): ₹8,500 प्रति हेक्टेयर (न्यूनतम ₹1,000)।
  • सिंचित क्षेत्र (सिंचाई आधारित खेती): ₹17,000 प्रति हेक्टेयर (न्यूनतम ₹2,000)।
  • शाश्वत/बहुवर्षीय फसलें (जैसे गन्ना): ₹22,500 प्रति हेक्टेयर (न्यूनतम ₹2,500)।

प्रत्येक किसान अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए मुआवजा प्राप्त कर सकता है। यह योजना रैयत (भूमि धारक) और गैर-रैयत (भूमिहीन) दोनों किसानों के लिए लागू है।

ये भी पढ़ें- सरकार दे रही है कृषि यंत्रो पर भारी छुट, जाने किन्हें मिला लाभ

पात्रता और आवेदन की शर्तें

मुआवजा पाने के लिए निम्नलिखित शर्तें हैं:

  • फसल नुकसान 33% या अधिक होना चाहिए।
  • किसान का बिहार कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।
  • रैयत किसानों के लिए 2022-23, 2023-24, या 2024-25 का LPC या लगान रसीद जरूरी है।
  • गैर-रैयत किसानों को वार्ड सदस्य और कृषि समन्वयक द्वारा प्रमाणित स्व-घोषणा पत्र जमा करना होगा।
  • आधार सत्यापन और परिवार (किसान, जीवनसाथी, और अवयस्क बच्चे) का पंजीकरण आवश्यक है।
  • गलत जानकारी देने पर आवेदन रद्द हो सकता है।

ये भी पढ़ें- खेती से करोड़पति बनने का मौका! इस तकनीक से उगाएं ये फसल, सरकार भी देगी 50% अनुदान

आवेदन प्रक्रिया और दस्तावेज

किसानों को 5 सितंबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • पोर्टल: dbtagriculture.bihar.gov.in पर 13-अंकीय पंजीकरण संख्या के साथ आवेदन करें।
  • नए किसान: डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण कराएँ।
  • दस्तावेज: आधार कार्ड, खेत के कागजात, बैंक खाता विवरण, और LPC (रैयत के लिए) या स्व-घोषणा पत्र (गैर-रैयत के लिए)।
  • सहायता: कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), वसुधा केंद्र, या कॉल सेंटर (1800-180-1551) से संपर्क करें।

आवेदन के लिए ओटीपी गोपनीय रखें। पंजीकृत किसानों को 13-अंकीय संख्या मिलेगी, जिससे अन्य योजनाओं का लाभ भी लिया जा सकता है।

बिहार में बाढ़ का प्रभाव

अगस्त 2025 में कोसी, गंगा, और बागमती जैसी नदियों में उफान से हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हुईं। खगड़िया और कटिहार जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राहत कार्यों की समीक्षा की और प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। यह योजना किसानों को आर्थिक संकट से उबारने और खेती को पुनर्जनन में मदद करेगी।

यह योजना बिहार के किसानों के लिए राहत का बड़ा कदम है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ बाढ़ हर साल चुनौती बनती है। हालाँकि, कुछ किसान संगठनों ने मुआवजे को अपर्याप्त बताया और ₹40,000 प्रति हेक्टेयर की माँग की है, जैसा कि तमिलनाडु में साइक्लोन फेंगल के बाद किसानों ने किया। विशेषज्ञों का कहना है कि डीबीटी पोर्टल और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और जागरूकता की कमी बाधा बन सकती है।

ये भी पढ़ें- सरकार देगी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, सरकारी जमीन पर किसान उगा सकेंगे फसल!

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment