बिहार के बागवानी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। राज्य सरकार ने बागवानी फसलों पर कीटनाशक छिड़काव के लिए नई सब्सिडी योजना शुरू की है। यह योजना विशेष रूप से केला, पपीता, आम, और लीची की खेती करने वाले किसानों के लिए तैयार की गई है। इसके तहत कीटनाशक छिड़काव पर 50 से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी, जिससे किसानों की लागत कम होगी और फसलों की गुणवत्ता व उत्पादन में सुधार होगा। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में बागवानी करने वाले किसानों के लिए यह योजना खेती को और लाभकारी बनाने का अवसर लेकर आई है।
कीटनाशक छिड़काव पर सस्ती सुविधा
यह योजना वित्तीय वर्ष 2026 से लागू होगी और बिहार सरकार के कृषि विभाग की पौधा संरक्षण इकाई द्वारा संचालित की जाएगी। इसका उद्देश्य कम लागत में प्रभावी कीट नियंत्रण सुनिश्चित करना है। कीटनाशक छिड़काव की दरें पहले से निर्धारित की गई हैं, ताकि किसानों को पारदर्शी और किफायती सेवा मिले। केला और पपीता जैसी फसलों पर दो बार छिड़काव की व्यवस्था होगी, जिसमें सरकार लागत का आधा हिस्सा वहन करेगी। यह सुविधा ग्रामीण किसानों के लिए खेती को आसान और किफायती बनाने में मददगार साबित होगी।
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केला और पपीता पर सब्सिडी का लाभ
केला और पपीता की खेती करने वाले किसानों के लिए इस योजना में विशेष प्रावधान हैं। पहले छिड़काव की लागत प्रति एकड़ 4,300 रुपये होगी, जिसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी के बाद किसानों को केवल 2,150 रुपये देने होंगे। दूसरा छिड़काव प्रति एकड़ 4,000 रुपये का होगा, जिसमें सरकार 2,000 रुपये की सहायता देगी। पपीता की खेती के लिए सरकार ने पहले छिड़काव के तहत 25 एकड़ क्षेत्र को कवर करने का लक्ष्य रखा है। यह योजना लागत कम करके किसानों को बेहतर पैदावार और मुनाफे का मौका दे रही है।
आम और लीची पर 75 प्रतिशत सब्सिडी
आम और लीची के बागवानों के लिए यह योजना और भी फायदेमंद है। इन फसलों पर 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। आम के पेड़ों पर पहला छिड़काव 76 रुपये प्रति पेड़ का होगा, जिसमें सरकार 57 रुपये की सहायता देगी और किसान को केवल 19 रुपये देने होंगे। दूसरा छिड़काव 96 रुपये प्रति पेड़ का होगा, जिसमें 72 रुपये की सब्सिडी मिलेगी और किसान को 24 रुपये खर्च करने होंगे। लीची के लिए भी यही व्यवस्था है। पहला छिड़काव 216 रुपये प्रति पेड़ का होगा, जिसमें 162 रुपये की सब्सिडी मिलेगी और किसान को केवल 54 रुपये देने होंगे। यह सुविधा बागवानों को कम लागत में फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
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योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाना बेहद आसान है। किसानों को बिहार उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट (https://horticulture.bihar.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदनों की जाँच के बाद चयनित किसानों के खेतों में प्रशिक्षित टीमें भेजी जाएंगी, जो केला, पपीता, आम, और लीची की फसलों पर कीटनाशक छिड़काव करेंगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी, ताकि ग्रामीण किसानों को बिना किसी परेशानी के सुविधा मिले। किसानों को केवल समय पर आवेदन करना है, बाकी काम सरकार और सेवा प्रदाता संभाल लेंगे।
बागवानी को नया बढ़ावा
यह योजना बिहार के बागवानी किसानों के लिए एक बड़ा कदम है। कम लागत में कीट नियंत्रण से फसलों की गुणवत्ता और पैदावार बढ़ेगी, जिससे मंडी में बेहतर दाम मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए यह योजना महत्वपूर्ण साबित होगी। किसान अब कम खर्च में अपनी फसलों को कीड़ों से बचा सकेंगे और मेहनत का पूरा फल पा सकेंगे। बिहार सरकार का यह प्रयास बागवानी को और लाभकारी बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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