रबी सीजन 2025 के लिए बीकानेर कृषि विश्वविद्यालय की 7 अहम सलाहें, मूंगफली से सरसों तक किसानों के लिए सुनहरा मौका

अक्टूबर का महीना किसानों के लिए रबी सीजन की शुरुआत का संकेत देता है, और इसी कड़ी में बीकानेर के स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के लिए नई कृषि सलाह जारी की है। यह सलाह मूंगफली, सरसों, चना, मसूर, सब्जियों और चारा फसलों की बुवाई से लेकर पशुपालन तक के लिए उपयोगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही समय पर बुवाई, उन्नत बीज चयन और खरपतवार नियंत्रण से उत्पादन में 20-30% वृद्धि संभव है। साथ ही, राजस्थान में ठंड धीरे-धीरे दस्तक दे रही है, और 25 अक्टूबर से एक नई मौसम प्रणाली सक्रिय हो सकती है। आइए, जानें विश्वविद्यालय की सलाह और मौसम का पूर्वानुमान।

मूंगफली, परिपक्वता और सिंचाई का ध्यान

मूंगफली की फसल में फलियाँ पकने के चरण में सिंचाई का विशेष ध्यान रखें। विशेषज्ञों के अनुसार, फलियाँ पूरी तरह विकसित होने पर हल्की सिंचाई करें, लेकिन अधिक पानी से बचें, क्योंकि इससे फलियाँ फट सकती हैं। खेत को साफ रखें और जड़ों की जाँच करें। यह सलाह किसानों को उपज में स्थिरता देगी।

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मूंग, उड़द, बाजरा, तिल, ज्वार, कटाई और बीज संरक्षण

इन फसलों की कटाई के समय पौधों को खेत में ही सुखाएँ। खराब बीजों को अलग रखें, ताकि अगली फसल के लिए अच्छे बीज सुरक्षित रहें। सुखाने के बाद भंडारण में नमी से बचाव के लिए हवादार जगह चुनें। यह तरीका बीज की गुणवत्ता बनाए रखेगा और लागत कम करेगा।

चना, तिल, तारामीरा/सरसों, बुवाई की तैयारी और उन्नत किस्में

रबी फसलों (Rabi Crop Tips) की बुवाई के लिए खेत को अच्छी तरह तैयार करें। प्रति हेक्टेयर 15-20 किलो बीज का उपयोग करें। उन्नत किस्में जैसे पीडीएफ-2, पीडीएफ-3, पीडीएफ-4, आरएलसी-1, आरजी-234, आरजेड-19, आरजी-48, आरजी-119 चुनें, जो उच्च उपज और रोग प्रतिरोधी हैं। बीज उपचार के लिए प्रति किलो बीज में थायरम 2.5 ग्राम या बाविस्टीन 2 ग्राम मिलाएँ। बुवाई में पंक्ति दूरी 30-45 सेंटीमीटर रखें। यह सलाह उत्पादन को मजबूत बनाएगी।

उद्यानिकी, सब्जियों की रोपाई का उपयुक्त समय

टमाटर, मिर्च, गोभी, फूलगोभी, बैंगन आदि की नर्सरी तैयार करने और रोपाई का यह सही समय है। पौधों के बीच 1×1 मीटर दूरी रखें, ताकि विकास समान हो। नर्सरी में अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का उपयोग करें। यह तकनीक सब्जियों की उपज को दोगुना कर सकती है।

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चारा प्रबंधन, पशुपालन के लिए संतुलित आहार

पशुपालन के लिए चारा फसलों पर ध्यान दें। बरसीम, लुसर्न, मक्का और जई की बुवाई करें। उच्च उत्पादन के लिए बरसीम की उन्नत किस्में JB-1, BL-10 और Mescavi बोएँ, जो ठंडे मौसम में अच्छी वृद्धि करती हैं। प्रति हेक्टेयर 20-25 किलो बीज का उपयोग करें। यह सलाह पशु पोषण को सुनिश्चित करेगी।

पशुओं को संतुलित आहार दें, और ठंड के मौसम में पशुशाला में गर्माहट बनाए रखें। गर्भवती और दूध देने वाली गायों को प्रतिदिन 20-50 ग्राम मिनरल मिक्सचर खिलाएँ। खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण कराएँ। यह सलाह पशु स्वास्थ्य को मजबूत बनाएगी।

मौसम पूर्वानुमान, 25 अक्टूबर से नई प्रणाली का प्रभाव

राजस्थान में ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही है, और तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, 25 अक्टूबर से एक नई प्रणाली सक्रिय होगी, जो 28 अक्टूबर तक चलेगी। कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में बादल छाए रहेंगे, और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। कोटा, बारां, उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में प्रभाव अधिक होगा। अन्य इलाकों में मौसम साफ रहेगा। किसानों को सलाह है कि बुवाई और सिंचाई में सावधानी बरतें, ताकि बारिश से नुकसान न हो।

कृषि विभाग की अपील, सतर्कता और नवाचार

कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि मौसम को ध्यान में रखते हुए सिंचाई और बुवाई का समय निर्धारित करें। उचित बीज, दूरी और खरपतवार नियंत्रण से उत्पादन बढ़ेगा। सरकारी योजनाओं से उन्नत बीज और खाद पर सब्सिडी लें। यह सलाह किसानों को उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगी।

बीकानेर कृषि विश्वविद्यालय की यह सलाह किसानों के लिए मार्गदर्शक है। मूंगफली से पशुपालन तक हर क्षेत्र में उपयोगी। मौसम की सतर्कता के साथ इन सुझावों को अपनाएँ, और रबी सीजन को समृद्ध बनाएँ।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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