Blue Grapes Farming in Hindi: खेती में कुछ नया करने का मन हो, तो ब्लू अंगूर की खेती आपके लिए एक शानदार मौका हो सकता है। यह एक ऐसी फसल है, जो कम समय में तैयार होती है और अच्छा मुनाफा देती है। भारत के गर्म और शुष्क इलाकों में, जैसे बेंगलुरु, नासिक, या उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में, यह फसल खूब फलती-फूलती है।
एक साल में दो बार फसल ले सकते हैं, और अगर सही देखभाल करें, तो एक एकड़ से लाखों की कमाई हो सकती है। इसकी खासियत है बड़े, चमकदार, और गहरे रंग के अंगूर, जो बाजार में अच्छी कीमत लाते हैं। आइए जानें कि ब्लू अंगूर की खेती कैसे करें, इसमें कितना खर्चा आता है, और इससे मुनाफा कैसे कमाएँ।

ब्लू अंगूर की खेती का आसान तरीका- Blue Grapes Farming in Hindi
ब्लू अंगूर की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले अच्छी ज़मीन चुनें। ऐसी जगह सही है, जहाँ धूप अच्छी मिले और पानी की निकासी ठीक हो। एक एकड़ में करीब 150 पौधे लगाए जा सकते हैं। इन पौधों को लगाने के लिए 5-6 फीट की दूरी रखें, ताकि हर पौधे को पर्याप्त जगह मिले। पौधे लगाने से पहले मिट्टी को गोबर की खाद से तैयार करें।
गोबर की खाद मिट्टी को ताकत देती है और पौधों की जड़ों को मज़बूत करती है। पौधे लगाने के बाद, डीएपी और एमओपी जैसे उर्वरकों का सही मात्रा में इस्तेमाल करें। अगर मिट्टी की जाँच करवाएँ, तो और बेहतर होगा, क्योंकि इससे पता चलता है कि मिट्टी में कौन से तत्व की कमी है।
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फसल तैयार होने का समय और देखभाल
ब्लू अंगूर की सबसे बड़ी खासियत है कि यह सिर्फ़ चार महीने में फसल देने के लिए तैयार हो जाता है। साल में दो बार, यानी गर्मी और बरसात में, आप फसल ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए सही समय पर देखभाल बहुत ज़रूरी है। पौधों की प्रूनिंग, यानी पुरानी टहनियों को काटना, हर साल करना पड़ता है। इससे पौधे में नए फल आते हैं और फसल की गुणवत्ता बढ़ती है। इसके अलावा, समय-समय पर पानी देना और कीटों से बचाव के लिए छिड़काव करना ज़रूरी है। नीम का तेल या जैविक कीटनाशक इस्तेमाल करें, ताकि फसल को नुकसान न हो। अगर आप सही तरीके से देखभाल करें, तो एक एकड़ से 10 टन तक अंगूर मिल सकते हैं।

कीटों और रोगों से बचाव
ब्लू अंगूर की खेती में कुछ कीट और रोग परेशान कर सकते हैं, जैसे ब्लाइट, थ्रिप्स, और मिलिबग। इनसे बचने के लिए समय पर छिड़काव बहुत ज़रूरी है। नीम का तेल, लहसुन, और मिर्च का मिश्रण बनाकर छिड़काव करें। यह सस्ता और कारगर तरीका है। अगर रोग ज़्यादा बढ़ जाए, तो नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें। वहाँ वैज्ञानिक आपको सही दवा और छिड़काव का समय बता सकते हैं। इसके अलावा, खेत में पानी जमा न होने दें, क्योंकि ज़्यादा नमी से फफूंदी का खतरा बढ़ता है। सही समय पर सिंचाई और अच्छी जल निकासी से आपकी फसल सुरक्षित रहेगी।
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लागत और मुनाफे का गणित
ब्लू अंगूर की खेती में शुरुआती खर्चा करीब एक लाख रुपये आता है। इसमें पौधे, खाद, सिंचाई, और मज़दूरी का खर्च शामिल है। लेकिन एक बार खेत तैयार हो जाए, तो अगले 20 साल तक आप इसकी फसल ले सकते हैं। यानी, एक पौधे से 40 बार तक फल लिया जा सकता है। बाजार में ब्लू अंगूर की कीमत 25 से 50 रुपये प्रति किलो तक मिलती है। अगर आप एक एकड़ से 10 टन अंगूर निकालते हैं, तो साल में दो बार फसल लेकर 5 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। इन अंगूरों का इस्तेमाल न सिर्फ़ ताज़ा फल के रूप में होता है, बल्कि वाइन बनाने में भी होता है, जिससे इसकी डिमांड और बढ़ती है।
गाँव के किसानों के लिए खास सलाह
किसान भाइयों, अगर आप अपने खेत में कुछ नया करना चाहते हैं, तो ब्लू अंगूर की खेती एक अच्छा विकल्प है। यह फसल उन इलाकों में खास तौर पर फायदेमंद है, जहाँ गर्म और शुष्क मौसम हो। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें, जहाँ आपको सस्ते पौधे और सही सलाह मिल सकती है। शुरुआत में छोटे स्तर पर, जैसे आधा एकड़ से, खेती शुरू करें। इससे आप कम लागत में अनुभव ले सकते हैं। अपने गाँव के अनुभवी किसानों से भी बात करें, जो पहले से अंगूर की खेती कर रहे हों। उनकी सलाह आपके लिए बहुत काम आएगी।
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