लौकी के जड़ों में डाल दें यह 3 चीजों का चमत्कारी घोल, जड़ें होंगी मजबूत और फलों से लद जाएगा बेल

Bottel Gourd Farming Tips: किसान भाइयों मार्च का महीना शुरू होते ही गर्मी बढ़ने लगती है, और इस मौसम में लौकी की बेल से फल गिरने की समस्या आम हो जाती है। लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि आप घर पर ही नीम, हल्दी, लहसुन और गोबर की राख से एक चमत्कारी देसी घोल बना सकते हैं। ये जैविक तरीका इतना असरदार है कि 5-6 दिन में लौकी की बेल फिर से हरी-भरी हो जाएगी। आइए जानें कि इसे कैसे तैयार करें और इस्तेमाल करें।

लौकी के फल क्यों झड़ते हैं

गर्मी बढ़ते ही कई सब्जियों की बढ़त रुक जाती है, और लौकी में फल झड़ने की दिक्कत शुरू हो जाती है। इसके पीछे फफूंद, कीट, पानी की कमी या पोषण की कमी जैसे कारण हो सकते हैं। अगर आपके किचन गार्डन या खेत में लौकी की बेल लगी है और फल गिर रहे हैं, तो रासायनिक दवाइयों की जगह देसी नुस्खा आजमाएँ। ये न सिर्फ सस्ता है, बल्कि पौधे के लिए भी सुरक्षित है।

देसी घोल बनाने का आसान तरीका

इस घोल को बनाने के लिए आपको चाहिए—नीम की ताजी पत्तियाँ, हल्दी पाउडर, लहसुन और गोबर के कंडे की राख। सबसे पहले नीम की पत्तियों को पीस लें और इसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएँ। फिर एक कली लहसुन का पेस्ट बनाकर इसमें डाल दें। अब गोबर के कंडे की राख लें लगभग एक मुट्ठी और इसे एक लीटर पानी में अच्छे से घोल लें। बस, आपका देसी घोल तैयार है। इसे 5-6 दिन तक ढककर रखें, ताकि सारी चीजें अच्छे से मिल जाएँ।

घोल का इस्तेमाल कैसे करें

लौकी की बेल में इस घोल को डालने से पहले जड़ के पास हल्की गुड़ाई कर लें, ताकि मिट्टी ढीली हो जाए। फिर शाम के वक्त, जब धूप कम हो, इस घोल को जड़ के आसपास डाल दें। महीने में एक बार ऐसा करें। ये घोल पौधे को ताकत देगा, कीटों को भगाएगा और फल गिरने की समस्या दूर करेगा। गाँव में ये सारी चीजें आसानी से मिल जाती हैं, तो खर्च की चिंता भी नहीं।

इस घोल का कमाल

नीम और हल्दी में कीटों और फफूंद से लड़ने की ताकत होती है, जो पौधे को बीमारियों से बचाती है। लहसुन कीटों को दूर भगाता है, और गोबर की राख मिट्टी को पोषण देती है। ये देसी घोल लौकी की बेल को हरा-भरा रखता है और फल झड़ने की दिक्कत को जड़ से खत्म करता है। गर्मी में भी आपकी लौकी अच्छी फलेगी-फूलेगी।

किसानों और गार्डनर्स के लिए सलाह

किसान भाइयों और बहनों, अगर आपने लौकी लगाई है, तो इस देसी नुस्खे को जरूर आजमाएँ। ये सस्ता, आसान और जैविक है। रासायनिक दवाइयों से बचें, ताकि मिट्टी और सेहत दोनों ठीक रहें। गर्मी में पौधों को सुबह-शाम पानी दें और इस घोल का इस्तेमाल करें। आपकी मेहनत रंग लाएगी, और लौकी की बेल फल से लद जाएगी।

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  • Shashikant

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