ट्रेलिस (मचान) पर लौकी की खेती कैसे करें? होगा डेढ़ गुना उत्पादन, लंबे समय तक देगी फायदा

Bottle Gourd Trellis Ideas : किसान भाइयों, हमारे यहाँ लौकी की सब्जी हर घर में बनती है, लेकिन ट्रेलिस पर इसकी खेती करने से उत्पादन डेढ़ गुना बढ़ जाता है और फल लंबे समय तक निकलते हैं। ट्रेलिस यानी लकड़ी या तार का ढाँचा, जिस पर लौकी की बेल चढ़ती है। इससे जगह बचती है, फल साफ-सुथरे निकलते हैं और बीमारी कम लगती है। मार्च का महीना चल रहा है, और अभी बुआई का सही वक्त है। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि ट्रेलिस पर लौकी की खेती कैसे करें, ताकि फायदा ढेर सारा मिले।

ट्रेलिस खेती की खासियत और फायदा

ट्रेलिस पर लौकी उगाने से बेल जमीन पर नहीं फैलती, बल्कि ऊपर चढ़ती है। इससे खेतों में जगह कम लगती है और फल हवा में लटकते हैं, जो सड़ते नहीं। अपने इलाके में ये तरीका इसलिए बढ़िया है, क्यूँकि इससे लौकी 3-4 महीने तक फल देती है। फल सीधे और लंबे निकलते हैं, जो बाजार में अच्छे दाम पाते हैं। सामान्य खेती से 50% ज्यादा पैदावार मिलती है, और मेहनत भी कम लगती है। मार्च में शुरू करें, तो गर्मी और मानसून का पूरा फायदा उठेगा। ये ढंग खेती को आसान और फायदेमंद बनाता है।

खेत और ट्रेलिस तैयार करने का देसी ढंग

खेत को जोतकर दोमट मिट्टी तैयार करें। प्रति बीघा 5-7 टन गोबर की सड़ी खाद डालें। अपने आसपास ट्रेलिस के लिए 6-8 फीट ऊँचे बाँस या लोहे के खंभे 2-3 मीटर की दूरी पर गाड़ें। ऊपर तार या जाल बाँध दें, ये 500-1,000 रुपये में हो जाएगा। खंभों के बीच 2-3 फीट चौड़ी मेंड़ बनाएँ और उसमें 60 सेमी की दूरी पर गड्ढे खोदें। हर गड्ढे में 1-2 किलो वर्मीकम्पोस्ट डालें। मार्च में ये तैयारी करें, ताकि बेल चढ़ने को तैयार रहे। ये जुगाड़ सस्ता है और लौकी को मजबूत सहारा देता है।

बुआई और देखभाल का आसान तरीका

लौकी के बीज बाजार से लें—किस्में जैसे Pusa Summer या Arka Bahar बढ़िया हैं। प्रति बीघा 1-1.5 किलो बीज काफी है। मार्च में हर गड्ढे में 2-3 बीज 2-3 सेमी गहरा बो दें। 5-7 दिन में अंकुर निकल आएँगे। एक पौधा छोड़कर बाकी हटा दें। हर 7-10 दिन में हल्का पानी दें। बेल जब 1 फीट की हो, तो उसे ट्रेलिस पर चढ़ाएँ और धागे से बाँध दें। नीम का पानी हफ्ते में एक बार छिड़कें, ये कीटों से बचाता है। फूल आने पर गोबर का घोल (5 किलो 20 लीटर पानी में) डालें। ऐसा करने से फल लंबे समय तक लगते हैं।

पैदावार और फायदे का सीधा हिसाब

ट्रेलिस पर एक बीघे से 30-40 क्विंटल लौकी निकल सकती है, जो सामान्य खेती से डेढ़ गुना ज्यादा है। बाजार में 20-30 रुपये किलो बिकती है, तो 60-80 हज़ार रुपये की कमाई होगी। बीज, ट्रेलिस और खाद का खर्च 5-7 हज़ार रुपये पड़ता है। शुद्ध मुनाफा 55-70 हज़ार रुपये तक हो सकता है। खेतों में फल जून से सितंबर तक निकलते हैं। अपने इलाके में मंडी या सब्जी दुकानों को बेचें, तो दाम बढ़िया मिलेगा। ये तरीका मेहनत को डेढ़ गुना फल देता है और जेब भरता है।

ट्रेलिस से लौकी को लंबा फायदा दें

अपने आसपास ये खेती इसलिए खास है, क्यूँकि ये कम जगह में ढेर सारा उत्पादन देती है। मार्च में शुरू करें, तो महीनों तक ताज़ा लौकी मिलेगी। घर में बहनें कहती हैं कि ट्रेलिस की लौकी साफ और स्वादिष्ट होती है। तो भाइयों, ट्रेलिस पर लौकी की खेती शुरू करें, डेढ़ गुना पैदावार पाएँ और लंबे समय तक फल का मज़ा लें। खेत चमकेगा, और मेहनत रंग लाएगी!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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