Brussels Sprout Ki Kheti Kaise Karen: आजकल विदेशी फसलों की खेती किसान भाइयों के लिए कमाई का नया जरिया बन रही है। ऐसा ही एक धांसू ऑप्शन है ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती। ये छोटी-छोटी गोभी जैसी सब्जी न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि बाजार में इसके दाम भी आसमान छूते हैं। 300 से 500 रुपये प्रति किलो तक बिकने वाली इस सब्जी से किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं। ये ठंडे मौसम की फसल है, जो कम मेहनत में अच्छा मुनाफा देती है। तो चलिए, जानते हैं कि ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती कैसे करें और ये आपके लिए क्यों फायदेमंद है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स है क्या?
ब्रसेल्स स्प्राउट्स एक मिनी गोभी जैसी सब्जी है, जो सबसे पहले बेल्जियम के ब्रुसेल्स में उगाई गई थी। इसका ताल्लुक पत्तागोभी वाले परिवार से है। ये छोटे-छोटे हरे गोले न सिर्फ देखने में प्यारे लगते हैं, बल्कि पोषण से भी भरे होते हैं। इसमें विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो सेहत के लिए कमाल के हैं। भारत में बड़े होटल, रेस्तरां और हेल्थ कॉन्शियस लोग इसे खूब पसंद करते हैं, जिसकी वजह से इसकी डिमांड दिन-ब-दिन बढ़ रही है।
खेती के लिए सही मौसम और मिट्टी
ब्रसेल्स स्प्राउट्स को ठंडा मौसम बहुत भाता है। 15 से 18 डिग्री सेल्सियस का तापमान इसके लिए सबसे बेस्ट है। गर्मी इसे पसंद नहीं, इसलिए इसे सर्दियों में उगाना चाहिए। मिट्टी की बात करें तो अच्छी जल निकासी वाली, थोड़ी उपजाऊ मिट्टी इसके लिए सही रहती है। मिट्टी का pH लेवल 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। अगर खेत में गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट डाल दें, तो फसल की क्वालिटी और बढ़ जाती है। हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर या पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाकों में ये फसल खूब फलती-फूलती है।
बीज बोने और देखभाल का तरीका
ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले अच्छे क्वालिटी के बीज चाहिए। इन्हें नर्सरी में ¼ से ½ इंच गहराई पर बोएं। बीजों के बीच 2 सेंटीमीटर की दूरी रखें, ताकि पौधे अच्छे से बढ़ सकें। 30-35 दिन में पौधे तैयार हो जाते हैं, फिर इन्हें खेत में ट्रांसप्लांट कर दें। पौधों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी रखें, ताकि हर पौधे को पूरा पोषण मिले। पानी का खास ध्यान रखें। गर्म मौसम में हफ्ते में दो बार और ठंड में कम पानी देना काफी है। खरपतवार से बचाने के लिए मल्चिंग करें, यानी खेत में घास-फूस या प्लास्टिक शीट बिछाएं, जिससे नमी बनी रहे और खरपतवार न उगे।
खाद और कीटों से बचाव
इस फसल को अच्छी ग्रोथ के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करें। गोबर की खाद, वर्मीकंपोस्ट या हरी खाद डालने से पौधे तंदुरुस्त रहते हैं। नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम वाली खाद को संतुलित मात्रा में डालें। ज्यादा खाद भी नुकसान कर सकती है, तो कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें। कीट और बीमारियों से बचने के लिए नीम का तेल या जैविक कीटनाशक छिड़कें। गोभी के कीड़े या फफूंद से बचाने के लिए समय-समय पर पौधों की जांच करते रहें।
कटाई का सही समय और उत्पादन
ब्रसेल्स स्प्राउट्स की फसल बुवाई के 80 से 110 दिन बाद तैयार हो जाती है। जब इसके छोटे-छोटे गोले 1 से 1.5 इंच के हो जाएं और उनका रंग गहरा हरा हो, तो कटाई शुरू कर दें। कटाई नीचे से ऊपर की ओर करें, ताकि पौधा स्वस्थ रहे और बाकी स्प्राउट्स बढ़ते रहें। एक हेक्टेयर खेत से 200 क्विंटल तक फसल मिल सकती है। अगर देखभाल अच्छी हो, तो उत्पादन और भी बढ़ सकता है। कटाई के बाद स्प्राउट्स को ठंडी जगह पर स्टोर करें, ताकि उनकी ताजगी बनी रहे।
बाजार में कीमत और कमाई
ब्रसेल्स स्प्राउट्स की बाजार में जबरदस्त डिमांड है। बड़े शहरों के होटल, सुपरमार्केट और ऑनलाइन स्टोर में ये 300 से 500 रुपये प्रति किलो तक बिकती है। अगर एक हेक्टेयर में 200 क्विंटल फसल हुई और औसतन 400 रुपये प्रति किलो भी मिले, तो लाखों रुपये की कमाई हो सकती है। लागत की बात करें तो बीज, खाद और मजदूरी मिलाकर 1-1.5 लाख रुपये खर्च आता है, लेकिन मुनाफा कई गुना ज्यादा होता है। छोटे किसान भी आधा हेक्टेयर से शुरू करके अच्छी कमाई कर सकते हैं।
क्यों है ये खेती फायदेमंद
ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती कम खर्च में ज्यादा मुनाफा देती है। इसकी डिमांड न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में भी है। ये सेहत के लिए फायदेमंद है, इसलिए हेल्थ कॉन्शियस लोग इसे खूब खरीदते हैं। कम देखभाल में अच्छी फसल मिलने की वजह से छोटे और मझोले किसानों के लिए ये बेस्ट ऑप्शन है। साथ ही, इसे ऑर्गेनिक तरीके से उगाकर और भी ज्यादा दाम पाए जा सकते हैं।
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