किसान भाइयों, पत्ता गोभी एक ऐसी सब्जी है, जो सलाद, सब्जी, और फास्ट फूड में हर जगह छाई रहती है। आमतौर पर ये ठंडी फसल मानी जाती है, लेकिन गर्मी में भी सही तरीके और किस्मों से इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। गर्मी में पत्ता गोभी उगाने के लिए खास तैयारी, सही समय, और देखभाल चाहिए। भारत में पहाड़ी इलाकों या गर्मी सहन करने वाली किस्मों से ये मुमकिन है। आइए जानते हैं कि गर्मी वाले पत्ता गोभी की खेती कैसे करें।
पत्ता गोभी का गर्मी से रिश्ता
पत्ता गोभी को 15-25°C तापमान पसंद है। गर्मी में 30-35°C तक ये सहन कर सकती है, बशर्ते सही किस्म और नमी का ध्यान रखा जाए। ज्यादा गर्मी में ये फूल बनाती है, जिससे पत्तियाँ सख्त और स्वाद खराब हो सकता है। गर्मी के लिए अगेती या हाइब्रिड किस्में जैसे ‘गोल्डन एकर’, ‘प्राइड ऑफ इंडिया’, या ‘सुपर अंजना’ चुनें। ये कम समय में तैयार होती हैं और गर्मी झेल लेती हैं। गाँव में इसे छत, आँगन, या खेत में उगाकर बाज़ार में अच्छी कीमत पा सकते हैं।
खेत तैयार करने का देसी तरीका
गर्मी में पत्ता गोभी के लिए दोमट या बलुई मिट्टी बढ़िया है, जिसमें पानी का निकास अच्छा हो। खेत को हल से जोतें, फिर 2-3 बार हैरो चलाकर मिट्टी भुरभुरी करें। प्रति हेक्टेयर 8-10 टन गोबर की सड़ी खाद या 2-3 टन वर्मी कंपोस्ट डालें। मिट्टी का pH 6-7 रखें, अगर кис्सी हो तो चूना मिलाएँ। गर्मी में पानी जल्दी सूखता है, तो खेत में नमी बनाए रखने के लिए क्यारियाँ बनाएँ। फरवरी के आखिर या मार्च की शुरुआत में खेत तैयार करें, ताकि गर्मी शुरू होने से पहले नर्सरी तैयार हो सके।
नर्सरी और बुवाई का सही समय
गर्मी में पत्ता गोभी की नर्सरी फरवरी से मार्च में बनाएँ। 1 हेक्टेयर के लिए 500 ग्राम बीज काफी हैं। ऊँची क्यारी (1 मीटर चौड़ी, 3 मीटर लंबी) बनाएँ, जिसमें जलभराव न हो। गोबर की खाद और मिट्टी मिलाकर बीज 1-2 सेमी गहरा बोएं। हल्का पानी छिड़कें और पुआल से ढक दें। 25-30 दिन में पौधे तैयार हो जाएँगे। अप्रैल में जब तापमान बढ़ने लगे, तो पौधों को खेत में रोपें। पंक्ति से पंक्ति 45 सेमी और पौधे से पौधे 30 सेमी की दूरी रखें। सुबह या शाम को रोपाई करें, ताकि धूप से पौधे कमजोर न पड़ें।
गर्मी में पानी और खाद का इंतजाम
गर्मी में पत्ता गोभी को नमी चाहिए। रोपाई के बाद तुरंत हल्का पानी दें। इसके बाद हफ्ते में 1-2 बार 10-15 लीटर प्रति वर्ग मीटर सिंचाई करें। ड्रिप सिस्टम हो तो और बेहतर, वरना फुहारों से पानी दें। ज्यादा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं, तो निकास का ध्यान रखें। बुवाई के समय 40 किलो नाइट्रोजन, 20 किलो फॉस्फोरस, और 20 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें। 20-25 दिन बाद 20 किलो नाइट्रोजन और डालें। गोबर का घोल या नीम की खली भी डाल सकते हैं।
कीट और बीमारियों से बचाव
गर्मी में रस चूसक कीट (एफिड्स) और सुंडी का खतरा रहता है। नीम का तेल (5 मिली प्रति लीटर पानी) छिड़कें या इमिडाक्लोप्रिड (1 ग्राम प्रति लीटर पानी) का इस्तेमाल करें। फफूंद लगे तो रिडोमिल (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) स्प्रे करें। खेत में खरपतवार न छोड़ें, 20-25 दिन बाद हल्की गुड़ाई करें। पौधों की जड़ों पर मिट्टी चढ़ाएँ, ताकि वो मजबूत रहें। गर्मी में पत्तियाँ पीली पड़ें तो छाया का इंतजाम करें।
कटाई का समय और मुनाफा
गर्मी वाली पत्ता गोभी 60-80 दिन में तैयार होती है। जब गोभी के सिर सख्त और गोल हो जाएँ, तो सुबह के वक्त काट लें। अप्रैल-मई में बोई फसल जून-जुलाई में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 30-50 टन उपज मिल सकती है। लागत 20,000-30,000 रुपये आती है, जिसमें बीज, खाद, और पानी शामिल है। बाज़ार में गर्मी के मौसम में कीमत 20-40 रुपये प्रति किलो होती है, यानी 6-10 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। ऑफ-सीजन होने से मुनाफा और बढ़ता है।
ये भी पढ़ें – अगर अप्रैल में बोईं ये सब्जियां, तो जल्द ही होगी तगड़ी फसल और जबरदस्त मुनाफा