Shimla Mirch Ki Kheti Kaise Karen: उत्तर प्रदेश में टमाटर की खेती तो हर किसान करता है, लेकिन अब शिमला मिर्च भी किसानों की पहली पसंद बन रही है। खासकर कौशांबी जैसे इलाकों में इसकी खेती तेजी से बढ़ रही है। ये फसल न सिर्फ कम समय में तैयार होती है, बल्कि बाजार में इसकी मांग भी साल भर बनी रहती है। सितंबर-अक्टूबर में नर्सरी तैयार कर शुरू की गई शिमला मिर्च की खेती 65 से 70 दिन में फल देने लगती है। कम लागत और कम मेहनत के साथ ये फसल लाखों का मुनाफा दे सकती है। आइए जानते हैं कि शिमला मिर्च की खेती कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें।
बुवाई का सही समय
शिमला मिर्च की खेती के लिए सितंबर और अक्टूबर का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस दौरान किसान नर्सरी तैयार करना शुरू करते हैं। नर्सरी 20 से 25 दिन में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। कृषि विशेषज्ञ भगवती प्रसाद मौर्य के मुताबिक, अगर इस समय बुवाई शुरू की जाए, तो जनवरी तक फसल बाजार में पहुंच सकती है। ठंडे मौसम में इस फसल को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे खेती और आसान हो जाती है। नर्सरी तैयार करते समय अच्छी गुणवत्ता वाले बीज चुनें और मिट्टी को अच्छे से तैयार करें। इससे पौधे जल्दी और स्वस्थ बढ़ते हैं।
खेत की तैयारी
शिमला मिर्च की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। बुवाई से पहले खेत को कम से कम दो बार अच्छे से जोत लें। जुताई के समय गोबर की खाद और कम्पोस्ट डालना न भूलें। ये जैविक खाद मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और पौधों की ग्रोथ को बढ़ाती है। खेत तैयार होने के बाद नर्सरी से पौधों की रोपाई करें। अन्य सब्जियों की तुलना में शिमला मिर्च की खेती में मेहनत कम लगती है। एक बीघा खेत में रोपाई और देखभाल की कुल लागत करीब 18 से 20 हजार रुपये आती है, लेकिन सही तरीके से खेती करने पर इससे कई गुना मुनाफा मिल सकता है।
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फसल की देखभाल और कीट प्रबंधन
शिमला मिर्च की फसल में सबसे बड़ी चुनौती कीटों का प्रकोप हो सकता है। अगर पौधों में कीड़े लग जाएं, तो फसल को नुकसान होने का खतरा रहता है। कृषि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कॉपर ऑक्सिक्लोराइड जैसी दवा का छिड़काव करें। ये दवा कीटों को नियंत्रित करने में कारगर है और फसल को सुरक्षित रखती है। इसके अलावा, समय-समय पर खेत में खरपतवार हटाएं और जरूरत के हिसाब से हल्की सिंचाई करें। ठंडे मौसम में ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन मिट्टी में नमी बनाए रखना जरूरी है।
मुनाफे का गणित
शिमला मिर्च की खेती किसानों के लिए किसी खजाने से कम नहीं। ये फसल 60 से 65 दिन में फल देना शुरू कर देती है, और बाजार में इसकी कीमत मौसम के हिसाब से 40 से 100 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है। एक बीघा खेत से औसतन 50 से 60 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है। अगर सही समय पर फसल बेची जाए, तो लागत निकालने के बाद लाखों रुपये का मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है। खासकर शहरों की मंडियों और रिटेल मार्केट में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
क्यों चुनें शिमला मिर्च की खेती?
शिमला मिर्च की खेती न सिर्फ मुनाफे का सौदा है, बल्कि ये कम समय और कम संसाधनों में तैयार हो जाती है। इसकी खेती में ज्यादा पानी या उर्वरक की जरूरत नहीं पड़ती, और ये ठंडे मौसम में आसानी से उग जाती है। साथ ही, ये फसल पौष्टिक होने की वजह से बाजार में खूब पसंद की जाती है। अगर आप भी इस रबी सीजन में नई फसल आजमाना चाहते हैं, तो शिमला मिर्च की खेती आपके लिए सुनहरा मौका हो सकती है।