CCA कानपुर के वैज्ञानिकों की नई तकनीक से फूलगोभी की खेती में आएगा बड़ा बदलाव, किसान होंगे मालामाल

Cauliflower Cultivating New Variety : सब्जियों की खेती से अच्छी कमाई का रास्ता खुल रहा है। खासकर फूलगोभी की जैविक खेती अब किसानों की जेब भर सकती है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के वैज्ञानिक डॉ. राजीव ने एक नई तकनीक तैयार की है, जिससे एक रुपये की लागत पर 4.68 से 4.93 रुपये तक कमाई हो सकती है। ये तकनीक जैविक खाद के सही इस्तेमाल से फूलगोभी की बंपर पैदावार देती है। चलिए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं।

नई तकनीक से बढ़िया पैदावार

डॉ. राजीव बताते हैं कि चार साल के शोध के बाद ये तकनीक तैयार हुई। 2021 से फूलगोभी की जैविक खेती पर काम शुरू हुआ था। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की 43वीं वैज्ञानिक बैठक में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में इस तकनीक को मंजूरी मिली। शोध में पाया गया कि 100 प्रतिशत नाइट्रोजन के बराबर गोबर की खाद को रोपाई के 10 दिन पहले खेत में डालें, या फिर 75 प्रतिशत नाइट्रोजन के बराबर गोबर की खाद 10 दिन पहले और 25 प्रतिशत नाइट्रोजन के बराबर वर्मी कम्पोस्ट रोपाई के एक दिन पहले डालें। इससे प्रति हेक्टेयर 249 से 253 क्विंटल पैदावार हुई।

लागत और कमाई का हिसाब

डॉ. राजीव का कहना है कि इस तकनीक से एक रुपये की लागत पर 4.68 से 4.93 रुपये तक मुनाफा हो सकता है। जैविक खेती में सही समय पर और सही मात्रा में पोषक तत्व देना जरूरी है। गोबर की खाद और वर्मी कम्पोस्ट से पौधों को पूरा पोषण मिलता है, जिससे उनका विकास अच्छा होता है। ये तरीका रासायनिक खाद के बिना बढ़िया फसल देता है। 70-75 दिन में फूलगोभी तैयार हो जाती है, जो बाजार में अच्छा दाम लाती है।

खेती का तरीका

फूलगोभी की खेती के लिए दोमट या बलुई मिट्टी बेस्ट है। खेत को अच्छे से जोतें। रोपाई से 10 दिन पहले गोबर की खाद डालें। अगर वर्मी कम्पोस्ट डालना हो, तो रोपाई से एक दिन पहले मिलाएँ। पौधों के बीच 45-50 सेमी की दूरी रखें। शुरू में हल्का पानी दें और खरपतवार हटाएँ। ठंडी जलवायु में ये फसल लहलहाती है। अक्टूबर-नवंबर में रोपाई करें तो जनवरी तक फसल तैयार हो जाएगी।

क्यों जरूरी है जैविक खेती

डॉ. राजीव बताते हैं कि रासायनिक खादों का बेतहाशा इस्तेमाल सब्जियों की क्वालिटी खराब कर रहा है। जैविक खेती से न सिर्फ सेहतमंद फसल मिलती है, बल्कि मिट्टी भी सुरक्षित रहती है। उत्तर प्रदेश में किसान बड़े पैमाने पर सब्जियाँ उगा रहे हैं। फूलगोभी की ये नई तकनीक लागत कम रखती है और मुनाफा बढ़ाती है। बाजार में इसकी माँग हमेशा रहती है।

किसानों के लिए सलाह

किसान भाइयों, फूलगोभी की जैविक खेती आपकी जिंदगी बदल सकती है। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें। गोबर और वर्मी कम्पोस्ट का सही इस्तेमाल करें। अक्टूबर-नवंबर में रोपाई शुरू करें। ये फसल 70-75 दिन में तैयार होती है और एक रुपये से चार गुना तक कमाई देती है। अभी से तैयारी करें ताकि अगले सीजन में मुनाफा आपके हाथ में हो।

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  • Shashikant

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