Chaini Dhan Ki Kheti: खेती-किसानी में मेहनत तो हर किसान करता है, लेकिन सही फसल और सही समय पर खेती करने से मेहनत का फल दोगुना मिलता है। लखीमपुर खीरी की पलिया कला तहसील के पतवारा गांव के किसान आजकल चैनी धान की खेती करके अपनी जेब भर रहे हैं। ये फसल न सिर्फ कम समय में तैयार होती है, बल्कि किसानों को एक ही साल में दो फसलें लेने का मौका देती है। आइए जानते हैं कि चैनी धान की खेती कैसे किसानों के लिए कमाई का नया रास्ता बन रही है।
चैनी धान ने बदला खेती का अंदाज
पतवारा गांव के किसान पहले गेहूं और आम धान की खेती पर निर्भर थे, लेकिन अब चैनी धान ने उनकी सोच बदल दी है। गेहूं की कटाई के बाद खेत खाली नहीं रहते, बल्कि किसान तुरंत चैनी धान की रोपाई शुरू कर देते हैं। इस फसल की सबसे खास बात ये है कि ये सिर्फ 90 दिन में तैयार हो जाती है। यानी, गर्मी का सीजन खत्म होने से पहले ही खेत से फसल घर आ जाती है। इसके बाद किसान चाहें तो मौसम के हिसाब से फिर से धान या दूसरी फसल बो सकते हैं। ये तो वाकई में किसानों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है।
कम समय में दोगुनी कमाई
चैनी धान की खेती की खासियत ये है कि ये किसानों को एक ही साल में दो फसलों का मुनाफा देती है। पतवारा के किसान मांगू सिंह बताते हैं कि गेहूं की कटाई के बाद वो अपने खेतों में चैनी धान की रोपाई करते हैं। 90 दिन में ये फसल तैयार हो जाती है, और फिर खेत दोबारा बुवाई के लिए तैयार हो जाता है। इससे उनकी आमदनी पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है। मांगू भाई कहते हैं, “पहले हम सिर्फ गेहूं और धान बोते थे, लेकिन चैनी धान ने हमारी जिंदगी आसान कर दी। अब कम समय में ज्यादा मुनाफा मिलता है।”
पानी है इस फसल की जान
चैनी धान की खेती में पानी का सबसे बड़ा रोल है। किसानों का कहना है कि जितना अच्छा पानी का इंतजाम होगा, फसल उतनी ही जल्दी और बेहतर होगी। इस फसल को ज्यादा पानी चाहिए, खासकर शुरुआती दिनों में, जब पौधे जड़ पकड़ रहे होते हैं। अगर खेत में पानी की अच्छी व्यवस्था हो, तो 90 दिन से भी कम समय में फसल तैयार हो सकती है। लेकिन पानी का मतलब ये नहीं कि खेत में बाढ़ ला दो। पानी का सही तालमेल रखना जरूरी है, ताकि पौधों को नुकसान न हो। जिन किसानों के पास नहर या ट्यूबवेल की सुविधा है, उनके लिए तो ये फसल और भी आसान है।
कैसे करें चैनी धान की खेती?
चैनी धान की खेती शुरू करना कोई मुश्किल काम नहीं है। सबसे पहले खेत को गेहूं की कटाई के बाद अच्छे से तैयार करें। खेत में थोड़ी जैविक खाद डालें और मिट्टी को समतल कर लें। इसके बाद चैनी धान के अच्छे बीज चुनें। बीजों को पहले नर्सरी में तैयार करें और फिर रोपाई करें। रोपाई के समय खेत में पानी का अच्छा इंतजाम रखें। शुरुआती 20-25 दिन तक खेत में पानी भरा रहना चाहिए। समय-समय पर खरपतवार हटाएं और कीटों से बचाने के लिए हल्की दवा का छिड़काव करें। 90 दिन के अंदर फसल तैयार हो जाएगी, और आप मुनाफा कमा सकते हैं।
लागत कम फायदा ज्यादा
चैनी धान की खेती में लागत भी ज्यादा नहीं आती। बीज, खाद, और थोड़ी-सी दवा का खर्च ही मुख्य है। अगर आपके पास पहले से पानी की व्यवस्था है, तो लागत और कम हो जाती है। एक एकड़ में चैनी धान की खेती करने में करीब 15-20 हजार रुपये का खर्च आता है, लेकिन मुनाफा इससे कहीं ज्यादा होता है। अच्छी पैदावार होने पर 50-60 हजार रुपये तक की कमाई आसानी से हो सकती है। यानी, कम मेहनत और कम समय में मोटा फायदा।
किसानों के लिए नया रास्ता
चैनी धान की खेती न सिर्फ समय और पैसे की बचत करती है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर भी बना रही है। पतवारा के किसान आज इस फसल को अपनाकर न सिर्फ अपनी जिंदगी बेहतर कर रहे हैं, बल्कि आसपास के गांवों के किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं। मांगू सिंह जैसे किसान कहते हैं, “चैनी धान ने हमें दिखा दिया कि मेहनत के साथ सही फसल चुनना कितना जरूरी है। अब हम साल में दो फसलें लेते हैं और पहले से ज्यादा खुशहाल हैं।”
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