Chappan Kaddu Cultivation Tips: खेती में कुछ नया करने की सोच रहे हो? तो बिहार के पूर्णिया जिले के चांदी बाड़ी गांव के शशि भूषण सिंह की कहानी सुनो। इन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर चप्पन कद्दू की खेती शुरू की और न सिर्फ अपनी जेब भरी, बल्कि आसपास के किसानों के लिए भी मिसाल बन गए। चप्पन कद्दू की खेती कम समय में तैयार होती है, अच्छा मुनाफा देती है, और बाजार में इसकी मांग भी बढ़ रही है। आइए, जानते हैं कि ये खेती कैसे की जाती है और ये इतनी खास क्यों है।
चप्पन कद्दू है क्या?
चप्पन कद्दू सुनने में तो आम कद्दू जैसा लगता है, लेकिन ये उससे बिल्कुल अलग है। ये छोटा, गोल या थोड़ा लंबा होता है, और इसके अंदर गुदा कम और बीज छोटे-छोटे होते हैं। इसका पौधा लता की तरह नहीं फैलता, बल्कि झाड़ीनुमा होता है, जिससे इसे संभालना आसान है। इसका स्वाद हल्का मीठा और मुलायम होता है, जो सब्जी, सूप या भुजिया में कमाल का लगता है। ये गर्मियों की फसल है, जो 55-60 दिन में तैयार हो जाती है। हमारे गांव-देहात में लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं, और शहरों में भी इसकी डिमांड बढ़ रही है।
खेती के लिए सही मिट्टी और मौसम
चप्पन कद्दू की खेती के लिए गर्मी का मौसम सबसे मुफीद है। मार्च से जून तक का समय इसके लिए बेस्ट होता है। मिट्टी ऐसी चाहिए, जिसमें पानी जमा न हो, जैसे दोमट या बलुई मिट्टी। मिट्टी का pH 6 से 7 के बीच होना चाहिए। शशि भूषण सिंह ने अपने खेत को तैयार करने के लिए गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल किया। खेत को अच्छे से जोतकर उसमें जैविक खाद मिलाएं, ताकि मिट्टी में ताकत आए। अगर मिट्टी ज्यादा भारी है, तो उसमें रेत या जैविक खाद मिलाकर हल्की करें।
बुवाई और देखभाल का तरीका
शशि भूषण ने नेपाल से चप्पन कद्दू के पौधे मंगाए और खेत में 5 फीट बाय 4 फीट की दूरी पर लगाए। बुवाई का सही समय फरवरी-मार्च है, ताकि गर्मी शुरू होने पर पौधे अच्छे से बढ़ें। बीज को पहले नर्सरी में उगाएं, फिर 15-20 दिन बाद पौधों को खेत में लगाएं। पौधों को नियमित पानी देना जरूरी है, लेकिन खेत में पानी भरा न रहे। ड्रिप इरिगेशन हो तो और अच्छा। कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए नीम का तेल या जैविक कीटनाशक समय-समय पर छिड़कें। पौधों के आसपास खरपतवार न आने दें, ताकि फसल की ताकत बनी रहे।
ये भी पढ़ें- अरुगुला की खेती से कमाएं लाखों: जानिए इस विदेशी सलाद पत्ते की पूरी जानकारी
कितना मुनाफा और बाजार की मांग
चप्पन कद्दू की सबसे बड़ी खासियत है कि ये 55-60 दिन में फल देना शुरू कर देता है। शशि भूषण ने बताया कि उनकी पहली फसल से ही अच्छी उपज मिली, और बाजार में 20-50 रुपये प्रति किलो तक कीमत मिली। शहरों के होटल, रेस्तरां और सब्जी मंडियों में इसकी डिमांड बढ़ रही है। ये आम कद्दू से अलग दिखता है, इसलिए ग्राहक इसे जल्दी पसंद करते हैं। एक बार की फसल से लागत निकल जाती है, और मुनाफा भी अच्छा होता है। अगर आप इसे बड़े पैमाने पर उगाते हैं, तो एक एकड़ से 50-70 हजार रुपये तक की कमाई हो सकती है, बशर्ते मार्केटिंग सही हो।
सेहत के लिए फायदे
चप्पन कद्दू सिर्फ मुनाफे का सौदा नहीं, बल्कि सेहत का खजाना भी है। इसमें फाइबर, विटामिन C, और पोटैशियम जैसे तत्व होते हैं, जो पेट को दुरुस्त रखते हैं और दिल की सेहत के लिए अच्छे हैं। ये ग्लूटेन-फ्री है, यानी जिन्हें गेहूं से एलर्जी है, उनके लिए भी मुफीद है। हमारे गांवों में लोग इसे सब्जी या सलाद में खा रहे हैं, और शहरों में हेल्थ कॉन्शियस लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं।
खेती में ध्यान देने वाली बातें
चप्पन कद्दू की खेती आसान है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पहला, खेत को अच्छे से तैयार करें और जैविक खाद का इस्तेमाल करें। दूसरा, पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए नीम तेल या जैविक दवाइयों का छिड़काव करें। तीसरा, पानी का सही इंतजाम करें, क्योंकि ज्यादा गीलापन जड़ों को खराब कर सकता है। आखिरी बात, फसल को समय पर तोड़ें, ताकि कद्दू नरम और स्वादिष्ट रहें। शशि भूषण ने ये सब अनुभव से सीखा और अपनी फसल को कामयाब बनाया।
शशि भूषण की प्रेरणा
शशि भूषण सिंह का ये प्रयोग सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूर्णिया के बाकी किसानों के लिए भी प्रेरणा है। उन्होंने जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार से प्रेरित होकर ये नया कदम उठाया। उनका कहना है कि खेती में हर बार कुछ नया आजमाना चाहिए। उनकी कामयाबी देखकर आसपास के किसान भी चप्पन कद्दू की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं।
क्यों करें चप्पन कद्दू की खेती?
चप्पन कद्दू की खेती कम लागत और कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा देती है। ये फसल जल्दी तैयार होती है, बाजार में अच्छी कीमत मिलती है, और इसे उगाना भी आसान है। अगर आप अपने खेत में कुछ नया और फायदेमंद करना चाहते हैं, तो शशि भूषण की तरह चप्पन कद्दू की खेती आजमाएं। ये न सिर्फ आपकी जेब भरेगी, बल्कि गांव में आपकी इज्जत भी बढ़ाएगी।
ये भी पढ़ें- 1 लाख रूपये महीने कमाना चाहते हैं तो जनवरी से मार्च के बीच करें ये 5 बेलों वाली सब्जियों की खेती