धान की ऐसी किस्में जिन पर किसान आंख बंद कर भरोसा करें, हर जमीन पर देगी बंपर फसल

Chattisgarh Ke liye Dhan Ki Top-5 Variety: छत्तीसगढ़ को ‘धान का कटोरा’ यूं ही नहीं कहा जाता। यहाँ की मिट्टी और मेहनत से उगा धान पूरे देश में मशहूर है। लेकिन अब यह कटोरा और बड़ा होने जा रहा है! इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने धान की ऐसी नई किस्में तैयार की हैं, जो न सिर्फ़ ज़्यादा उपज देती हैं, बल्कि कम लागत में किसानों की जेब भी भर रही हैं। ये किस्में छत्तीसगढ़ के मैदानों, पहाड़ों और पठारों में हर जगह कमाल कर रही हैं। आइए जानते हैं कि ये नई किस्में कैसे किसानों के लिए वरदान बन रही हैं।

नई धान किस्में

रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दिन-रात मेहनत करके धान की कई उन्नत किस्में तैयार की हैं। इनमें छत्तीसगढ़ धान-1921, विक्रम TCR, छत्तीसगढ़ तेजस्वी, छत्तीसगढ़ भाव्या, और सबसे नई किस्म छत्तीसगढ़ तेजश शामिल हैं। विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अभिनव साव बताते हैं कि इन किस्मों से प्रति हेक्टेयर 60 से 65 क्विंटल तक धान मिल सकता है। यह पुरानी किस्मों की तुलना में कहीं ज़्यादा है। खास बात यह है कि ये किस्में रोगों से लड़ने में मज़बूत हैं और छत्तीसगढ़ की अलग-अलग मिट्टी और जलवायु में आसानी से उग जाती हैं। चाहे रायपुर का मैदानी इलाका हो, बस्तर का पठार हो, या सरगुजा की पहाड़ियाँ, ये किस्में हर जगह कामयाब हैं।

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हर किस्म की अपनी खासियत

छत्तीसगढ़ धान-1921 किस्म की माँग बाज़ार में तेज़ी से बढ़ रही है। यह मज़बूत और हर तरह की खेती के लिए उपयुक्त है। अगर आपके खेत में पानी कम है, तो विक्रम TCR आपके लिए बेहतरीन विकल्प है। यह कम वर्षा में भी अच्छी उपज देता है। वहीं, तेजस्वी किस्म के मोटे दाने गाँवों और आदिवासी इलाकों में खूब पसंद किए जा रहे हैं। भाव्या किस्म स्वर्णा जैसी गुणवत्ता वाली है, लेकिन उससे ज़्यादा धान देती है। सबसे नई किस्म तेजश के पतले दाने बाज़ार में ऊँची कीमत ला रहे हैं। इन किस्मों की खेती से किसान भाई कम समय और कम खर्च में ज़्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ बनेगा धान का चैंपियन

इन नई किस्मों ने छत्तीसगढ़ के किसानों की ज़िंदगी बदल दी है। कम ज़मीन में भी ज़्यादा धान उगाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। डॉ. अभिनव साव का कहना है कि अगर ये किस्में पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर अपनाई गईं, तो छत्तीसगढ़ धान उत्पादन में नया रिकॉर्ड बना सकता है। यह ‘धान का कटोरा’ अब ‘धान की कड़ाही’ बनने की राह पर है, यानी और ज़्यादा धान, और ज़्यादा कमाई। इन किस्मों को अपनाने के लिए किसान अपने नज़दीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) जैसी सरकारी योजनाएँ भी इन बीजों को सस्ते दाम पर उपलब्ध करा रही हैं। ज्यादा जानकारी के लिए pmkisan.gov.in पर जा सकते हैं।

किसानों के लिए सुनहरा मौका

छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों, यह आपके लिए सुनहरा मौका है। इन नई धान किस्मों को अपनाकर आप न सिर्फ़ अपनी खेती को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि बाज़ार में अच्छी कीमत भी पा सकते हैं। चाहे आप छोटे किसान हों या बड़े, ये किस्में हर किसी के लिए फायदेमंद हैं। कम लागत, ज़्यादा उपज, और रोगों से सुरक्षा—यह सब इन नई किस्मों की ताकत है। तो देर न करें, अपने खेत में इनका इस्तेमाल शुरू करें और अपनी मेहनत का पूरा फल लें।

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  • Shashikant

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