मिर्ची और तरबूज की मिश्रित खेती, गाँव में दो फसलों को उगाने जुगाडू तरीका

Chilli and Watermelon Intercropping tips : किसान भाइयों, गाँव में खेती का ऐसा तरीका जिसमें एक ही खेत से दो फसलें मिलें, बहुत फायदेमंद हो सकता है। मिर्ची और तरबूज की मिश्रित खेती इसके लिए बढ़िया है। मिर्ची खाने में स्वाद लाती है और तरबूज गर्मी में राहत देता है, दोनों की बाजार में ठीक-ठाक कीमत मिलती है। इस तरीके से खेत की जगह का पूरा फायदा होता है और कमाई भी बढ़ती है। आइए, समझें कि मिर्ची और तरबूज की मिश्रित खेती कैसे करें और इससे लाभ कैसे उठाएँ।

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खेत को तैयार करने का सहज तरीका

मिर्ची और तरबूज की खेती शुरू करने के लिए खेत को पहले सही करना पड़ता है। फरवरी से मार्च का समय इसके लिए अच्छा रहता है, जब गर्मी की शुरुआत होती है। खेत की जुताई कर लें, ताकि मिट्टी नरम और हल्की हो जाए। फिर गोबर की सड़ी खाद डालें, एक बीघे में 8-10 गट्ठर डालना काफी है। दोमट मिट्टी इन दोनों फसलों के लिए उचित है, पर पानी का बहाव ऐसा रखें कि ज्यादा गीलापन न हो। गाँव में नीम की सूखी पत्तियाँ मिट्टी में मिला सकते हैं, इससे ताकत बढ़ती है। खेत में मेड़ें बनाएँ, ताकि तरबूज की बेल फैल सके और मिर्ची को अपनी जगह मिले।

बुआई का सरल ढंग

मिर्ची के लिए पहले नर्सरी में पौधे तैयार करें। जब पौधे 4-5 इंच के हो जाएँ, तो उन्हें खेत में 2 फीट की दूरी पर रोप दें। तरबूज के बीज सीधे मेड़ों पर बो सकते हैं, हर 4-5 फीट पर 2-3 बीज डालें। मिर्ची की कतारों के बीच तरबूज की मेड़ें रखें, जिससे दोनों को धूप और हवा मिले। गाँव में तरबूज के बीज को रातभर पानी में भिगोया जा सकता है, इससे अंकुर जल्दी निकलते हैं। बुआई के बाद हल्का पानी डालें, ताकि जड़ें अच्छे से जम जाएँ। इस तरह दोनों फसलें एक साथ शुरू हो जाएँगी।

देखभाल का साधारण उपाय

मिर्ची और तरबूज को संभालने के लिए थोड़ा ध्यान रखना पड़ता है। शुरू में हफ्ते में दो बार पानी दें, गर्मी बढ़ने पर जरूरत के हिसाब से बढ़ाएँ। तरबूज की बेल को फैलने की जगह दें और मिर्ची के पौधों को बाँस से सहारा दे सकते हैं। गाँव में नीम का पानी बनाकर छिड़कें, ये कीटों को दूर रखता है। खेत में घास उग आए तो उसे नियमित हटाएँ। हर 15 दिन में गोबर का घोल डालें, ये दोनों फसलों को पोषण देगा। मिर्ची में फूल आने पर पानी संतुलित रखें और तरबूज में फल लगने पर नमी बनाए रखें। ऐसा करने से फसल स्वस्थ रहेगी।

फसल और कमाई का हिसाब

मिर्ची करीब 60-70 दिन में तैयार हो जाती है, और तरबूज को 80-90 दिन लगते हैं। एक बीघे से मिर्ची 10-15 क्विंटल और तरबूज 20-25 क्विंटल तक मिल सकता है। बाजार में मिर्ची 50-70 रुपये किलो और तरबूज 20-30 रुपये किलो बिकता है। इसका मतलब मिर्ची से 50-70 हज़ार और तरबूज से 40-50 हज़ार रुपये की कमाई हो सकती है। गाँव में बचे हुए तरबूज के बीज अगली बुआई के लिए रख सकते हैं। ये मिश्रित खेती खेत को व्यस्त रखती है और अच्छा मुनाफा देती है।

किसानों के लिए खास बात

गाँव में ये तरीका इसलिए उपयोगी है, क्योंकि कम जगह में दो फसलों का लाभ मिलता है। मिर्ची की छाया तरबूज को तेज गर्मी से बचाती है, और तरबूज की बेल मिट्टी को नम रखती है। पानी और मेहनत का सही उपयोग होता है। गाँव की बहनें मिर्ची से मसाला तैयार करती हैं, और तरबूज गर्मी में सबको ताजगी देता है। तो भाइयों, मिर्ची और तरबूज को अपने खेत में साथ उगाएँ, खेती भी बढ़ेगी और घर भी समृद्ध होगा।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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