Chilli Prices: भारतीय मिर्च की कीमतों में 35% गिरावट, जानिए इसके पीछे के बड़े कारण

Chilli Prices: तेलंगाना के किसानों के लिए मिर्च की खेती अब चिंता का विषय बन गई है। हाल ही में प्रो. जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मार्च 2025 के दौरान मिर्च की कीमत 14,500 से 16,500 रुपये प्रति क्विंटल रहने का अनुमान है। हालांकि, यह अनुमान किसानों को राहत देने के लिए पर्याप्त नहीं है, क्योंकि वर्तमान में मिर्च की कीमतें 35% तक गिर चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन से मांग में कमी और वैश्विक बाजार में मंदी के कारण यह गिरावट आई है।

मिर्च की कीमतों में गिरावट का कारण

2024 की शुरुआत में मिर्च की कीमत 19,000 रुपये प्रति क्विंटल थी, लेकिन अब यह गिरकर 12,000 से 13,000 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुँच गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण चीन से मांग में कमी है, जो भारतीय मिर्च का सबसे बड़ा आयातक देश है। चीन में आर्थिक मंदी और आयात नीतियों में बदलाव के कारण भारतीय मिर्च की मांग में भारी गिरावट आई है।

निर्यात में गिरावट

राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2024 में लाल मिर्च का निर्यात 36,276 टन था, जो पिछले महीने से 4.09% कम है। मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान मिर्च का निर्यात 3.31 लाख टन था, जिसकी कीमत 645.15 मिलियन डॉलर थी। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 15% की गिरावट दर्शाता है। इस गिरावट के कारण तेलंगाना के किसानों ने केंद्र और राज्य सरकार से 20,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिर्च खरीदने का आग्रह किया है।

किसानों की चिंताएं

तेलंगाना के मिर्च किसान और तेलंगाना रायथु संघम के वरिष्ठ नेता बोंथु रामबाबू ने कहा, “कई किसानों ने बेहतर कीमतों की उम्मीद में अपनी उपज कोल्ड स्टोरेज में रखी है, लेकिन कीमतों में वृद्धि के कोई संकेत नहीं हैं। इसके कारण उन्हें मिर्च को कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि 2023 में मिर्च की कीमत 25,000 रुपये प्रति क्विंटल थी, लेकिन अब यह 50% तक गिर चुकी है।

उत्पादन और क्षेत्रफल में गिरावट

2023 में वैश्विक स्तर पर मिर्च की खेती का क्षेत्रफल 18.03 लाख हेक्टेयर था, जिसमें 58.22 लाख टन उत्पादन हुआ। भारत 27.82 लाख टन उत्पादन के साथ दुनिया में सबसे आगे है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश भारत के सबसे बड़े मिर्च उत्पादक राज्य हैं। हालांकि, 2023-24 में तेलंगाना में मिर्च का क्षेत्रफल 4.50 लाख एकड़ से घटकर 2.34 लाख एकड़ रह गया है। इसके बावजूद, किसानों को उनकी फसल की उचित मांग नहीं मिल रही है।

किसानों की मांग

तेलंगाना के किसानों ने 20,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिर्च खरीदने की मांग की है। खम्मम जिले के लालापुरम क्षेत्र के किसानों ने अनुचित कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। तेलंगाना रायतु संघम के राज्य संयुक्त सचिव शोभन मूड ने नैफेड और मार्कफेड जैसी विपणन एजेंसियों से किसानों को संकट से उबारने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिर मूल्य निर्धारण की कमी के कारण किसानों को अपनी उपज कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके अलावा, कीटों और बीमारियों के कारण फसल में 40% तक की हानि हुई है, जिससे किसानों की समस्याएं और बढ़ गई हैं। कई किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं और वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।

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  • Shashikant

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