चाइना गोभी की खेती कर सिर्फ एक महीने में ही करें लाखों की कमाई, विदेशों में भी है खूब मांग

खेती-बाड़ी में अगर आप कुछ नया करना चाहते हैं और कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने की योजना बना रहे हैं, तो चाइना गोभी china gobhi या बोक चोय की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। परंपरागत खेती के मुकाबले, बोक चोय की खेती कम समय में अधिक उत्पादन और मुनाफा देती है। इसके अलावा, इसका अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी खूब मांग है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि बोक चोय क्या है, इसकी किस्में, खेती की विधि और इसके जरिए मुनाफा कैसे कमाया जा सकता है।

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बोक चोय (चाइना गोभी) क्या है?

बोक चोय, जिसे चाइना गोभी china gobhi भी कहा जाता है, पत्तागोभी की एक खास किस्म है। यह शलजम का नजदीकी रिश्तेदार है और मुख्य रूप से चीन में उगाई जाती है। हालांकि, अब भारत में भी इसकी खेती लोकप्रिय हो रही है। यह सब्जी सलाद और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में इस्तेमाल की जाती है, जिससे इसकी बाजार में खूब मांग बनी रहती है।

बोक चोय की किस्में

बोक चोय china gobhi की खेती शुरू करने से पहले इसकी किस्मों को समझना बेहद जरूरी है। मुख्य रूप से बोक चोय की तीन किस्में होती हैं:

1. रेगुलर बोक चोय

इस किस्म की पहचान इसकी सफेद डंठल और गहरे हरे रंग की झुर्रीदार पत्तियों से होती है। यह सबसे आम किस्म है और भारत में भी आसानी से उगाई जा सकती है।

2. शंघाई बोक चोय

शंघाई बोक चोय की पत्तियां चिकनी और अंडाकार होती हैं। इसकी डंठल हल्के हरे रंग की होती है। यह किस्म दिखने में आकर्षक होती है और इसे सलाद के लिए काफी पसंद किया जाता है।

3. बेबी बोक चोय

यह बोक चोय का छोटा संस्करण है। इसकी पत्तियां नाजुक होती हैं और इसे खासतौर पर उच्च गुणवत्ता वाले व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है।

खेत की तैयारी

बोक चोय china gobhi की खेती के लिए खेत का समतल होना जरूरी है। खेत की अच्छी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना लें। नर्सरी तैयार करने के लिए बोक चोय के बीजों को छायादार स्थान पर बोएं। नर्सरी में पौधे 25-30 दिनों में रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।

बोक चोय की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसकी खेती ठंडे और समशीतोष्ण जलवायु में की जा सकती है। ध्यान रहे कि खेत में पानी का ठहराव न हो, क्योंकि इससे फसल में रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है।

बोक चोय की रोपाई

जब पौधे नर्सरी में तैयार हो जाएं, तो इन्हें खेत में रोपित करें। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 40-50 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 35 सेंटीमीटर रखें। खेत को समतल और जलनिकासी युक्त बनाए रखें।

बोक चोय के पौधे ज्यादा पानी पसंद नहीं करते। अतः सिंचाई करते समय ध्यान रखें कि जड़ों में पानी जमा न हो। इसके अलावा, नियमित रूप से निराई-गुड़ाई करते रहें ताकि खरपतवार फसल को नुकसान न पहुंचाए।

खाद

बोक चोय china gobhi की अच्छी पैदावार के लिए खाद का प्रबंधन बेहद जरूरी है। खेत में डीएपी, पोटाश, जिंक, और बोरॉन का संतुलित मात्रा में उपयोग करें। इसके साथ ही, गोबर की खाद डालना भी लाभदायक होता है। इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है और फसल का विकास बेहतर होता है।

रोगों से बचाव

बोक चोय की फसल में मुख्य रूप से फफूंदी और पत्तियां चूसने वाले कीट लग सकते हैं। इनसे बचाव के लिए निम्न उपाय करें:

  • रोग निवारक फफूंदी रोधी दवाओं का छिड़काव करें।
  • कीटनाशक पाउडर या घोल का समय-समय पर छिड़काव करें।
  • पौधों की नियमित निगरानी करें और किसी भी रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार करें।

बोक चोय का उत्पादन

उत्पादन की बात करें तो प्रति एकड़ 10-12 टन तक बोक चोय का उत्पादन संभव है। इसकी खेती 30-40 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे यह कम समय में अधिक लाभ देने वाली फसल बन जाती है।

बोक चोय china gobhi की बाजार में अच्छी मांग है। यह सब्जी घरेलू बाजारों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी निर्यात की जाती है। खासकर, रेस्तरां और होटल उद्योग में इसकी खपत तेजी से बढ़ रही है।

कमाई

बोक चोय की खेती से आप प्रति एकड़ 1.5 लाख से 2 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। मंडी में इसकी औसत कीमत 20 रुपए प्रति किलो होती है। उच्च गुणवत्ता वाली फसल उगाने पर आपको इससे भी बेहतर कीमत मिल सकती है।

बोक चोय की पैकेजिंग और मार्केटिंग

बोक चोय की बिक्री के लिए सही पैकेजिंग और मार्केटिंग पर ध्यान देना जरूरी है। सब्जी को साफ करके अच्छी तरह पैक करें और उसे थोक बाजार या स्थानीय विक्रेताओं को बेचें। इसके अलावा, बड़े सुपरमार्केट और निर्यात कंपनियों से भी संपर्क किया जा सकता है।

बोक चोय की खेती किसानों के लिए परंपरागत फसलों का एक लाभकारी विकल्प है। कम समय, कम लागत और उच्च उत्पादन के कारण यह फसल बेहद लोकप्रिय हो रही है। अगर आप खेती में कुछ नया और मुनाफेदार करना चाहते हैं, तो बोक चोय की खेती जरूर आजमाएं। विदेशों में इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए, यह आपकी आय को कई गुना बढ़ाने का एक शानदार अवसर हो सकता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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