Cinnamon Plantation in Hindi: अगर आप अपने आँगन या गमले में कुछ ऐसा लगाना चाहते हैं, जो स्वाद भी दे और सेहत भी बनाए, तो दालचीनी आपके लिए बेस्ट है। ये मसाला सब्जी में खुशबू लाता है, चाय को मजेदार बनाता है, और औषधि में भी काम आता है। रांची के राजभवन के कृषि एक्सपर्ट निलेश जी बताते हैं कि दालचीनी का पेड़ भले ही बड़ा होता हो, लेकिन इसे गमले में भी आसानी से उगा सकते हैं। घर के बगीचे में ताजा दालचीनी चाहिए, तो तैयार हो जाइए। इसे पूरी तरह तैयार होने में 2-3 साल लगते हैं, और बड़े खेत में 4 साल तक। बस थोड़ी मेहनत से ये आपके लिए कमाई का रास्ता भी खोल सकता है।
जड़ों की देखभाल है जरूरी
निलेश कहते हैं कि दालचीनी के पौधे की जड़ें इसकी जान होती हैं। अगर जड़ें कमजोर हुईं या कीड़ों ने नुकसान पहुँचाया, तो पौधा मुरझा सकता है। इसके लिए मिट्टी का पीएच लेवल सही रखें। समय-समय पर गोबर की खाद डालें, ताकि पौधे को खुराक मिलती रहे। कीड़ों से बचाने का सबसे आसान तरीका है नीम का तेल। 5 मिली नीम तेल को 1 लीटर पानी में मिलाएँ और हर पौधे की जड़ में थोड़ा-थोड़ा डालें। ध्यान रखें, सीधे नीम तेल न डालें, वरना इसका तेज़ असर पौधे को मार सकता है। जड़ें मजबूत रहीं, तो पौधा सालों तक हरा-भरा रहेगा।
कीटों से बचाव और छंटाई
दालचीनी के पौधे को कीट-पतंगों से बचाने के लिए इंसेक्टिसाइड और पेस्टीसाइड का छिड़काव समय-समय पर करें। निलेश की सलाह है कि पौधे की छंटाई भी जरूरी है। इससे पौधा एक सही आकार में रहता है और बढ़वार अच्छी होती है। छंटाई से तना मजबूत बनता है, और यही तना दालचीनी देता है। तने की छाल निकालने के 10 दिन बाद नया तना और नई खाल आने लगती है। ये ऐसा पौधा है, जो एक बार लग जाए, तो 10-15 साल तक कमाई का जरिया बन सकता है। गमले में भी ये लहलहा सकता है, बस थोड़ी देखभाल चाहिए।
दालचीनी का मुनाफा
दालचीनी सिर्फ घर की जरूरत ही नहीं पूरी करती, बल्कि बाजार में भी अच्छा दाम लाती है। तने से निकली छाल को सुखाकर दुकानों और मंडियों में बेच सकते हैं। गाँव में लोग इसे चाय और मसाले के लिए लेते हैं, और शहरों में इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है। निलेश जी कहते हैं कि ये खत्म होने वाली चीज नहीं। एक बार पौधा तैयार हो जाए, तो सालों तक फायदा देता है। छोटे गमले से शुरू करें या बगीचे में लगाएँ, ये आपके लिए सोने का पेड़ बन सकता है।
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