Color capsicum Farming : भाइयों, हमारे यहाँ रंगीन शिमला मिर्च एक ऐसी फसल है, जो खेतों को रंग-बिरंगी ताज़गी देती है और जेब को मोटी कमाई से भरती है। लाल, पीली, हरी और नारंगी शिमला मिर्च की माँग बाजार में बढ़ रही है। अप्रैल-मई का महीना आने वाला है, और ये गर्मी में बुआई का सही वक्त है। अपने इलाके में इसे खेतों में या स्ट्रक्चर पर भी उगा सकते हैं। ये सेहत के लिए फायदेमंद है और दाम भी अच्छे मिलते हैं। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि रंगीन शिमला मिर्च की खेती कैसे करें और फायदा कैसे लें।
रंगीन शिमला मिर्च की खासियत
रंगीन शिमला मिर्च अपने चटक रंग और कुरकुरे स्वाद के लिए जानी जाती है। अपने इलाके में ये इसलिए खास है, क्यूँकि ये विटामिन A, C और फाइबर से भरपूर होती है। हमारे यहाँ इसे सलाद, सब्जी और फास्ट फूड में यूज़ करते हैं। गर्मी में 60-75 दिन में फल तैयार हो जाते हैं। बाजार में हरी शिमला 20-30 रुपये किलो और रंगीन 50-80 रुपये किलो बिकती है। एक बीघे से 300-500 किलो पैदावार हो सकती है, यानी 15,000-40,000 रुपये की कमाई। ये फसल कम समय में मुनाफे का बढ़िया ढंग है।
खेत तैयार करने का देसी तरीका
अपने खेतों में मार्च के आखिर में तैयारी शुरू करें। मिट्टी को हल से जोतकर ढीला करें और प्रति बीघा 5-7 टन गोबर की सड़ी खाद डालें। अपने आसपास दोमट या बलुई मिट्टी बढ़िया रहती है। 2-3 फीट चौड़ी क्यारियाँ बनाएँ और हर क्यारी के बीच 1-2 फीट की दूरी रखें। हर क्यारी में 1-2 किलो वर्मीकम्पोस्ट और थोड़ी नीम की खली मिलाएँ। पानी की निकासी का ध्यान रखें, ताकि जड़ें स्वस्थ रहें। हमारे यहाँ ये तैयारी 700-1,000 रुपये में हो जाती है और शिमला मिर्च को बढ़ने का मजबूत आधार देती है।
बुआई और देखभाल का आसान ढंग
रंगीन शिमला मिर्च के बीज नर्सरी से लें—हाइब्रिड किस्में जैसे Indra या California Wonder 50-70 रुपये में 10 ग्राम मिलती हैं। एक बीघे के लिए 100-150 ग्राम बीज काफी हैं। मार्च में बीज को नर्सरी में बोएँ और 20-25 दिन बाद अप्रैल-मई में पौधे खेत में लगाएँ। अपने इलाके में 45-60 सेमी की दूरी पर 2-3 सेमी गहरा रोपें। शुरू में हर 4-5 दिन में पानी दें, गर्मी बढ़े तो ड्रिप से करें। नीम का पानी (1 किलो पत्तियाँ 10 लीटर पानी में) हफ्ते में एक बार छिड़कें, ये कीटों से बचाता है। खरपतवार हटाएँ और फूल आने पर हल्का सहारा दें। हमारे यहाँ 60-75 दिन में फल काटने लायक हो जाते हैं।
पैदावार और मुनाफे का सीधा हिसाब
एक बीघे में 1,000-1,500 पौधे लग सकते हैं। हर पौधा 200-300 ग्राम फल देता है, यानी 300-500 किलो पैदावार। अपने आसपास हरी शिमला 20-30 रुपये किलो से 6,000-15,000 रुपये और रंगीन 50-80 रुपये किलो से 15,000-40,000 रुपये बनते हैं। बीज, खाद और मजदूरी का खर्च 3,000-5,000 रुपये पड़ता है। मंडी, होटल या ऑनलाइन बेचें, तो मुनाफा और बढ़ेगा। हमारे यहाँ गर्मी में माँग बढ़ने से दाम ऊँचे रहते हैं। साल में 2 बार बो सकते हैं, जिससे कमाई दोगुनी हो सकती है। ये रंग-बिरंगी फसल जेब भरने का तगड़ा जुगाड़ है।
अपने इलाके में रंगीन शिमला मिर्च की खेती इसलिए खास है, क्यूँकि ये खेत को रंगत देती है और बाजार में छा जाती है। मार्च में तैयारी करें और अप्रैल-मई में बोएँ, तो जून-जुलाई में रंग-बिरंगे फल तैयार होंगे। ये सब्जी को लाजवाब बनाती है। तो भाइयों, रंगीन शिमला मिर्च की खेती शुरू करें, खेत को चमकाएँ और मेहनत का फल ढेर सारा पाएँ। आज कल बाजार में शिमला मिर्च के कई किस्मे आ गयी है जो मैदानी इलाको में भी बम्पर पैदावार दे रही हैं देसी ढंग आपकी खेती को रंगीन सोना बना देगा!
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