Corn Msp in Up: किसान साथियों, उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में रविवार को जनता महाविद्यालय, अजीतमल में आयोजित किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकई किसानों के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही मकई का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित करेगी और औरैया में मकई के लिए क्रय केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह कदम क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने और मकई की खेती को प्रोत्साहन देने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
मकई किसानों की नकदी फसल
मुख्यमंत्री ने मकई को न केवल पौष्टिक आहार बताया, बल्कि इसे किसानों की नकदी फसल के रूप में भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मकई का उपयोग स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, बायोफ्यूल, और बायोप्लास्टिक के रूप में बढ़ रहा है, जिससे इसकी बाजार माँग में इजाफा हुआ है। औरैया सहित उत्तर प्रदेश के 20-25 जिलों में मकई की खेती 5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में हो रही है। एक किसान प्रति हेक्टेयर ढाई लाख रुपये तक कमा सकता है, जो प्रति एकड़ लगभग एक लाख रुपये की आय देता है। यह फसल आलू और धान के साथ तीसरी फसल के रूप में किसानों की समृद्धि का आधार बन रही है।
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MSP और क्रय केंद्र का लाभ
मकई के लिए MSP की घोषणा से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे बाजार में मोलभाव की समस्या खत्म होगी। औरैया में क्रय केंद्र खुलने से किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। यह कदम स्थानीय स्तर पर मकई की खरीद को आसान बनाएगा और परिवहन लागत कम करेगा। योगी जी ने कहा कि यह पहल विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025 का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लैब से लैंड तक वैज्ञानिक तकनीकों को ले जाकर किसानों की आय दोगुनी करना है।
किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार की किसान-केंद्रित योजनाओं का जिक्र किया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 12 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के लाखों किसान शामिल हैं। इसके अलावा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और कृषि बीमा योजना ने किसानों को सशक्त बनाया है। औरैया में मकई की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) प्रशिक्षण और उन्नत बीज उपलब्ध करा रहे हैं।
योगी जी ने हेलिकॉप्टर से औरैया, कन्नौज, इटावा, और कानपुर देहात में मकई की फसलों का हवाई सर्वेक्षण किया और किसानों की मेहनत की सराहना की। उन्होंने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया और मिनी किट वितरित किए। यह आयोजन किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बना, जो अब मकई को तीसरी फसल के रूप में अपनाकर समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं।
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