UP: पीएम कृषि सिंचाई योजना में भ्रष्टाचार उजागर, 4 प्रबंधक और 7 अधिकारी निलंबित, जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (PMKSY 2.0) के तहत खेतों को पानी और परती ज़मीन को उपजाऊ बनाने का काम तेज़ी से चल रहा है। लेकिन इस काम में ढील बरतने वाले सात अधिकारियों पर गाज गिरी है। प्रयागराज, महोबा, चित्रकूट और प्रतापगढ़ के चार परियोजना प्रबंधकों और तीन अवर अभियंताओं को काम में लापरवाही के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लिया और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। ये कदम दिखाता है कि सरकार किसानों की भलाई के लिए कितनी सजग है।

समी सख्ती से हुई समीक्षा, खुली पोल

परती भूमि विकास विभाग की राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीएस नवीन ने बताया कि एक समीक्षा बैठक में इन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। बैठक में उनसे पिछले पांच सालों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) और चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना का हिसाब माँगा गया। लेकिन ये अधिकारी न पुराने कामों का ब्योरा दे पाए, न ही मौजूदा योजनाओं की कोई जानकारी दे सके। इससे साफ हो गया कि ये अधिकारी किसानों के लिए शुरू की गई इस अहम योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे थे।

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किन अधिकारियों पर गिरी गाज?

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों में प्रयागराज के परियोजना प्रबंधक सुरेंद्र प्रताप सिंह, महोबा के संजय कुमार, चित्रकूट के देवेंद्र सिंह निरंजन और प्रतापगढ़ के चमन सिंह शामिल हैं। इसके अलावा, प्रयागराज के अवर अभियंता विश्वजीत यादव और प्रतापगढ़ के अवर अभियंताओं दिनकर और आशीष कुमार यादव को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। ये कार्रवाई उन सभी के लिए चेतावनी है, जो सरकारी योजनाओं में ढिलाई बरतते हैं।

CM योगी का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया। उन्होंने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए और साफ कहा कि किसानों के हितों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। उच्च अधिकारियों को हिदायत दी गई कि अगर इन अधिकारियों के काम में सुधार नहीं हुआ, तो भविष्य में और कठोर कदम उठाए जाएँ। CM का ये रुख दिखाता है कि सरकार किसानों की बेहतरी के लिए कितनी प्रतिबद्ध है।

PMKSY 2.0: हर खेत को पानी, ज्यादा फसल

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 का लक्ष्य है “हर खेत को पानी” और “प्रति बूंद अधिक फसल”। इस योजना के तहत परती ज़मीन को उपजाऊ बनाना, जल संरक्षण को बढ़ावा देना और ड्रिप-स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक सिंचाई तकनीकों को अपनाना शामिल है। उत्तर प्रदेश में किसानों को ड्रिप सिस्टम पर 80% तक सब्सिडी (अधिकतम 64,000 रुपये प्रति हेक्टेयर) और स्प्रिंकलर सेट पर 80% तक सब्सिडी (अधिकतम 12,000 रुपये प्रति हेक्टेयर) मिलती है। ये योजना खेती को आसान और लाभकारी बनाती है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से इसका पूरा फायदा किसानों तक नहीं पहुँच पा रहा था। अब इस कार्रवाई से योजना को और तेज़ी मिलेगी।

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  • Shashikant

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