झारखंड के कोडरमा जिले के किसानों के लिए खरीफ मौसम में एक बड़ी राहत की खबर है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत अब कोडरमा के किसान अपनी फसलों को कीट, बीमारी, सूखा या ज्यादा बारिश जैसे नुकसानों से बचा सकते हैं। इस योजना में जिले के करीब 19,600 किसानों को शामिल करने का लक्ष्य है। जिला प्रशासन ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए हैं, ताकि किसान आसानी से इस सुविधा का लाभ उठा सकें। यह योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने का एक मजबूत कदम है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के समय होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके।
सिर्फ ₹1 में मिलेगी हजारों की सुरक्षा
कोडरमा के जिला सहकारिता पदाधिकारी बताते हैं कि यह योजना हर तरह के किसानों के लिए खुली है, चाहे वे ऋणी हों या गैर-ऋणी। इस योजना में अगहनी धान और भदई मक्का जैसी खरीफ फसलों को शामिल किया गया है। अगहनी धान का बीमा ग्राम पंचायत स्तर पर होगा, जबकि भदई मक्का का प्रखंड स्तर पर। सबसे खास बात यह है कि किसानों को सिर्फ ₹1 की टोकन राशि जमा करनी होगी, और बदले में उनकी फसलों को 66,000 रुपये तक (अगहनी धान के लिए) और 55,236 रुपये तक (भदई मक्का के लिए) की बीमा राशि मिलेगी। यह छोटी सी राशि किसानों के लिए बड़ी सुरक्षा का रास्ता खोलती है।
आवेदन करना हुआ आसान
इस योजना में शामिल होने के लिए किसान नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), बैंक, डाकघर या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, जमीन की रसीद, मोबाइल नंबर और स्व-घोषणा पत्र जमा करना होगा। अगर किसान बटाईदार हैं, तो उन्हें एकरारनामा भी देना होगा। कोडरमा के किसान रामलाल महतो कहते हैं कि इस तरह की सुविधा से अब फसल खराब होने की चिंता कम हो गई है, क्योंकि आवेदन की प्रक्रिया भी काफी आसान है।
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नुकसान की भरपाई के तीन स्तर
इस योजना के तहत फसल नुकसान की भरपाई तीन अलग-अलग स्तरों पर की जाएगी। पहला, अगर बुवाई नहीं हो पाती है। दूसरा, अगर बुवाई के बाद फसल सूख जाती है या खराब हो जाती है। तीसरा, कटाई के समय कम पैदावार होने या फसल काटने के बाद 14 दिनों के भीतर ज्यादा बारिश से नुकसान होने की स्थिति में। इन सभी मामलों में नुकसान का आकलन करके किसानों को बीमा राशि दी जाएगी। इससे किसानों को फसल खराब होने पर आर्थिक नुकसान से उबरने में मदद मिलेगी।
कैसे लें योजना का लाभ
कोडरमा के किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए जल्द से जल्द आवेदन करना चाहिए। अगर कोई सवाल या मदद चाहिए, तो जिला सहकारिता कार्यालय, जिला कृषि कार्यालय या नजदीकी प्रखंड कृषि कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। यह योजना न सिर्फ फसलों की सुरक्षा करती है, बल्कि किसानों को आत्मविश्वास देती है कि प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद उनकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी।
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