आज के समय में किसान खेती में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं, जिससे उन्हें अधिक फायदा हो रहा है। आधुनिक तरीकों और उन्नत बीजों की मदद से किसान अपनी उपज को बढ़ा रहे हैं और लागत को कम कर रहे हैं। गाजीपुर के करइल क्षेत्र के किसानों ने प्याज की खेती में नई सफलता पाई है। उन्होंने राजस्थान के अलवर में उगाई जाने वाली नंदी और चाइना किंग प्रजाति की प्याज को अपनाया और इससे शानदार मुनाफा कमाया। आइए जानते हैं कि इन प्रजातियों की क्या खासियत है और यह खेती कैसे की जाती है।
नंदी और चाइना किंग प्याज की विशेषताएं
यह प्याज ठंडे मौसम में तैयार होती है, जब बाजार में इसकी कीमत ज्यादा होती है। यह जल्दी तैयार होने वाली फसल है और दिसंबर-जनवरी के समय बाजार में आती है। इस दौरान प्याज की कीमत 40-50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है।
इसकी उत्पादन क्षमता बहुत अधिक होती है। एक बीघा खेत में करीब 100 क्विंटल प्याज पैदा होती है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें रोग कम लगते हैं, जिससे दवा और कीटनाशकों का खर्च भी बचता है।
बीज की लागत भी कम आती है। केवल 2-3 किलो बीज से एक बीघा की नर्सरी तैयार हो जाती है। इस प्याज की खेती से किसानों को सामान्य प्याज की तुलना में चार गुना अधिक मुनाफा हो रहा है।
खेती की पूरी प्रक्रिया
गाजीपुर के किसान जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में नंदी और चाइना किंग प्याज के बीज बोते हैं। करीब दो महीने में नर्सरी तैयार होती है, जिसके बाद पौधों को उखाड़कर सुखाया जाता है और फिर अगस्त-सितंबर में उनकी रोपाई की जाती है।
फसल को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, इसलिए किसान ड्रिप इरिगेशन पद्धति अपनाते हैं। इससे पानी की बचत भी होती है और फसल को सही मात्रा में नमी मिलती है। जैविक खाद और जरूरी पोषक तत्वों का इस्तेमाल करके किसान प्याज की गुणवत्ता को और बेहतर बना रहे हैं। करीब 90 दिनों में फसल पूरी तरह तैयार हो जाती है और इसे बाजार में भेज दिया जाता है।
मुनाफे का गणित
गाजीपुर के किसान अंशुमान राय बताते हैं कि इस प्याज की खेती से उन्हें सामान्य प्याज के मुकाबले चार गुना अधिक मुनाफा हो रहा है। अगर बाजार में प्याज की कीमत 40 रुपये प्रति किलो हो, तो एक बीघा खेत से करीब 4 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है। इसमें लागत निकालने के बाद भी किसानों को 3 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा होता है।
क्या फायदा हुआ?
इस खेती से किसानों की लागत घटी है और कम पानी में भी अच्छा उत्पादन मिल रहा है। ठंड के मौसम में प्याज तैयार होने से बाजार में इसकी ऊंची कीमत मिलती है। इस फसल में रोग भी कम लगते हैं, जिससे कीटनाशकों का खर्च घटता है।
चुनौतियां
हाल ही में प्याज की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे किसानों को कुछ नुकसान हुआ। लेकिन नंदी और चाइना किंग जैसी उन्नत प्रजातियों की खेती से नुकसान की भरपाई संभव है।
किसानों को सही बीज खरीदने में दिक्कत आ सकती है, इसलिए उन्हें प्रमाणित स्रोतों से ही बीज लेना चाहिए। प्याज को सही तरीके से संग्रहित करना जरूरी है, ताकि वह खराब न हो। इसके लिए कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएं अपनाई जा रही हैं।