मई में करें इन 3 फसलों की खेती, होगी रिकॉर्डतोड़ कमाई, जानिए कौन-कौन सी हैं ये फसलें!

मई का महीना शुरू होने वाला है, और ये किसानों के लिए खेतों में नई फसलें बोने का सही समय है। गर्मियों में लोबिया, मक्का, और ज्वार जैसी फसलें बोकर किसान कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ये तीनों फसलें न सिर्फ जल्दी तैयार होती हैं, बल्कि मिट्टी को उपजाऊ बनाने और हरे चारे की जरूरत को पूरा करने में भी मदद करती हैं। लोबिया, मक्का, और ज्वार की संयुक्त खेती से किसान खेती को और फायदेमंद बना सकते हैं। इस लेख में इन फसलों की बुआई, उनके फायदे, और मुनाफे की संभावनाओं के बारे में बताया गया है।

मई में बुआई का सही समय

मई का गर्म मौसम लोबिया, मक्का, और ज्वार की बुआाई के लिए बहुत अनुकूल है। ये फसलें गर्म जलवायु और कम पानी में अच्छी तरह उगती हैं, जिससे इन्हें गर्मियों में बोना आसान होता है। लोबिया एक फलीदार फसल है, जो 60 से 70 दिन में तैयार हो जाती है। मक्का 90 से 100 दिन में फसल देती है, जबकि ज्वार 100 से 110 दिन में पककर तैयार होती है। इन फसलों की बाजार में अच्छी मांग रहती है, और ये भोजन, पशु चारा, और औद्योगिक उपयोग के लिए इस्तेमाल होती हैं। मई में बुआई शुरू करने से किसान मानसून से पहले फसल तैयार कर सकते हैं, जिससे मुनाफा जल्दी मिलता है।

लोबिया

लोबिया एक फलीदार फसल है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में बहुत कारगर है। इसकी जड़ों में नाइट्रोजन को स्थिर करने वाले बैक्टीरिया होते हैं, जो मिट्टी को प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन देते हैं। लोबिया को मक्का के साथ मिलाकर बोने से मक्का की पैदावार बढ़ती है, क्योंकि उसे अतिरिक्त नाइट्रोजन मिलता है। लोबिया की फसल 60 से 70 दिन में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 15 से 20 क्विंटल दाने व 50 से 60 क्विंटल हरा चारा दे सकती है। इसकी फलियां सब्जी के रूप में और दाने अनाज के रूप में बिकते हैं। साथ ही, इसका हरा चारा पशुओं के लिए पौष्टिक होता है, जिससे किसानों को चारे की समस्या से राहत मिलती है।

मक्का

मक्का एक प्रमुख अनाज फसल है, जिसकी मांग भोजन, पशु चारा, और औद्योगिक उपयोग के लिए हमेशा बनी रहती है। मई में बुआई करने पर मक्का 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 50 से 60 क्विंटल दाने दे सकती है। मक्का की खेती कम लागत में की जा सकती है, और इसकी फसल को विभिन्न रूपों में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

मक्का का हरा चारा भी पशुओं के लिए फायदेमंद है। लोबिया के साथ इसकी संयुक्त खेती करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और रासायनिक खाद की जरूरत कम हो जाती है। ये फसल गर्मी और कम पानी में भी अच्छी तरह उगती है, जो इसे गर्मियों के लिए उपयुक्त बनाती है।

ज्वार

ज्वार एक ऐसी फसल है, जो कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है। ये गर्म जलवायु और विभिन्न प्रकार की मिट्टी में आसानी से उग जाती है। मई में बोया गया ज्वार 100 से 110 दिन में तैयार होता है और प्रति हेक्टेयर 40 से 50 क्विंटल दाने व 70 से 80 क्विंटल हरा चारा दे सकता है। ज्वार का इस्तेमाल अनाज, पशु चारा, और औद्योगिक उत्पादों में होता है। इसकी बाजार में अच्छी मांग रहती है, और इसका हरा चारा पशुपालकों के लिए बहुत उपयोगी है। ज्वार की खेती से किसान हरे चारे की कमी को पूरा कर सकते हैं और साथ ही अनाज बेचकर कमाई बढ़ा सकते हैं।

संयुक्त खेती के फायदे

लोबिया, मक्का, और ज्वार की संयुक्त खेती किसानों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। लोबिया मिट्टी को नाइट्रोजन देकर मक्का और ज्वार की पैदावार बढ़ाती है, जिससे रासायनिक खाद पर खर्च कम होता है। ये तीनों फसलें हरे चारे की जरूरत को पूरा करती हैं, जो पशुपालकों के लिए बड़ा सहारा है। संयुक्त खेती से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, क्योंकि लोबिया जैसी फलीदार फसल मिट्टी को पोषक तत्व देती है। साथ ही, इन फसलों की अलग-अलग बाजार मांग होने से किसान कई स्रोतों से कमाई कर सकते हैं। गर्मियों में कम पानी और देखभाल में ये फसलें अच्छा प्रदर्शन करती हैं, जो छोटे और मझोले किसानों के लिए खास तौर पर लाभकारी है।

खेती के लिए जरूरी सलाह

लोबिया, मक्का, और ज्वार की सफल खेती के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। बुआई से पहले मिट्टी की जांच कर लेनी चाहिए, ताकि जरूरी खाद और पोषक तत्व डाले जा सकें। उन्नत बीज, जैसे लोबिया की कोशी, मक्का की गंगा-11, या ज्वार की CSV-20 जैसी किस्में चुनने से पैदावार बढ़ती है। मई में बुआई के समय मिट्टी में हल्की नमी होनी चाहिए।

लोबिया और मक्का को एक साथ बोते समय पंक्तियों के बीच सही दूरी रखनी चाहिए, ताकि दोनों फसलों को पर्याप्त जगह मिले। ज्वार को अलग खेत में या मक्का के साथ मिलाकर बोया जा सकता है। पानी का प्रबंधन सही रखना चाहिए, ताकि मिट्टी न ज्यादा गीली हो और न ही सूखी। खरपतवार और कीटों से बचाव के लिए समय-समय पर खेत की जांच जरूरी है।

मुनाफे का सुनहरा मौका

मई में लोबिया, मक्का, और ज्वार की खेती कम लागत में अच्छी कमाई का रास्ता है। ये फसलें न सिर्फ जल्दी तैयार होती हैं, बल्कि मिट्टी को उपजाऊ बनाकर अगली फसल के लिए खेत तैयार करती हैं। हरे चारे की समस्या से निपटने और अनाज व सब्जी की बाजार मांग को पूरा करने में ये फसलें कारगर हैं। संयुक्त खेती से किसान कई तरह से मुनाफा कमा सकते हैं। नजदीकी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करके उन्नत बीज और खेती की सलाह ली जा सकती है। इस मौसम में सही फसल चुनकर किसान अपनी मेहनत को मुनाफे में बदल सकते हैं।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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