एनपीके और डीएपी में क्या अंतर है? जानिए किस फसल के लिए कौन सा उर्वरक सही

DAP aur NPK ke fayde: खेती में अच्छी उपज लेने के लिए उर्वरकों का उपयोग कोई नई बात नहीं है। उर्वरक पौधों के लिए भोजन की तरह काम करते हैं और इन्हें स्वस्थ रखते हैं। लेकिन यदि उर्वरकों का सही तरीके से और सही मात्रा में उपयोग न किया जाए, तो यह फसलों के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए किसानों के लिए यह जानना जरूरी है कि किस फसल में कौन सा उर्वरक डालना चाहिए। आमतौर पर किसान बुवाई के समय एनपीके और डीएपी का उपयोग करते हैं।

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तेजी से बढ़ते हैं पौधे 

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के एग्रीकल्चर एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी बताते हैं कि उर्वरक पौधों की जड़ों, तनों और पत्तियों को मजबूत बनाते हैं, जिससे पौधे तेजी से बढ़ते हैं। कुछ उर्वरक मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाने में मदद करते हैं। फसल की बुवाई के समय किसान बेसल डोज के रूप में एनपीके या डीएपी का उपयोग करते हैं। अधिकतर किसान डीएपी को ही प्राथमिकता देते हैं, लेकिन कई मामलों में एनपीके डीएपी से ज्यादा प्रभावी साबित होता है। इसलिए किसानों को यह जानना जरूरी है कि किस उर्वरक में कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाए जाते हैं।

डीएपी में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं

डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) एक ऐसा उर्वरक है, जिसमें मुख्य रूप से नाइट्रोजन और फास्फोरस पाए जाते हैं। किसान डीएपी का उपयोग फसल की बुवाई के समय बेसल डोज के रूप में करते हैं।

डीएपी में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन पाया जाता है, जो पौधों की पत्तियों और तनों को हरा-भरा बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें 46 प्रतिशत फास्फोरस होता है, जो पौधों की जड़ों को मजबूत बनाने और फूल एवं फल लगने में सहायक होता है।

यह उर्वरक विशेष रूप से गेहूं, धान और मक्का जैसी दानेदार फसलों के लिए बहुत फायदेमंद है। लेकिन इसमें पोटैशियम नहीं होता है, इसलिए इसे पोटैशियम की कमी वाली मिट्टी में अन्य उर्वरकों के साथ मिलाकर डालना चाहिए।

एनपीके में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं

एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम) एक मिश्रित उर्वरक है, जिसमें तीनों मुख्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

नाइट्रोजन पत्तियों और तनों के विकास के लिए आवश्यक होता है। फास्फोरस जड़ों की मजबूती, फूल और फल आने में सहायक होता है। पोटैशियम पौधे को बीमारियों से लड़ने और सूखे से बचाने में मदद करता है।

एनपीके की मात्रा अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए, NPK 12:32:16 में 12 प्रतिशत नाइट्रोजन, 32 प्रतिशत फास्फोरस और 16 प्रतिशत पोटैशियम होता है। किसानों को एनपीके का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए, ताकि फसल की जरूरत के हिसाब से सही मात्रा में खाद का उपयोग किया जा सके।

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  • Shashikant

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