आज के समय में खेती में उत्पादकता बढ़ाने के लिए मिट्टी की सेहत और पौधों की ग्रोथ पर ध्यान देना जरूरी हो गया है। ह्यूमिवि-के पॉवर प्लस एक ऐसा जल-घुलनशील पौध विकास वर्धक है, जो मिट्टी और फसलों को नई जान देता है। यह उत्पाद मिट्टी में सूक्ष्म जैविक क्रियाओं को सक्रिय करता है, जिससे पौधे स्वस्थ और मजबूत रहते हैं। इससे न सिर्फ फसलों की पैदावार बढ़ती है, बल्कि मिट्टी के भौतिक, रासायनिक, और जैविक गुणों में भी सुधार होता है।
अगर आप भी धान की खेती कर रहे हैं और कल्ले रोपने के बाद फसल को एक जैविक बूस्टर देना चाहते हैं, तो ह्यूमिवि-के पॉवर प्लस एक भरोसेमंद विकल्प है। यह मिट्टी और पौधे दोनों को नई ऊर्जा देता है। इसका सही समय पर उपयोग करने से फसल स्वस्थ, मजबूत और अधिक उत्पादक बनती है।आइए, जानते हैं कि इसे कैसे इस्तेमाल करें और यह आपके खेत के लिए कितना उपयोगी हो सकता है।
मिट्टी की सेहत को मजबूत करें
ह्यूमिवि-के पॉवर प्लस मिट्टी के ढांचे को बेहतर बनाता है, जिससे जड़ों को सही पोषण मिलता है। यह जैविक पदार्थों को तोड़कर मिट्टी में उपयोगी तत्वों को मुक्त करता है, जो पौधों की ग्रोथ के लिए जरूरी हैं। रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है, लेकिन यह उत्पाद उस नुकसान को कम करता है। साथ ही, यह मिट्टी में पानी को रोकने की क्षमता बढ़ाता है, जिससे सिंचाई की जरूरत कम होती है। इससे किसानों की लागत घटती है और फसलें लंबे समय तक स्वस्थ रहती हैं। यह खासकर चावल, गेहूँ, और सब्जियों की खेती में कमाल दिखाता है।
ये भी पढ़ें – कुपोषण को हराने वाला चावल! जानिए वो खास किस्में जो खेत में उगेंगी और सेहत बनाएंगी
पौधों की ग्रोथ में क्रांति
यह विकास वर्धक पौधों की जड़ों को मजबूत करता है और पत्तियों को हरा-भरा बनाता है। इसके इस्तेमाल से फसलों में फूल और फल जल्दी आते हैं, जिससे पैदावार में इजाफा होता है। जल-घुलनशील होने के कारण यह आसानी से पौधों द्वारा अवशोषित हो जाता है, जो इसके प्रभाव को तेज करता है। खास तौर पर सूखे या कम उपजाऊ मिट्टी में यह उत्पाद फसलों को नई ऊर्जा देता है। इससे पौधे बीमारियों और कीटों से भी बेहतर लड़ सकते हैं, जो लंबे समय में आपकी मेहनत को फल देगा।
इस उत्पाद को इस्तेमाल करना बेहद आसान है। छिड़काव के लिए 1 से 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाएँ और इसे फसलों पर समान रूप से छिड़कें। यह प्रक्रिया फूल आने से पहले और फल बनने के दौरान दोहराएँ, ताकि परिणाम बेहतर हों। मिट्टी में प्रयोग के लिए 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से इसे खेत में मिलाएँ, खासकर बुवाई से पहले या फसल की शुरुआती ग्रोथ के दौरान। इसे अच्छी तरह मिट्टी में मिलाने के लिए हल्की जुताई करें और उसके बाद सिंचाई करें। सही मात्रा और समय पर इस्तेमाल से आपकी फसलें चमक उठेंगी।
मौसम और मिट्टी के लिए फायदेमंद
हाल के दिनों में अनियमित बारिश और गर्मी ने मिट्टी की नमी को प्रभावित किया है, जिससे फसलों की ग्रोथ में रुकावट आती है। यह उत्पाद ऐसी स्थिति में मिट्टी में नमी बनाए रखता है और पौधों को सूखे से बचाता है। यह हर तरह की मिट्टी—चाहे दोमट हो या रेतीली—में काम करता है, लेकिन इसे रेतीली मिट्टी में ज्यादा फायदा मिलता है, जहाँ पानी जल्दी निकल जाता है। मानसून के बाद खेत की तैयारी के लिए यह एकदम सही विकल्प है, जो आपकी फसलों को मजबूती देगा।
ये भी पढ़ें – धान की इस मंसूरी किस्म से होगी लाजवाब पैदावार, जानिए कहां से खरीदें बीज
इस उत्पाद के इस्तेमाल से फसलों की पैदावार में 15-20% तक वृद्धि देखी गई है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी राहत है। इससे लागत कम होने के साथ-साथ मुनाफा भी बढ़ता है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी एक एकड़ में गेहूँ की पैदावार 20 क्विंटल थी, तो यह बढ़कर 24-25 क्विंटल हो सकती है। बाजार में बेहतर गुणवत्ता वाले अनाज की कीमत अच्छी मिलती है, जो आपकी आय को दोगुना कर सकती है। यह उत्पाद लंबे समय में मिट्टी की उर्वरता बनाए रखता है, जो भविष्य की फसलों के लिए भी फायदेमंद होगा।
धान के कल्ले को बढ़ाने में इसके उपयोग
धान की खेती में कल्लों की संख्या बढ़ाना पैदावार को सीधे प्रभावित करता है। ह्यूमिवि-के पॉवर प्लस इस मामले में खासा उपयोगी है। इसे धान की बुवाई के बाद 15-20 दिन में छिड़काव के रूप में इस्तेमाल करें, जिसमें 1 से 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी का मिश्रण पर्याप्त है। इससे जड़ें मजबूत होती हैं और कल्लों की ग्रोथ तेज होती है। मिट्टी में 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से मिलाने से मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ती है, जो धान के पौधे को ज्यादा कल्ले पैदा करने में मदद करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे प्रति पौधे 2-3 अतिरिक्त कल्ले निकल सकते हैं, जो पैदावार को 10-15% तक बढ़ा सकते हैं। मानसून के दौरान इसकी नमी बनाए रखने की क्षमता धान की फसल को और फायदेमंद बनाती है।
अगर आप इस उत्पाद को आजमाना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी कृषि स्टोर से संपर्क करें या डीलर से जानकारी लें। कई जगहों पर सरकार की सब्सिडी स्कीम्स भी उपलब्ध हैं, जो इसकी कीमत को कम कर सकती हैं। सही मार्गदर्शन और प्रयोग से आप अपनी खेती को नई दिशा दे सकते हैं। यह उत्पाद न सिर्फ आपकी फसलों को स्वस्थ रखेगा, बल्कि आपकी मेहनत को भी सम्मान देगा।
ये भी पढ़ें – धान के लिए पानी कब और कितना जरूरी? जानिए की बंपर फसल का राज