Paddy Farming Tips : धान की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए गंधी बग एक ऐसी मुसीबत है, जो चुपके-चुपके फसल को बर्बाद कर देता है। ये छोटा सा कीट धान के दानों में छेद करके उन्हें खोखला कर देता है, जिससे पैदावार कम हो जाती है और दानों की क्वालिटी भी खराब हो जाती है। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो पूरी फसल पर पानी फिर सकता है। लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है। कुछ देसी और सस्ते नुस्खों की मदद से आप गंधी बग को अपने खेत से भगा सकते हैं और अपनी मेहनत को बचा सकते हैं। ये उपाय न सिर्फ आसान हैं, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।
गंधी बग को कैसे पहचानें
गंधी बग को देखकर और उसकी हरकतों से आसानी से पकड़ा जा सकता है। इसका रंग भूरा या हरा होता है और शरीर ढाल जैसा दिखता है। इसे छूने या कुचलने पर तेज बदबू निकलती है, जिसकी वजह से इसे गंधी बग कहते हैं। ये कीट धान के दानों को चूसता है, जिससे दाने हल्के और खोखले हो जाते हैं। दानों पर भूरे-काले धब्बे पड़ने लगते हैं और उनका वजन कम हो जाता है। खास तौर पर जब धान में दाना बन रहा होता है, यानी मिल्की स्टेज में, तब ये कीट सबसे ज्यादा नुकसान करता है। अगर आपके खेत में दाने कमजोर या खराब दिखें, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और गंधी बग की तलाश शुरू करें।
नीम का अर्क
गंधी बग को भगाने का सबसे आसान और पुराना नुस्खा है नीम का अर्क। इसके लिए ताजी नीम की पत्तियों को पानी में अच्छे से उबालकर एक गाढ़ा घोल तैयार किया जाता है। जब ये ठंडा हो जाए, तो इसे छानकर खेत में पौधों पर छिड़का जाता है। खास तौर पर दानों और पत्तियों पर इसका छिड़काव करना चाहिए। नीम की तेज गंध गंधी बग को दूर भगाती है और ये कीट अंडे देने से भी बचता है।
हर सात से दस दिन में इस घोल को दोहराने से खेत में गंधी बग का नामोनिशान नहीं रहता। ये नुस्खा इतना सस्ता है कि छोटे से छोटा किसान भी इसे आसानी से अपना सकता है। साथ ही, ये फसल और मिट्टी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।
गोमूत्र और लहसुन का देसी जादू
गंधी बग से निपटने का एक और शानदार देसी तरीका है गोमूत्र और लहसुन का मिश्रण। इसके लिए 1 लीटर देसी गोमूत्र में 100 ग्राम लहसुन को पीसकर मिलाया जाता है। इस मिश्रण को किसी बर्तन में चौबीस घंटे तक रखा जाता है, ताकि उसका असर और गहरा हो जाए। फिर इसे छानकर 5 लीटर पानी में मिलाकर खेत में छिड़का जाता है।
ये घोल शाम के समय इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है, क्योंकि गंधी बग रात में ज्यादा हरकत करता है। लहसुन की तेज गंध और गोमूत्र का जैविक गुण मिलकर गंधी बग को खेत से बाहर का रास्ता दिखाते हैं। ये मिश्रण न सिर्फ गंधी बग, बल्कि दूसरे छोटे कीटों को भी दूर रखता है। हर हफ्ते एक-दो बार इसका इस्तेमाल करने से फसल पूरी तरह सुरक्षित रहती है।
धतूरा: कीटों का जहरीला हथियार
धतूरा भी गंधी बग के खिलाफ एक कारगर देसी हथियार है। धतूरे के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाला जाता है और फिर 100 मिलीलीटर रस को एक लीटर पानी में मिलाकर खेत में छिड़का जाता है। धतूरे की तेज गंध और रासायनिक गुण गंधी बग को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होते, और ये कीट खेत छोड़कर भाग जाता है। ये नुस्खा अंडे देने की प्रक्रिया को भी रोकता है, जिससे अगली पीढ़ी के कीट नहीं पनपते। लेकिन धतूरा जहरीला होता है, इसलिए इसे इस्तेमाल करते वक्त दस्ताने पहनने चाहिए और पशुओं या बच्चों को इसके पास नहीं आने देना चाहिए। सावधानी के साथ इस्तेमाल करने पर ये नुस्खा छोटे खेतों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
अग्नि अस्त्र
अग्नि अस्त्र एक ऐसा देसी कीटनाशक है, जो गंधी बग सहित कई कीटों को जड़ से खत्म कर सकता है। इसे बनाने के लिए 250 ग्राम लहसुन, 250 ग्राम हरी मिर्च और 250 ग्राम अदरक को पीसकर 5 लीटर गोमूत्र में मिलाया जाता है। इस मिश्रण को 48 घंटे तक ढककर रखा जाता है, ताकि सारे गुण अच्छे से घुल जाएं।
फिर इसे छानकर 1 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर घोल मिलाकर खेत में छिड़का जाता है। हर दस दिन में इस छिड़काव को दोहराने से गंधी बग खेत में टिक ही नहीं पाता। ये घोल इतना ताकतवर है कि फसल को कोई नुकसान पहुंचाए बिना कीटों को भगा देता है। छोटे और बड़े, दोनों तरह के किसान इसे आसानी से बना सकते हैं और अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।
खेत की देखभाल के अतिरिक्त उपाय
गंधी बग से पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए सिर्फ छिड़काव ही काफी नहीं, कुछ और बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है। हर दो-तीन दिन में खेत में जाकर पौधों की जांच करनी चाहिए। अगर गंधी बग के छोटे-छोटे, सफेद और चमकदार अंडे या कीट दिखें, तो उन्हें हाथ से हटाकर नष्ट कर देना चाहिए। छिड़काव हमेशा शाम को करना चाहिए, क्योंकि रात में ये कीट ज्यादा सक्रिय होता है और दवा का असर गहरा पड़ता है। खेत में नाइट्रोजन युक्त खाद, जैसे यूरिया, का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें। ज्यादा नाइट्रोजन से पौधे मुलायम हो जाते हैं, जो गंधी बग को और आकर्षित करता है।
इसके बजाय गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल करें। खेत में फेरोमोन ट्रैप लगाने से नर गंधी बग फंस जाते हैं, जिससे उनकी संख्या कम हो जाती है। फसल कटाई के बाद खेत को अच्छे से साफ करें और बचे हुए डंठल-पत्तियों को जला दें, ताकि अगले सीजन में कीटों का खतरा कम हो।
गंधी बग को रोकना क्यों जरूरी
गंधी बग अगर खेत में पनप जाए, तो ये धान की फसल को 20 से 50 फीसदी तक नुकसान पहुंचा सकता है। खोखले और खराब दाने बाजार में कम दाम लाते हैं, और किसान की सारी मेहनत बेकार हो जाती है। देसी और जैविक उपाय अपनाने से न सिर्फ फसल बचेगी, बल्कि मिट्टी की ताकत भी बनी रहेगी। साथ ही, रासायनिक कीटनाशकों पर होने वाला खर्च बच जाएगा। खेती को टिकाऊ और मुनाफे वाला बनाने के लिए ये देसी नुस्खे सबसे सही रास्ता हैं।
अपनी फसल को बनाएं गंधी बग मुक्त
गंधी बग कोई ऐसी मुसीबत नहीं, जिसे काबू न किया जा सके। नीम का अर्क, गोमूत्र-लहसुन का घोल, धतूरा और अग्नि अस्त्र जैसे देसी हथियार आपके पास हैं। बस जरूरत है सही समय पर इनका इस्तेमाल करने की। अपने खेत की हर हफ्ते जांच करें, और जैसे ही गंधी बग के लक्षण दिखें, इन उपायों को शुरू कर दें। अगर आपको और सलाह चाहिए, तो अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विभाग से संपर्क करें। थोड़ी सी सावधानी और मेहनत से आप अपनी धान की फसल को गंधी बग से पूरी तरह बचा सकते हैं, और अपनी मेहनत का पूरा फल पा सकते हैं।
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