कौन सी खाद है सबसे असरदार? DAP, SSP, TSP और NPK का सही चुनाव करें खेती में

भारत में खेती किसानों की आजीविका का आधार है, और फसल की अच्छी पैदावार के लिए सही खाद का उपयोग बहुत जरूरी है। मिट्टी की उर्वरता और पौधों की जरूरतों के हिसाब से खाद चुनने से न केवल उत्पादन बढ़ता है, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। आजकल DAP, TSP, SSP और NPK जैसी रासायनिक खादें किसानों के बीच खूब लोकप्रिय हैं। ये खादें पौधों को जरूरी पोषक तत्व, जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम, प्रदान करती हैं। लेकिन इनमें क्या अंतर है, और कौन-सी खाद आपकी फसल के लिए सबसे अच्छी है? आइए, इस लेख में इन खादों के फायदे, उपयोग और सही चयन के बारे में विस्तार से जानते हैं, ताकि आपकी खेती अधिक लाभकारी बन सके।

खाद का महत्व और मिट्टी की जाँच

खेती में खाद का सही चयन फसल की पैदावार को 15-20% तक बढ़ा सकता है। भारतीय कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि हर फसल और मिट्टी की जरूरत अलग होती है। इसलिए, खाद डालने से पहले मिट्टी की जाँच करवाना जरूरी है। सॉइल हेल्थ कार्ड के जरिए आप अपनी मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी पा सकते हैं और उसी के अनुसार खाद चुन सकते हैं। यह न केवल लागत बचाता है, बल्कि फसल की सेहत को भी बनाए रखता है। DAP, TSP, SSP और NPK खादें अलग-अलग पोषक तत्व देती हैं, और इनका सही समय पर उपयोग करने से किसान कम खर्च में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

DAP: शुरुआती वृद्धि के लिए शक्तिशाली खाद

डायमोनियम फॉस्फेट (DAP) भारतीय किसानों के बीच सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली खादों में से एक है। इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस दोनों होते हैं, जो फसल के शुरुआती विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। यह खाद पौधों की जड़ों को मजबूत करने और तने की वृद्धि में मदद करती है। गेहूँ, धान, दाल और तिलहन जैसी फसलों के लिए यह खासतौर पर फायदेमंद है। DAP पानी में आसानी से घुल जाती है, जिससे पौधे इसे जल्दी अवशोषित कर लेते हैं। धान और मक्का के लिए प्रति एकड़ 80-100 किलोग्राम और गन्ना या कपास के लिए 120-150 किलोग्राम DAP का उपयोग करें। यह खाद खासकर उन खेतों में असरदार है, जहाँ मिट्टी में फास्फोरस की कमी हो। अगर आप इसे बुवाई के समय डालते हैं, तो फसल की शुरुआती बढ़त तेज होती है।

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TSP: जड़ों को मजबूती देने वाली खाद

ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (TSP) में लगभग 46% फास्फोरस होता है, जो पौधों की जड़ों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसमें नाइट्रोजन नहीं होता, इसलिए यह उन खेतों के लिए उपयुक्त है, जहाँ मिट्टी में फास्फोरस की कमी हो। TSP दाल, मूंगफली और अन्य फसलों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है। यह खाद जड़ों को मजबूत बनाकर पौधों को सूखे और रोगों से लड़ने की ताकत देती है। इसका उपयोग बुवाई के समय या फसल की शुरुआती अवस्था में करना चाहिए। अगर आपकी मिट्टी में नाइट्रोजन पहले से पर्याप्त है, तो TSP एक किफायती और प्रभावी विकल्प हो सकता है।

SSP: किफायती और मिट्टी के लिए फायदेमंद

सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) एक पुरानी और किफायती खाद है, जो ग्रामीण किसानों के बीच खूब पसंद की जाती है। इसमें फास्फोरस के साथ-साथ गंधक (सल्फर) और कैल्शियम होता है, जो मिट्टी की संरचना को बेहतर बनाता है। गंधक तिलहन और दलहन फसलों, जैसे सरसों और चने, के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि यह तेल की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाता है। SSP का उपयोग उन खेतों में करें, जहाँ मिट्टी में कैल्शियम या गंधक की कमी हो। यह खाद छोटे किसानों के लिए भी उपयुक्त है, क्योंकि यह सस्ती और आसानी से उपलब्ध होती है। बुवाई के समय इसे मिट्टी में मिलाने से फसल की पैदावार और मिट्टी की सेहत दोनों में सुधार होता है।

NPK: फसलों के लिए संतुलित आहार

NPK खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का संतुलित मिश्रण होता है, जैसे 10:26:26 या 14:35:14। यह खाद सभी प्रकार की फसलों के लिए उपयुक्त है, क्योंकि यह पौधों को सम्पूर्ण पोषण देती है। नाइट्रोजन पत्तियों और तनों की वृद्धि में मदद करता है, फास्फोरस जड़ों को मजबूत करता है, और पोटेशियम फूलों और फलों की गुणवत्ता बढ़ाता है। अगर आपकी मिट्टी में कई पोषक तत्वों की कमी है, तो NPK सबसे अच्छा विकल्प है। यह खाद सब्जियों, अनाज और नकदी फसलों के लिए भी असरदार है। बुवाई के समय और फसल की वृद्धि के दौरान इसे दो बार में डालने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।

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सही खाद कैसे चुनें?

खाद का चयन मिट्टी की जरूरत और फसल के प्रकार पर निर्भर करता है। अगर मिट्टी में फास्फोरस की कमी है, तो TSP या SSP का उपयोग करें। अगर फसल को नाइट्रोजन और फास्फोरस दोनों चाहिए, तो DAP एक अच्छा विकल्प है। और अगर आप चाहते हैं कि फसल को सभी जरूरी पोषक तत्व एक साथ मिलें, तो NPK खाद चुनें। कृषि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि खाद डालने से पहले मिट्टी की जाँच करवाएँ। यह न केवल सही खाद चुनने में मदद करता है, बल्कि अनावश्यक खर्च भी बचाता है। इसके अलावा, जैविक खाद, जैसे वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद, को रासायनिक खाद के साथ मिलाकर उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरता लंबे समय तक बनी रहती है।

खाद के उपयोग में सावधानियाँ

खाद का उपयोग करते समय सही मात्रा और समय का ध्यान रखें। ज्यादा खाद डालने से मिट्टी की उर्वरता कम हो सकती है और फसल को नुकसान हो सकता है। हमेशा खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएँ और बुवाई के समय या फसल की वृद्धि के दौरान डालें। इसके अलावा, रासायनिक खादों के साथ जैविक खाद का उपयोग करने से मिट्टी की सेहत लंबे समय तक बनी रहती है। अगर आप नए किसान हैं, तो स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें या अपने नजदीकी कृषि विश्वविद्यालय से संपर्क करें। ये संस्थान मुफ्त प्रशिक्षण और नई तकनीकों की जानकारी प्रदान करते हैं।

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  • Shashikant

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