बिहार में बनेगा डिजिटल कृषि निदेशालय, दलहन-तिलहन के लिए खुलेगा क्षेत्रीय कृषि कार्यालय

बिहार में अब खेती का नया रंग चढ़ने वाला है। बिहार सरकार ने खेती को डिजिटल बनाने और किसानों की जिंदगी आसान करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। डिजिटल कृषि निदेशालय के गठन को मंजूरी दे दी गई है, जो किसानों को नई तकनीक और सरकारी योजनाओं की जानकारी आसानी से देगा। साथ ही, लखीसराय के बड़हिया में दलहन, तिलहन और अन्य फसलों के लिए एक नया क्षेत्रीय कृषि कार्यालय खोलने की घोषणा हुई है। यह खबर गाँव के किसान भाइयों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं। आइए, देसी अंदाज में समझते हैं कि यह योजना आपके लिए क्या लाएगी।

डिजिटल कृषि निदेशालय

बिहार के उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा जी ने बताया कि डिजिटल कृषि निदेशालय किसानों को खेती की हर जानकारी मोबाइल पर देने का काम करेगा। चाहे मौसम की खबर हो, फसल की देखभाल हो, या सरकारी योजनाओं की जानकारी, यह निदेशालय सब कुछ डिजिटल तरीके से आपके पास पहुंचाएगा। यह निदेशालय डिजिटल क्रॉप सर्वे करेगा, जिससे यह पता चलेगा कि कौन सी फसल कब और कितनी बोई गई।

इससे सरकार को फसलों की पैदावार और उत्पादकता का सही अंदाजा लगेगा। किसान भाइयों को डिजिटल सॉइल हेल्थ कार्ड मिलेगा, जो मिट्टी की सेहत बताएगा। साथ ही, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव और फसल की निगरानी जैसे काम भी आसान होंगे। यह निदेशालय खेती को पारदर्शी और तकनीकी बनाने में बड़ा रोल निभाएगा।

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लखीसराय में नया कृषि कार्यालय

लखीसराय के किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है। बिहार सरकार ने बड़हिया में एक नया क्षेत्रीय कृषि कार्यालय खोलने का ऐलान किया है। यह कार्यालय खास तौर पर दलहन, तिलहन और अन्य फसलों की खेती को बढ़ावा देगा। बड़हिया का टाल और दियारा इलाका इन फसलों के लिए मशहूर है, और अब इस कार्यालय के जरिए किसानों को बेहतर बीज, खाद, और तकनीकी सलाह मिलेगी। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा जी ने बताया कि इसके लिए सहायक निदेशक (शस्य) और तेलहन के नए पद बनाए जाएंगे। यह कार्यालय किसानों को सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने और खेती की नई तकनीकों को अपनाने में मदद करेगा। इससे लखीसराय के किसानों की कमाई बढ़ेगी और खेती में नया जोश आएगा।

डिजिटल तकनीक से किसानों की जिंदगी आसान

डिजिटल कृषि निदेशालय का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह खेती से जुड़ा हर डेटा डिजिटल तरीके से रखेगा। मान लीजिए, आपके खेत में कौन सी फसल कितनी बोई गई, यह सब अब मोबाइल पर देखा जा सकेगा। बिहार सरकार पहले से ही बिहार कृषि ऐप और किसान कॉल सेंटर के जरिए किसानों की मदद कर रही है। अब यह निदेशालय डिजिटल सॉइल हेल्थ कार्ड, ड्रोन तकनीक, और फसल सर्वे जैसे कामों को और तेज करेगा। खरीफ 2025-26 में सरकार 2 करोड़ 18 लाख से ज्यादा खेतों का डिजिटल सर्वे करेगी, जिससे बिहार के 38 जिलों के 32,707 गाँवों की फसलों का पूरा ब्यौरा डिजिटल हो जाएगा। इससे किसानों को सही समय पर सही सलाह और मदद मिलेगी।

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  • Shashikant

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