किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना भारतीय किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। चाहे बीज, खाद, कीटनाशक खरीदना हो या खेती के लिए नकदी की जरूरत, यह योजना छोटे और बड़े किसानों को सस्ता और आसान लोन दे रही है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि KCC के तहत 5.7 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा के साथ 4.65 करोड़ से ज्यादा किसानों के आवेदन मंजूर किए गए हैं। सरकार ने लोन की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है, जिससे 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी वालों को फायदा होगा।
खेती का सबसे बड़ा सहारा
1998 में शुरू हुई KCC योजना का मकसद है किसानों को सस्ते ब्याज पर लोन देकर साहूकारों के चंगुल से बचाना। यह योजना बीज, उर्वरक, कीटनाशक, और खेती के यंत्र खरीदने के लिए पैसा देती है। इसके अलावा, फसल कटाई के बाद के खर्च, घरेलू जरूरतें, और डेयरी, मछली पालन जैसे कामों के लिए भी लोन मिलता है। खास बात यह है कि 3 लाख रुपये तक के लोन पर सिर्फ 7% ब्याज लगता है, और अगर आप समय पर लोन चुकाते हैं, तो 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है। यानी आपका ब्याज सिर्फ 4% रह जाता है। इससे हर एक लाख रुपये के लोन पर आप सालाना 9000 रुपये तक बचा सकते हैं। अब लोन की सीमा 5 लाख तक बढ़ने से किसानों को और बड़ी राहत मिलेगी।
5.7 लाख करोड़ की मंजूरी, 4.65 करोड़ किसानों को लाभ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने सोशल मीडिया पर बताया कि KCC के तहत 4.65 करोड़ से ज्यादा किसानों के आवेदन मंजूर किए गए हैं, जिनके लिए 5.7 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा दी गई है। 31 दिसंबर 2024 तक KCC खातों का कुल लोन 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो 2014 में 4.26 लाख करोड़ रुपये था। यानी पिछले 10 सालों में यह राशि दोगुनी से ज्यादा हो गई है। यह योजना अब मछुआरों और डेयरी किसानों तक भी पहुंच चुकी है। 7.7 करोड़ से ज्यादा किसानों को इसका फायदा मिल रहा है, और 2025-26 के बजट में लोन सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने से यह और बढ़ेगा।
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कम ब्याज, आसान लोन: किसानों की जेब में बचत
KCC योजना की सबसे बड़ी खासियत है इसका कम ब्याज। 3 लाख रुपये तक के लोन पर 7% ब्याज लगता है, जिसमें सरकार 2% की सब्सिडी देती है। अगर आप समय पर लोन चुकाते हैं, तो 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है, यानी कुल ब्याज सिर्फ 4% रह जाता है। 3 लाख से ज्यादा के लोन पर ब्याज दर बैंक तय करता है, जो आमतौर पर 9-13% तक हो सकता है। लोन की अवधि 5 साल की होती है, और हर साल 10% सीमा बढ़ाने का प्रावधान है। KCC के साथ आपको रुपे डेबिट कार्ड भी मिलता है, जिससे ATM या माइक्रो-ATM से आसानी से पैसे निकाले जा सकते हैं। यह योजना न सिर्फ खेती के लिए, बल्कि पशुपालन, मछली पालन, और खेत के यंत्रों की खरीद के लिए भी लोन देती है।
कौन ले सकता है KCC का फायदा
KCC योजना का लाभ हर तरह के किसान उठा सकते हैं। इसमें शामिल हैं:
जमीन के मालिक किसान और संयुक्त खेती करने वाले।
किरायेदार किसान, बटाईदार, और मौखिक पट्टे पर खेती करने वाले।
स्वयं सहायता समूह (SHG) और संयुक्त दायित्व समूह (JLG)।
मछुआरे और डेयरी किसान।
आवेदक की उम्र 18 से 75 साल के बीच होनी चाहिए। 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को सह-आवेदक (कानूनी वारिस) की जरूरत होती है। आवेदन के लिए आपको आधार कार्ड, वोटर ID, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान पत्र, जमीन के दस्तावेज, और फसल पैटर्न की जानकारी देनी होगी। 1.6 लाख रुपये तक के लोन के लिए कोई गारंटी नहीं चाहिए, और 3 लाख तक के लोन में टाई-अप होने पर गारंटी माफ हो सकती है।
आवेदन कैसे करें
KCC के लिए आवेदन करना बहुत आसान है। आप अपने नजदीकी बैंक शाखा, जैसे SBI, Indian Bank, या Bank of Baroda, में जा सकते हैं। कई बैंक ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी देते हैं। इसके लिए:
बैंक की वेबसाइट पर जाएं और KCC विकल्प चुनें।
ऑनलाइन फॉर्म भरें, जिसमें आधार, जमीन के दस्तावेज, और फसल की जानकारी देनी होगी।
फॉर्म जमा करने पर आपको एक रेफरेंस नंबर मिलेगा।
3-4 दिन में बैंक आपसे संपर्क करेगा।
आप PM-Kisan की वेबसाइट (pmkisan.gov.in) से भी KCC फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। जरूरी दस्तावेजों में दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, और जमीन के कागजात शामिल हैं।
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