जीरो लागत पर पशुपालन! जानिए ये अनोखी तकनीक कैसे बनाएगी आपको मालामाल

उत्तर प्रदेश में ज्यादातर किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं। पशुपालन से दूध तो मिलता ही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पशुओं का गोबर भी आपकी कमाई को दोगुना कर सकता है? जी हाँ, गोबर को कूड़े में फेंकने की बजाय उससे वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर किसान हर महीने हजारों रुपये कमा सकते हैं। यह खाद न सिर्फ मिट्टी को उपजाऊ बनाती है, बल्कि फसलों की पैदावार और गुणवत्ता को भी बढ़ाती है। आइए, जानते हैं कि वर्मी कंपोस्ट कैसे बनाएँ और इससे कैसे अतिरिक्त आय हो सकती है।

पशुपालन से अतिरिक्त कमाई का रास्ता

किसान आमतौर पर पशुपालन को सिर्फ दूध के लिए करते हैं, लेकिन गोबर को वर्मी कंपोस्ट में बदलकर वे अपनी आय को और बढ़ा सकते हैं। उत्तर प्रदेश के कई प्रगतिशील किसानों ने इस तरीके को अपनाया है और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। वर्मी कंपोस्ट बनाने में ज्यादा लागत नहीं लगती, और इसे अपने खेतों में इस्तेमाल करने से रासायनिक खादों पर निर्भरता कम हो जाती है। अगर किसान इस खाद को बाजार में बेचें, तो यह उनके लिए अतिरिक्त आय का बड़ा जरिया बन सकता है। इतना ही नहीं, पशुपालन का खर्च भी इस खाद से आसानी से निकल सकता है, जिससे दूध की पूरी कमाई बच जाएगी।

ये भी पढ़ें- ब्लैक बंगाल बकरी का पालन करें, होगा जबरदस्त लाभ, गाँव के गरीबों का एटीएम कही जाती है

वर्मी कंपोस्ट बनाने की आसान प्रक्रिया

वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए आपको अलग से ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। अगर आपके पास पाँच पशु हैं, तो हर पशु से रोजाना करीब 30 से 35 किलो गोबर मिल सकता है। इस तरह, पाँच पशुओं से हर दिन 150 किलो गोबर इकट्ठा हो सकता है। एक महीने में यह करीब 45 क्विंटल गोबर हो जाता है। इस गोबर को केंचुओं की मदद से प्रोसेस करने पर लगभग 40% वर्मी कंपोस्ट तैयार होता है, यानी हर महीने करीब 18 क्विंटल खाद। इसे बनाने के लिए आपको बस एक बार केंचुए खरीदने होंगे। ये केंचुए न सिर्फ खाद बनाएँगे, बल्कि उनकी संख्या भी बढ़ेगी, जिसे बेचकर आप अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। गोबर को छायादार जगह पर रखें, उसमें केंचुए छोड़ें, और समय-समय पर नमी बनाए रखें। कुछ ही हफ्तों में खाद तैयार हो जाएगी।

बाजार में माँग और मुनाफा

वर्मी कंपोस्ट की बाजार में बहुत माँग है, क्योंकि यह जैविक खेती को बढ़ावा देता है। उत्तर प्रदेश के स्थानीय बाजारों और शहरों में वर्मी कंपोस्ट 8 से 10 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। अगर आप हर महीने 18 क्विंटल खाद बनाते हैं, तो इसे 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचने पर 15,000 से 18,000 रुपये की कमाई हो सकती है। यह आय पशुपालन के खर्च को आसानी से कवर कर सकती है। इसके अलावा, अगर आप अपने खेतों में इस खाद का इस्तेमाल करते हैं, तो रासायनिक खादों का खर्च बचेगा और फसलों की पैदावार बढ़ेगी। मिसाल के तौर पर, धान या गेहूँ की खेती में वर्मी कंपोस्ट डालने से उपज 10-15% तक बढ़ सकती है, और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

ये भी पढ़ें- यूपी के बागपत में लग रहा है 10 लाख लीटर क्षमता का दूध प्रोसेसिंग प्लांट, डेयरी किसानों को सीधा फायदा

मिट्टी और पर्यावरण के लिए फायदेमंद

वर्मी कंपोस्ट सिर्फ कमाई का जरिया ही नहीं है, बल्कि यह मिट्टी और पर्यावरण के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह खाद मिट्टी में पोषक तत्वों को बढ़ाती है, जिससे उसकी उर्वरता लंबे समय तक बनी रहती है। रासायनिक खादों के ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत खराब हो रही है, लेकिन वर्मी कंपोस्ट इसका बेहतर विकल्प है। यह मिट्टी को भुरभुरा बनाता है, पानी को रोकने की क्षमता बढ़ाता है, और फसलों को रोगों से बचाने में मदद करता है। साथ ही, गोबर को कूड़े में फेंकने की बजाय खाद में बदलने से पर्यावरण भी साफ रहता है। उत्तर प्रदेश के किसान इस तरीके को अपनाकर न सिर्फ अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं।

शुरुआत कैसे करें

वर्मी कंपोस्ट बनाने की शुरुआत करना बहुत आसान है। सबसे पहले अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें और अच्छी नस्ल के केंचुए खरीदें। एक बार केंचुए लेने के बाद आपको बार-बार खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि ये तेजी से बढ़ते हैं। गोबर को इकट्ठा करने के लिए एक छायादार जगह चुनें, जैसे कि टीन शेड या पेड़ के नीचे। गोबर को ढेर में रखें, उसमें केंचुए छोड़ें, और समय-समय पर पानी छिड़ककर नमी बनाए रखें। हर 30-40 दिन में खाद तैयार हो जाएगी। अगर आप इसे बाजार में बेचना चाहते हैं, तो स्थानीय नर्सरी, जैविक खेती करने वाले किसानों, या ऑनलाइन मार्केटप्लेस से संपर्क करें।

ये भी पढ़ें- क्या आपकी भी गाय,भैंस हो रहीं हैं बाँझपन की शिकार तो करें ये उपाय

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment