गेंहू की कटाई के बाद करें ये खास काम, अगली फसल उगलेगी सोना

किसान भाइयों, भारत में गेहूं की कटाई मार्च-अप्रैल में खत्म हो जाती है। इसके बाद आपके खेत खाली पड़े रहते हैं, और अब अगली फसल की तैयारी का वक्त है। अगर आप खेत की सही जुताई, सफाई और पोषण का ध्यान रखते हैं, तो अगली फसल बंपर होगी। गर्मी में खेत को यूँ ही न छोड़िए, बल्कि उसे तैयार करिए ताकि मिट्टी की ताकत बढ़े और जेब में मुनाफा आए। चलिए, आपको बताते हैं कि गेहूं कटाई के बाद खेत को कैसे सँवारें और अगली फसल का प्लान कैसे बनाएँ।

खेत की सफाई का देसी तरीका

गेहूं कटने के बाद खेत में ठूंठ और फसल के अवशेष रह जाते हैं। इन्हें जलाने की गलती मत करिए, वरना मिट्टी की सेहत बिगड़ जाएगी। इन ठूंठों को खेत में ही मिलाना बढ़िया है। रोटावेटर या डिस्क हैरो से जुताई कर लीजिए, ताकि गेहूं के डंठल मिट्टी में घुल जाएँ। अगर ठूंठ ज्यादा हैं, तो श्रेडर मशीन से इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी में मिला दीजिए। ऐसा करने से खेत में जैविक खाद बनती है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। ये तरीका सस्ता भी है और फायदेमंद भी।

जुताई और मिट्टी को ताकत देने का ढंग

खेत को तैयार करने के लिए 1-2 बार गहरी जुताई करिए। इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी और अगली फसल की जड़ें मजबूत होंगी। अगर मिट्टी सख्त है, तो रिजर पलो चलाइए, ये मिट्टी को अच्छे से पलट देता है। खेत में गड्ढे या ऊबड़-खाबड़ जमीन हो, तो उसे समतल कर लीजिए, ताकि पानी सही से लगे। मिट्टी को ताकत देने के लिए ढैंचा या हरी खाद बोइए। ढैंचा कुछ हफ्तों में बढ़कर मिट्टी में मिल जाता है और उसकी सेहत सुधारता है। गर्मी में ये तरीका आपके खेत को हरा-भरा रखेगा।

अगली फसल की सही प्लानिंग

गेहूं कटाई के बाद खेत को खाली छोड़ना ठीक नहीं। गर्मी में आप ऐसी फसलें बो सकते हैं, जो जल्दी तैयार हों और मुनाफा दें। मूंग बढ़िया है, ये दो-तीन महीने में तैयार हो जाती है और मिट्टी को ताकत भी देती है। मक्का खरीफ सीजन में अच्छा मुनाफा देता है, इसे अप्रैल में बो सकते हैं। सूरजमुखी कम पानी में उगता है और इसके बीज बाजार में अच्छे दाम पर बिकते हैं। सब्जियाँ जैसे भिंडी, लौकी या तरबूज भी बोइए, गर्मी में इनकी माँग बढ़ती है और दाम ठीक मिलता है। अपनी जरूरत और बाजार के हिसाब से फसल चुनिए।

खाद और उर्वरक का सही इंतजाम

खेत को पोषण देने के लिए गोबर की सड़ी खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालिए। ये मिट्टी को प्राकृतिक तरीके से ताकत देता है। हर एकड़ में 50-60 किलो नाइट्रोजन, 30 किलो फास्फोरस और 20 किलो पोटाश डालना ठीक रहता है। अगर आप जैविक खेती करना चाहते हैं, तो जीवामृत या पंचगव्य का छिड़काव करिए। ये सस्ता है और मिट्टी के लिए बढ़िया काम करता है। खाद को मिट्टी में अच्छे से मिलाइए, ताकि अगली फसल को पूरा फायदा मिले। गर्मी में ये तरीका आपके खेत को तैयार रखेगा।

सिंचाई और खरपतवार से बचाव

अगली फसल बोने से पहले हल्का पानी दीजिए, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे। इससे बीज जल्दी जमेगा। खरपतवार को काबू में रखने के लिए मिट्टी पलटने वाला हल चलाइए। ये खरपतवार को जड़ से उखाड़ देता है। अगर खेत में दीमक या फफूंद की परेशानी हो, तो नीम का तेल या जैविक फफूंदनाशक छिड़किए। ये देसी नुस्खा सस्ता है और मिट्टी को नुकसान नहीं पहुँचाता। सही समय पर पानी और सफाई का ध्यान रखिए, तो फसल लहलहाएगी।

तो भाइयों, गेहूं कटाई के बाद खेत को यूँ ही न छोड़िए। ठूंठ मिलाइए, जुताई करिए, मिट्टी को ताकत दीजिए और अगली फसल की प्लानिंग करिए। मूंग, मक्का, सूरजमुखी या सब्जियाँ बोइए। थोड़ी मेहनत से खेत हरा-भरा रहेगा और आपकी जेब भी भरेगी।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

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