Paddy Farming Tips: उत्तर प्रदेश समेत देशभर में धान की रोपाई का मौसम शुरू हो चुका है। खेतों में मेहनत से जुटे किसानों के लिए एक ज़रूरी सलाह है: अगर समय रहते खरपतवार पर काबू नहीं किया, तो पूरी फसल खतरे में पड़ सकती है। खरपतवार धान के पौधों का पोषण और धूप छीन लेते हैं, जिससे पैदावार 15-20% तक कम हो सकती है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. हरपाल सिंह बताते हैं कि रोपाई के 5 से 7 दिन के अंदर खरपतवार नियंत्रण करना बहुत ज़रूरी है। अगर शुरू में ही सही कदम उठाए जाएँ, तो फसल स्वस्थ रहेगी और उत्पादन में भारी बढ़ोतरी होगी।
खरपतवार नाशक दवाओं का सही इस्तेमाल
खरपतवार को जड़ से खत्म करने के लिए ब्यूटाक्लोर, प्रेटिलाक्लोर, और बिस्पायरीबैक सोडियम जैसी दवाओं का छिड़काव करें। ये दवाएँ खरपतवार के बीजों को अंकुरित होने से पहले ही नष्ट कर देती हैं, और धान की फसल को कोई नुकसान नहीं होता। छिड़काव के समय खेत में हल्का पानी होना चाहिए, ताकि दवा अच्छे से काम करे। डॉ. हरपाल सिंह की सलाह है कि दवा को साफ पानी में मिलाकर स्प्रे करें। तालाब या गड्ढे का गंदा पानी इस्तेमाल न करें, वरना दवा का असर कम हो सकता है। छिड़काव करते समय दस्ताने और मास्क जैसे सुरक्षा उपकरण ज़रूर पहनें, और दवा की सही मात्रा का ध्यान रखें।
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सीधी बुवाई में ये करें
कई किसान धान की सीधी बुवाई करते हैं, जिसमें खरपतवार का खतरा ज़्यादा होता है। इसके लिए बेंडिमिथाइललाइन नामक दवा का इस्तेमाल करें। इस दवा को बुवाई के 1 से 2 दिन के अंदर छिड़कना चाहिए। साफ पानी में मिलाकर इसका छिड़काव करें, ताकि खरपतवार शुरू में ही नियंत्रित हो जाए। अगर आप नर्सरी से रोपाई कर रहे हैं, तो डीएपी की जगह सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करें। ये पौधों को ज़रूरी पोषक तत्व देता है और खरपतवार के असर को कम करता है। इससे पौधों की बढ़वार अच्छी होती है और फसल मज़बूत बनती है।
खरपतवार नियंत्रण के फायदे
अगर रोपाई के शुरुआती दिनों में खरपतवार पर काबू पा लिया जाए, तो धान के पौधों को पूरा पोषण और धूप मिलता है। इससे फसल की बढ़वार तेज होती है और पैदावार में 15-20% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। खरपतवार न सिर्फ़ पोषक तत्व छीनते हैं, बल्कि कीटों और बीमारियों को भी बढ़ावा देते हैं। सही समय पर दवा का छिड़काव करने से फसल स्वस्थ रहती है और लागत भी कम आती है। साथ ही, जैविक तरीकों जैसे खेत की नियमित निराई-गुड़ाई और हरी खाद का इस्तेमाल भी खरपतवार को कम करने में मदद करता है।
इन गलतियों से बचें
कई किसान भाई गलती से गंदे पानी में दवा मिलाकर छिड़काव करते हैं, जिससे दवा का असर कम हो जाता है। बेंडिमिथाइललाइन जैसी दवाओं को हमेशा साफ पानी में मिलाएँ। साथ ही, छिड़काव का समय भी बहुत ज़रूरी है। सीधी बुवाई में 1-2 दिन के अंदर और रोपाई में 5-7 दिन के अंदर दवा का इस्तेमाल करें। अगर देर हो जाए, तो खरपतवार जड़ पकड़ लेते हैं और फसल को नुकसान पहुँचता है। दवा की मात्रा से ज्यादा या कम इस्तेमाल न करें, वरना फसल को ही खतरा हो सकता है।
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