Drip and Mini Sprinkler Subsidy 2025: बिहार, जहाँ खेती-किसानी गाँवों की आत्मा है, वहाँ पानी के बिना अच्छी फसल की कल्पना करना मुश्किल है। बारिश के मौसम में बाढ़ किसानों की मेहनत को बहा ले जाती है, तो गर्मियों में पानी की कमी फसलों को चौपट कर देती है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए बिहार सरकार ने एक ऐसी योजना शुरू की है, जो किसानों की जिंदगी बदलने का माद्दा रखती है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत ड्रिप सिंचाई और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना न सिर्फ पानी की बचत करेगी, बल्कि कम लागत में ज्यादा मुनाफा भी दिलाएगी। आइए, इस योजना के फायदे, पात्रता और आवेदन की प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।
ड्रिप सिंचाई
ड्रिप सिंचाई तकनीक ने खेती को आसान और फायदेमंद बना दिया है। इस सिस्टम में पानी बूंद-बूंद करके सीधे पौधों की जड़ों तक पहुँचता है, जिससे पानी की बर्बादी नहीं होती। जहाँ पारंपरिक सिंचाई में आधा पानी बेकार चला जाता है, वहीं ड्रिप तकनीक से 60 प्रतिशत तक पानी बचाया जा सकता है। इतना ही नहीं, इस सिस्टम से खाद भी पानी के साथ जड़ों तक दी जा सकती है, जिससे उर्वरक की खपत कम होती है और फसल की गुणवत्ता बढ़ती है।
सब्जियों, फलों और बागवानी फसलों के लिए यह तकनीक खास तौर पर कारगर है। किसानों को समय और मेहनत की बचत के साथ-साथ बेहतर पैदावार मिलती है। बिहार सरकार की सब्सिडी के साथ अब इस तकनीक को अपनाना हर किसान के बस में है।
मिनी स्प्रिंकलर
मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम भी किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह तकनीक छोटे-छोटे स्प्रिंकलर के जरिए पौधों पर बारीक फुहारों से पानी छिड़कती है। इससे पानी का इस्तेमाल एकसमान होता है और कम पानी में ज्यादा क्षेत्र को सिंचित किया जा सकता है। खासकर सब्जियों, दालों और तिलहन जैसी फसलों के लिए यह सिस्टम बहुत फायदेमंद है। मिनी स्प्रिंकलर से फसलों का विकास बेहतर होता है, और फल या सब्जियों की गुणवत्ता भी शानदार रहती है। बिहार के छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह तकनीक किसी सौगात से कम नहीं, क्योंकि यह उनकी खेती को मुनाफेदार बनाती है।
80 प्रतिशत सब्सिडी
बिहार सरकार का लक्ष्य है कि हर खेत तक पानी पहुँचे और किसानों की लागत कम हो। इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने की लागत का 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। मान लीजिए, अगर सिस्टम लगाने का खर्च 50 हजार रुपये है, तो किसान को सिर्फ 10 हजार रुपये देने होंगे, बाकी राशि सरकार वहन करेगी।
यह सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे किसानों के बैंक खाते में पहुँचती है। यह योजना खास तौर पर छोटे और सीमांत किसानों के लिए बनाई गई है, ताकि वे आधुनिक तकनीक अपनाकर अपनी खेती को और लाभकारी बना सकें। बिहार में पहले से ही कई किसानों ने इस योजना का लाभ उठाकर अपनी फसलों की पैदावार बढ़ाई है।
योजना के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ बिहार के वे सभी किसान उठा सकते हैं, जो अपनी खेती को आधुनिक बनाना चाहते हैं। इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं। सबसे पहले, आवेदक का बिहार का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। दूसरा, उनके पास खेती योग्य जमीन होनी चाहिए, चाहे वह अपनी हो या लीज पर ली गई। स्वयं सहायता समूह (SHG), किसान उत्पादक संगठन (FPO) और सहकारी समितियों के सदस्य भी इस योजना में हिस्सा ले सकते हैं। सब्सिडी की राशि प्रति लाभार्थी अधिकतम 5 हेक्टेयर के लिए दी जाती है। आवेदन के लिए आधार कार्ड जरूरी है, क्योंकि अनुदान DBT के जरिए ट्रांसफर होता है। इसके अलावा, जमीन के कागजात और बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी।
आवेदन की आसान प्रक्रिया
बिहार सरकार ने इस योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया को बेहद सरल बनाया है। किसान बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वेबसाइट के मुख्य पेज पर योजना विकल्प पर क्लिक करना होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का चयन करें। यहाँ व्यक्तिगत ड्रिप सिंचाई और मिनी स्प्रिंकलर सब्सिडी का विकल्प मिलेगा। इस पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन फॉर्म खोलें। फॉर्म में नाम, आधार नंबर, बैंक खाता विवरण, और जमीन के कागजात जैसी जानकारी सावधानी से भरें।
जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, जमीन के कागजात, और पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करें। फॉर्म जमा करने के बाद आवेदन की जाँच होगी, और पात्रता सही पाए जाने पर सब्सिडी सीधे खाते में आएगी। अगर ऑनलाइन आवेदन में दिक्कत हो, तो नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
बिहार में योजना का असर
बिहार में यह योजना पहले से ही कई किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम अपनाने वाले किसानों ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि अपनी फसलों की पैदावार भी बढ़ाई। मिसाल के तौर पर, कुछ जिलों में सब्जियों और बागवानी फसलों में ड्रिप सिंचाई से 30-40 प्रतिशत ज्यादा उत्पादन देखा गया है। बिहार सरकार ने इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल को पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया है। साथ ही, उद्यान निदेशालय और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी दे रहे हैं, ताकि वे इन आधुनिक तकनीकों का सही इस्तेमाल कर सकें।
किसानों के लिए नया अवसर
ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सब्सिडी योजना 2025 बिहार के किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह योजना न सिर्फ पानी की कमी की समस्या से निपटेगी, बल्कि खेती को कम लागत में ज्यादा मुनाफेदार बनाएगी। ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम से किसान कम पानी में ज्यादा फसल उगा सकते हैं, और 80 प्रतिशत सब्सिडी की वजह से ये तकनीक अब हर किसान की पहुँच में है। बिहार के मेहनती किसानों के लिए यह योजना खेती को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का रास्ता है। अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या horticulture.bihar.gov.in पर जाकर इस योजना की पूरी जानकारी लें और आज ही आवेदन करें। अपनी खेती को समृद्ध बनाएँ और बिहार की खुशहाली में हिस्सा बटाएँ।
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