किसान भाइयों, अब ड्रोन से करें छिड़काव और पाएं 50% सब्सिडी, जानिए कैसे करें आवेदन अभी!

Drone Fertilizer Spraying Subsidy: बिहार में खेती को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए “कृषि ड्रोन से फसलों पर कीटनाशी और तरल उर्वरक का छिड़काव योजना” को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत राज्य के सभी 38 जिलों के किसान ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर कम समय में ज्यादा रकबे में कीटनाशी और उर्वरक का छिड़काव कर सकेंगे। सरकार ने इस बार 56,050 एकड़ फसल क्षेत्र पर ड्रोन से छिड़काव का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल की तुलना में दोगुना है।

56,050 एकड़ का नया लक्ष्य

बिहार के कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि ड्रोन तकनीक की मांग बढ़ रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिहार में 27,666 एकड़ फसल क्षेत्र पर ड्रोन से छिड़काव किया गया था। इस बार सरकार ने लक्ष्य को बढ़ाकर 56,050 एकड़ कर दिया है। सिन्हा ने कहा कि ड्रोन तकनीक से खेती में क्रांतिकारी बदलाव आ रहा है। ये न सिर्फ समय बचाता है, बल्कि लागत भी कम करता है। एक ड्रोन 10-12 मिनट में 1 एकड़ खेत में छिड़काव कर सकता है, जिससे किसानों की मेहनत कम हो रही है।

प्रति एकड़ 240 रुपये की सब्सिडी

इस योजना के तहत किसानों को ड्रोन से छिड़काव के लिए सब्सिडी दी जाएगी। सरकार प्रति एकड़ अधिकतम 240 रुपये या छिड़काव शुल्क का 50% सब्सिडी देगी। एक किसान अधिकतम 15 एकड़ क्षेत्र के लिए और साल में दो बार ड्रोन छिड़काव की सब्सिडी ले सकता है। बिहार के उप मुख्यमंत्री सिन्हा ने बताया कि इस योजना से किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी। ड्रोन से छिड़काव के लिए एक उड़ान में 10 लीटर कीटनाशी, फफूंदनाशी, या तरल उर्वरक का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो फसलों की गुणवत्ता और पैदावार बढ़ाने में मदद करता है।

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ड्रोन से खेती में क्रांति

कृषि ड्रोन ने बिहार में खेती के तौर-तरीकों को बदल दिया है। सिन्हा ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव के जरिए एनपीके कनसोर्टिया, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, और सूक्ष्म पोषक तत्वों का इस्तेमाल हो रहा है। इससे फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता में बढ़ोतरी हो रही है। ड्रोन तकनीक से छिड़काव की प्रक्रिया तेज और प्रभावी हो गई है। एक ड्रोन 10-12 मिनट में 1 एकड़ खेत में छिड़काव कर देता है, जो परंपरागत तरीकों से कई घंटे का काम है। इससे किसानों का समय और मेहनत दोनों बच रहे हैं।

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि ड्रोन तकनीक किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। उन्होंने बताया कि ये पहल टिकाऊ खेती, पर्यावरण संतुलन, और स्मार्ट खेती को बढ़ावा दे रही है। ड्रोन के इस्तेमाल से खेती की लागत कम हो रही है, और किसानों की आमदनी बढ़ रही है। सिन्हा ने कहा कि सरकार का मकसद किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है। बिहार में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है, ताकि किसान भाई आधुनिक खेती की ओर बढ़ सकें।

ड्रोन से बढ़ेगी फसलों की पैदावार

ड्रोन तकनीक से न सिर्फ समय और लागत की बचत हो रही है, बल्कि फसलों की पैदावार भी बढ़ रही है। ड्रोन से छिड़काव के जरिए तरल उर्वरक और कीटनाशी का सही इस्तेमाल हो रहा है, जिससे फसलों को पूरा पोषण मिलता है। बिहार सरकार की इस योजना से किसानों को उम्मीद है कि उनकी कमाई में बढ़ोतरी होगी। अगर आप भी इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें और ड्रोन तकनीक को अपनाकर खेती को आसान बनाएँ।

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  • Shashikant

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